नाटी नृत्य: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (Adding category Category:संस्कृति कोश (को हटा दिया गया हैं।)) |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Nati-Dance-Himachal-Pradesh.jpg|thumb|250px|नाटी नृत्य पर [[डाक टिकट]]]] | |||
'''नाटी''' एक समृद्ध नृत्य परंपरा है। यह मेलों तथा त्योहारों पर किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय व मशहूर नृत्य है। यह नृत्य [[हिमाचल प्रदेश]] के [[कुल्लू]], [[सिरमौर]], [[शिमला]] इत्यादि [[महाजनपद|जनपदों]] में किया जाता है। इसे धीमी गति से आरम्भ किया जाता है, जिसे करते समय इसे ढीली नाटी कहा जाता है व बाद में यह द्रुत गति से बढ़ता जाता है। | |||
==वाद्य== | |||
* इस नृत्य में [[ढोलक]], [[करनाल]], [[रणसिंघा]], [[बांसुरी]], [[शहनाई]] एवं [[नगाड़े]] का प्रयोग किया जाता | *इस नृत्य में [[ढोलक]], [[करनाल]], [[रणसिंघा]], [[बांसुरी]], [[शहनाई]] एवं [[नगाड़े]] का प्रयोग किया जाता है। | ||
* | *नृत्य में महिलाएँ घर आंगन में लिपाई कर नर्तन करते हुए खुशी का इजहार करती हैं। | ||
==प्रकार== | ==प्रकार== | ||
नाटी नृत्य के कई प्रकार हैं। जिस प्रकार [[छंद]]-[[अलंकार]] के 9 गुण होते हैं, उसी प्रकार से नाटी नृत्य में भी 9 प्रकार के ताल हैं। इस नृत्य में स्वच्छंदता व व्यवस्था है व उन्मुक्त भाव भी है। ऐसी स्वभाविकता जनसमुदाय में प्रवाह है। खड़यातर नाटी में वीरता का भाव है। यह नृत्य धीमी गति से शुरू होकर तेज़ नृत्य के साथ खत्म होती हैं। नाटी नृत्य के कई प्रकार हैं जिनमें मुख्य इस प्रकार है:- | नाटी नृत्य के कई प्रकार हैं। जिस प्रकार [[छंद]]-[[अलंकार]] के 9 गुण होते हैं, उसी प्रकार से नाटी नृत्य में भी 9 प्रकार के ताल हैं। इस नृत्य में स्वच्छंदता व व्यवस्था है व उन्मुक्त भाव भी है। ऐसी स्वभाविकता जनसमुदाय में प्रवाह है। खड़यातर नाटी में वीरता का भाव है। यह नृत्य धीमी गति से शुरू होकर तेज़ नृत्य के साथ खत्म होती हैं। नाटी नृत्य के कई प्रकार हैं जिनमें मुख्य इस प्रकार है:- | ||
Line 14: | Line 14: | ||
#हौरन | #हौरन | ||
#चद्रांउली | #चद्रांउली | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | ||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{नृत्य कला}} | {{नृत्य कला}} | ||
[[Category:कला कोश]] | [[Category:कला कोश]][[Category:लोक नृत्य]][[Category:नृत्य कला]][[Category:संस्कृति कोश]] | ||
[[Category:लोक नृत्य]] | |||
[[Category:नृत्य कला]] | |||
[[Category:संस्कृति कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 11:53, 6 March 2024
[[चित्र:Nati-Dance-Himachal-Pradesh.jpg|thumb|250px|नाटी नृत्य पर डाक टिकट]] नाटी एक समृद्ध नृत्य परंपरा है। यह मेलों तथा त्योहारों पर किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय व मशहूर नृत्य है। यह नृत्य हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, सिरमौर, शिमला इत्यादि जनपदों में किया जाता है। इसे धीमी गति से आरम्भ किया जाता है, जिसे करते समय इसे ढीली नाटी कहा जाता है व बाद में यह द्रुत गति से बढ़ता जाता है।
वाद्य
- इस नृत्य में ढोलक, करनाल, रणसिंघा, बांसुरी, शहनाई एवं नगाड़े का प्रयोग किया जाता है।
- नृत्य में महिलाएँ घर आंगन में लिपाई कर नर्तन करते हुए खुशी का इजहार करती हैं।
प्रकार
नाटी नृत्य के कई प्रकार हैं। जिस प्रकार छंद-अलंकार के 9 गुण होते हैं, उसी प्रकार से नाटी नृत्य में भी 9 प्रकार के ताल हैं। इस नृत्य में स्वच्छंदता व व्यवस्था है व उन्मुक्त भाव भी है। ऐसी स्वभाविकता जनसमुदाय में प्रवाह है। खड़यातर नाटी में वीरता का भाव है। यह नृत्य धीमी गति से शुरू होकर तेज़ नृत्य के साथ खत्म होती हैं। नाटी नृत्य के कई प्रकार हैं जिनमें मुख्य इस प्रकार है:-
- ताउली
- फेटी नाटी
- बाखली नाटी
- बुशहरी नाटी
- बांठड़ा
- हौरन
- चद्रांउली
|
|
|
|
|