अपवर्तन: Difference between revisions

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*किसी माध्यम का अपवर्तनांक भिन्न-भिन्न रंग के प्रकाश के लिए भिन्न-भिन्न होता है। तरंगदैर्ध्य बढ़ने के साथ अपवर्तनांक का मान कम हो जाता है। अतः [[लाल रंग]] का अपवर्तनांक सबसे कम तथा [[बैंगनी रंग]] का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है।
*किसी माध्यम का अपवर्तनांक भिन्न-भिन्न रंग के प्रकाश के लिए भिन्न-भिन्न होता है। तरंगदैर्ध्य बढ़ने के साथ अपवर्तनांक का मान कम हो जाता है। अतः [[लाल रंग]] का अपवर्तनांक सबसे कम तथा [[बैंगनी रंग]] का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है।
*ताप बढ़ने पर भी सामान्यतः अपवर्तनांक घटता है। लेकिन यह परिवर्तन बहुत ही कम होता है।
*ताप बढ़ने पर भी सामान्यतः अपवर्तनांक घटता है। लेकिन यह परिवर्तन बहुत ही कम होता है।
*किसी माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक निर्वात में प्रकाश की चाल तथा उस माध्यम में प्रकाश की [[चाल]] के अनुपात के बराबर होता है। अर्थात्  
*किसी माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक निर्वात में [[प्रकाश]] की [[चाल]] तथा उस माध्यम में प्रकाश की चाल के अनुपात के बराबर होता है। अर्थात्  
<blockquote>'''निर्वात अपवर्तनांक <math>\mu</math> =  निर्वात में प्रकाश की चाल / माध्यम में प्रकाश की चाल'''</blockquote>
<blockquote>'''निर्वात अपवर्तनांक <math>\mu</math> =  निर्वात में प्रकाश की चाल / माध्यम में प्रकाश की चाल'''</blockquote>
==अपवर्तनांक के कारण घटित घटनाएँ==
==अपवर्तनांक के कारण घटित घटनाएँ==
*[[द्रव]] में अंशतः डूबी हुई सीधी छड़ टेढ़ी दिखाई पड़ती है।
*[[द्रव]] में अंशतः डूबी हुई सीधी छड़ टेढ़ी दिखाई पड़ती है।
*[[तारा (आकाशीय पिण्ड)|तारे]] टिमटिमाते हुए दिखाई पड़ते हैं।
*[[तारा|तारे]] टिमटिमाते हुए दिखाई पड़ते हैं।
*सूर्योदय के पहले एवं सूर्यास्त के बाद भी [[सूर्य]] दिखाई देता है।
*सूर्योदय के पहले एवं सूर्यास्त के बाद भी [[सूर्य देवता|सूर्य]] दिखाई देते हैं।
*पानी से भरे किसी बर्तन की तली में पड़ा हुआ सिक्का ऊपर उठा हुआ दिखाई पड़ता है।
*पानी से भरे किसी बर्तन की तली में पड़ा हुआ सिक्का ऊपर उठा हुआ दिखाई पड़ता है।
*[[जल]] के अन्दर पड़ी हुई [[मछली]] वास्तविक गहराई से कुछ ऊपर उठी हुई दिखाई पड़ती है।
*[[जल]] के अन्दर पड़ी हुई [[मछली]] वास्तविक गहराई से कुछ ऊपर उठी हुई दिखाई पड़ती है।


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Latest revision as of 09:41, 31 July 2016

जब प्रकाश की किरणें एक पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती है, तो दोनों माध्यमों को अलग करने वाले तल पर अभिलम्बत् आपाती होने पर बिना मुड़े सीधे निकल जाती है, परन्तु तिरछी आपाती होने पर वे अपनी मूल दिशा से विचलित हो जाती है। इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं। जब प्रकाश की कोई किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है, तो दोनों माध्यमों के पृष्ठ पर खींचे गए अभिलंब की ओर झुक जाती है तथा जब किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती, तो वह अभिलंब से दूर हट जाती है, लेकिन जो किरण अभिलंब के समांतर प्रवेश करती है, उनके पथ में कोई परिवर्तन नहीं होता।

अपवर्तन के नियम

  • आपतित किरण, अभिलंब तथा अपवर्तित किरण तीनों एक ही समतल में स्थित होते हैं।
  • किन्हीं दो माध्यमों के लिए आपतन कोण के ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण के ज्या का अनुपात एक नियतांक होता है। अर्थात्

Failed to parse (SVG (MathML can be enabled via browser plugin): Invalid response ("Math extension cannot connect to Restbase.") from server "https://api.formulasearchengine.com/v1/":): {\frac {\sin i}{\sin r}}=\mu (नियतांक)

नियतांक को पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक कहते हैं। इस नियम को स्नेल का नियम भी कहते हैं।

  • किसी माध्यम का अपवर्तनांक भिन्न-भिन्न रंग के प्रकाश के लिए भिन्न-भिन्न होता है। तरंगदैर्ध्य बढ़ने के साथ अपवर्तनांक का मान कम हो जाता है। अतः लाल रंग का अपवर्तनांक सबसे कम तथा बैंगनी रंग का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है।
  • ताप बढ़ने पर भी सामान्यतः अपवर्तनांक घटता है। लेकिन यह परिवर्तन बहुत ही कम होता है।
  • किसी माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक निर्वात में प्रकाश की चाल तथा उस माध्यम में प्रकाश की चाल के अनुपात के बराबर होता है। अर्थात्

निर्वात अपवर्तनांक Failed to parse (SVG (MathML can be enabled via browser plugin): Invalid response ("Math extension cannot connect to Restbase.") from server "https://api.formulasearchengine.com/v1/":): \mu = निर्वात में प्रकाश की चाल / माध्यम में प्रकाश की चाल

अपवर्तनांक के कारण घटित घटनाएँ

  • द्रव में अंशतः डूबी हुई सीधी छड़ टेढ़ी दिखाई पड़ती है।
  • तारे टिमटिमाते हुए दिखाई पड़ते हैं।
  • सूर्योदय के पहले एवं सूर्यास्त के बाद भी सूर्य दिखाई देते हैं।
  • पानी से भरे किसी बर्तन की तली में पड़ा हुआ सिक्का ऊपर उठा हुआ दिखाई पड़ता है।
  • जल के अन्दर पड़ी हुई मछली वास्तविक गहराई से कुछ ऊपर उठी हुई दिखाई पड़ती है।


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