मेहरानगढ़ क़िला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 45: Line 45:
*मेहरानगढ़ क़िला 125 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।
*मेहरानगढ़ क़िला 125 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।
*परकोटे की ऊँचाई 20 फुट से 120 फुट तथा चौड़ाई 12 फुट से 70 फुट तक है। परकोटे में दुर्गम मार्गों वाले सात आरक्षित दुर्ग बने हुए थे।
*परकोटे की ऊँचाई 20 फुट से 120 फुट तथा चौड़ाई 12 फुट से 70 फुट तक है। परकोटे में दुर्गम मार्गों वाले सात आरक्षित दुर्ग बने हुए थे।
*इस क़िले के सौंदर्य को शृंखलाबद्ध रूप से बने द्वार और भी बढ़ाते हैं।  
*इस क़िले के सौंदर्य को श्रृंखलाबद्ध रूप से बने द्वार और भी बढ़ाते हैं।  
**इन्‍हीं द्वारों में से एक है-जयपोल। इसका निर्माण राजा [[मानसिंह]] ने 1806 ईस्‍वी में किया था।  
**इन्‍हीं द्वारों में से एक है-जयपोल। इसका निर्माण राजा [[मानसिंह]] ने 1806 ईस्‍वी में किया था।  
**दूसरे द्वार का नाम है-विजयद्वार। इसका निर्माण राजा [[अजीत सिंह]] ने मुग़लों पर विजय के उपलक्ष्‍य में किया था।  
**दूसरे द्वार का नाम है-विजयद्वार। इसका निर्माण राजा [[अजीत सिंह]] ने मुग़लों पर विजय के उपलक्ष्‍य में किया था।  
Line 55: Line 55:
{{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
{{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
==वीथिका==
==वीथिका==
<gallery perrow="3" widths="200">
<gallery>
चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-12.jpg|मेहरानगढ़ क़िला, [[जोधपुर]]
चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-12.jpg|मेहरानगढ़ क़िला, [[जोधपुर]]
चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-11.jpg|मेहरानगढ़ क़िला, [[जोधपुर]]
चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-11.jpg|मेहरानगढ़ क़िला, [[जोधपुर]]
Line 69: Line 69:
चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-9.jpg|मेहरानगढ़ क़िला, [[जोधपुर]]
चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-9.jpg|मेहरानगढ़ क़िला, [[जोधपुर]]
</gallery>
</gallery>
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}{{भारत के दुर्ग}}
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}{{भारत के दुर्ग}}
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:जोधपुर_के_पर्यटन_स्थल]]
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:जोधपुर_के_पर्यटन_स्थल]]
[[Category:जोधपुर]][[Category:भारत के दुर्ग]][[Category:स्थापत्य कला]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:कला कोश]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:इतिहास कोश]] __INDEX__
[[Category:जोधपुर]][[Category:भारत के दुर्ग]][[Category:स्थापत्य कला]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:कला कोश]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:इतिहास कोश]] __INDEX__

Latest revision as of 10:30, 9 February 2021

मेहरानगढ़ क़िला
विवरण मेहरानगढ़ क़िला 120 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।
राज्य राजस्थान
ज़िला जोधपुर
निर्माता महाराजा मान सिंह, अजीत सिंह
निर्माण काल 1459 ई.
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 26° 18' 0.00", पूर्व- 73° 1' 12.00"
मार्ग स्थिति मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 65 से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन जोधपुर रेलवे स्टेशन
बस अड्डा जोधपुर बस अड्डा
यातायात स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा
क्या देखें चामुंडा माताजी का मंदिर, मोती महल, शीशा महल
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
एस.टी.डी. कोड 0291
ए.टी.एम लगभग सभी
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख जसवंत थाड़ा, उम्मेद महल


अन्य जानकारी मेहरानगढ़ क़िले के संग्रहालय में हथियार, वेशभूषा, चित्र और कमरों में राठौड़ की विरासत दर्शाती है।
अद्यतन‎

मेहरानगढ़ क़िला पहाड़ी के बिल्‍कुल ऊपर बसे होने के कारण राजस्थान राज्य के सबसे ख़ूबसूरत क़िलों में से एक है। मेहरानगढ़ के क़िले को जोधपुर का क़िला भी कहा जाता है। यह भव्य क़िला 125 मीटर ऊँची पहाड़ी पर जोधपुर की शान के रूप में स्थित है। राव जोधा द्वारा सन 1459 में सामरिक दृष्टि से बनवाया गया यह क़िला प्राचीन कला, वैभव, शक्ति, साहस, त्याग और स्थापत्य का अनूठा नमूना है।

  • क़िले के भीतर मोती महल, शीश महल, फूल महल, दौलतखाना आदि स्थापत्य शिल्पकला के शानदार नमूने हैं। भवनों की मेहराबदार खिड़कियों और छज्जों पर बालुई पत्थर से की गई बारीक खूबसूरत नक्काशी देखने लायक है। क़िले की बुर्ज पर रखी ऐतिहासिक तोपें दर्शनीय हैं।[1]
  • क़िले के एक भाग में स्थित संग्राहलय में 17वीं सदी के शस्त्र, राजसी पोशाकें, लोक वाध्य तथा जोधपुर शैली के चित्र ख़ासतौर पर देखने लायक हैं।
  • मेहरानगढ़ क़िला 125 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।
  • परकोटे की ऊँचाई 20 फुट से 120 फुट तथा चौड़ाई 12 फुट से 70 फुट तक है। परकोटे में दुर्गम मार्गों वाले सात आरक्षित दुर्ग बने हुए थे।
  • इस क़िले के सौंदर्य को श्रृंखलाबद्ध रूप से बने द्वार और भी बढ़ाते हैं।
    • इन्‍हीं द्वारों में से एक है-जयपोल। इसका निर्माण राजा मानसिंह ने 1806 ईस्‍वी में किया था।
    • दूसरे द्वार का नाम है-विजयद्वार। इसका निर्माण राजा अजीत सिंह ने मुग़लों पर विजय के उपलक्ष्‍य में किया था।
  • दुर्ग के भीतर राजप्रासाद स्थित है। दुर्ग के भीतर सिलहखाना (शस्त्रागार), मोती महल, जवाहरखाना आदि मुख्य इमारतें हैं।
  • मोती महल के प्रकोष्ठों की भित्तियों तथा छतों पर सोने की अनुपम कारीगरी की गयी है। क़िले के उत्तर की ओर ऊँची पहाड़ी पर थड़ा नामक एक भवन है जो संगमरमर का बना है। यह एक ऊँचे -चौड़े चबूतरे पर स्थित है।
  • यहाँ जोधपुर नरेश जसवंतसिंह सहित कई राजाओं के समाधि स्थल बने हुए हैं। जोधपुर की एक विशेषता यहाँ की कृत्रिम झीलें और कुएँ हैं, जिनके अभाव में इस इलाके में नगर की कल्पना नहीं की जा सकती थी।
  • मेहरानगढ़ के क़िले का एक कुआँ तो 135 मीटर गहरा है। इस सारी व्यवस्था के बावजूद वहाँ जल का अभाव सदैव महसूस किया जाता था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजस्थान पर्यटन (हिंदी) metromirror.com। अभिगमन तिथि: 19 जनवरी, 2017।

संबंधित लेख