चेरा नृत्य: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('लोक नृत्यों में चेरा मिज़ो जनों का बहुत प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(6 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[लोक नृत्य|लोक नृत्यों]] में चेरा मिज़ो जनों का बहुत पुराना पारम्‍परिक नृत्‍य है। ऐसा माना जाता है कि यह नृत्‍य पहली शताब्‍दी ए. डी. में भी मौजूद था जबकि कुछ मिज़ो जन तेरहवीं शताब्‍दी ए. डी. में चिन्‍ह पहाडियों में प्रवास के पहले [[चीन]] के यूनान प्रांत में कहीं रहते थे और अंतत: वे वर्तमान [[मिजोरम]] में आ कर बस गए। इनमें से कुछ जनजातियाँ दक्षिण पूर्व एशिया में रहती हैं और इनके एक या अनेक रूपों में भिन्‍न भिन्‍न नाम वाले समान प्रकार के नृत्‍य हैं।
[[लोक नृत्य|लोक नृत्यों]] में चेरा मिज़ो जनों का बहुत पुराना पारम्‍परिक नृत्‍य है। ऐसा माना जाता है कि यह नृत्‍य पहली शताब्‍दी ए. डी. में भी मौजूद था जबकि कुछ मिज़ो जन तेरहवीं शताब्‍दी ए. डी. में चिन्‍ह पहाडियों में प्रवास के पहले [[चीन]] के यूनान प्रांत में कहीं रहते थे और अंतत: वे वर्तमान [[मिज़ोरम]] में आ कर बस गए। इनमें से कुछ जनजातियाँ दक्षिण पूर्व एशिया में रहती हैं और इनके एक या अनेक रूपों में भिन्‍न भिन्‍न नाम वाले समान प्रकार के नृत्‍य हैं।


भूमि पर आमने-सामने पुरुष बैठे होते हैं और बांसों की आड़ी और खड़ी कतारों में इन जोड़ों को लय पर खोलते और बंद करते हैं। लड़कियाँ पारम्‍परिक मिज़ो परिधान 'पुआनछेई', 'कवरछेई', 'वकीरिया' और 'थिहना' पहन कर नृत्‍य करती है तथा वे बाँस के बीच कदम बाहर और अंदर रखती हैं। यह नृत्‍य लगभग सभी त्योहार के अवसरों पर किया जाता है। चेरा की यह अनोखी शैली उन सभी स्‍थानों पर अत्‍यंत मनमोहक प्रतीत होता है, जहाँ इसे किया जाता है। नृत्‍य के साथ गोंग और नाद-वाद्य बजाए जाते हैं। वर्तमान समय में आधुनिक संगीत भी इस नृत्‍य में उपयोग किया जाता है।
भूमि पर आमने-सामने पुरुष बैठे होते हैं और बांसों की आड़ी और खड़ी कतारों में इन जोड़ों को लय पर खोलते और बंद करते हैं। लड़कियाँ पारम्‍परिक मिज़ो परिधान 'पुआनछेई', 'कवरछेई', 'वकीरिया' और 'थिहना' पहन कर नृत्‍य करती है तथा वे बाँस के बीच क़दम बाहर और अंदर रखती हैं। यह नृत्‍य लगभग सभी त्योहार के अवसरों पर किया जाता है। चेरा की यह अनोखी शैली उन सभी स्‍थानों पर अत्‍यंत मनमोहक प्रतीत होता है, जहाँ इसे किया जाता है। नृत्‍य के साथ गोंग और नाद-वाद्य बजाए जाते हैं। वर्तमान समय में आधुनिक [[संगीत]] भी इस नृत्‍य में उपयोग किया जाता है।
 
{{लेख प्रगति
[[Category:लोक नृत्य]]  [[Category:कला कोश]]__INDEX__
|आधार=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
==संबंधित लेख==
{{नृत्य कला}}
[[Category:लोक नृत्य]]  [[Category:कला कोश]]
[[Category:नृत्य कला]]
[[Category:संस्कृति कोश]]__INDEX__

Latest revision as of 06:05, 11 February 2011

लोक नृत्यों में चेरा मिज़ो जनों का बहुत पुराना पारम्‍परिक नृत्‍य है। ऐसा माना जाता है कि यह नृत्‍य पहली शताब्‍दी ए. डी. में भी मौजूद था जबकि कुछ मिज़ो जन तेरहवीं शताब्‍दी ए. डी. में चिन्‍ह पहाडियों में प्रवास के पहले चीन के यूनान प्रांत में कहीं रहते थे और अंतत: वे वर्तमान मिज़ोरम में आ कर बस गए। इनमें से कुछ जनजातियाँ दक्षिण पूर्व एशिया में रहती हैं और इनके एक या अनेक रूपों में भिन्‍न भिन्‍न नाम वाले समान प्रकार के नृत्‍य हैं।

भूमि पर आमने-सामने पुरुष बैठे होते हैं और बांसों की आड़ी और खड़ी कतारों में इन जोड़ों को लय पर खोलते और बंद करते हैं। लड़कियाँ पारम्‍परिक मिज़ो परिधान 'पुआनछेई', 'कवरछेई', 'वकीरिया' और 'थिहना' पहन कर नृत्‍य करती है तथा वे बाँस के बीच क़दम बाहर और अंदर रखती हैं। यह नृत्‍य लगभग सभी त्योहार के अवसरों पर किया जाता है। चेरा की यह अनोखी शैली उन सभी स्‍थानों पर अत्‍यंत मनमोहक प्रतीत होता है, जहाँ इसे किया जाता है। नृत्‍य के साथ गोंग और नाद-वाद्य बजाए जाते हैं। वर्तमान समय में आधुनिक संगीत भी इस नृत्‍य में उपयोग किया जाता है।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख