वंशीवट, भांडीरवन: Difference between revisions

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'''वंशीवट''' [[ब्रज|ब्रजमण्डल]] में [[भांडीरवन]] के [[भांडीरवट]] से थोड़ी ही दूरी पर अवस्थित है। यह [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] की रासस्थली है। यह वंशीवट [[वृन्दावन]] वाले वंशीवट से पृथक् है।


*श्रीकृष्ण जब यहाँ गोचारण कराते, तब वे इसी वट वृक्ष के ऊपर चढ़कर अपनी [[बाँसुरी|वंशी]] से [[गाय|गायों]] का नाम पुकार कर उन्हें एकत्र करते और उन सबको एकसाथ लेकर अपने गोष्ठ में लौटते।
*श्रीकृष्ण जब यहाँ गोचारण कराते, तब वे इसी वट वृक्ष के ऊपर चढ़कर अपनी [[बाँसुरी|वंशी]] से [[गाय|गायों]] का नाम पुकार कर उन्हें एकत्र करते और उन सबको एकसाथ लेकर अपने गोष्ठ में लौटते।

Latest revision as of 13:31, 1 August 2017

वंशीवट, भांडीरवन
विवरण 'वंशीवट' ब्रजमण्डल के द्वादश वनों में से एक भाण्डीरवन में स्थित है। यह श्रीकृष्ण की रासलीला का स्थल है।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला मथुरा
प्रसिद्धि श्रीकृष्ण लीला स्थल
संबंधित लेख ब्रज, मथुरा, भांडीरवन, रासलीला, कृष्णलीला


अन्य जानकारी श्रीकृष्ण गोचारण के समय इसी वृक्ष के नीचे राधा और उनकी सखियों के साथ रास रचाते थे।

वंशीवट ब्रजमण्डल में भांडीरवन के भांडीरवट से थोड़ी ही दूरी पर अवस्थित है। यह श्रीकृष्ण की रासस्थली है। यह वंशीवट वृन्दावन वाले वंशीवट से पृथक् है।

  • श्रीकृष्ण जब यहाँ गोचारण कराते, तब वे इसी वट वृक्ष के ऊपर चढ़कर अपनी वंशी से गायों का नाम पुकार कर उन्हें एकत्र करते और उन सबको एकसाथ लेकर अपने गोष्ठ में लौटते।
  • कभी-कभी श्रीकृष्ण सुहावनी रात्रि काल में यहीं से प्रियतमा गोपियों के नाम 'राधिके ! ललिते ! विशाखे' ! पुकारते। इन सखियों के आने पर इस वंशीवट के नीचे रासलीलाएँ सम्पन्न होती थीं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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