घुरई नृत्य: Difference between revisions
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*घुरई का अर्थ है गोल -गोल घूमना। | *घुरई का अर्थ है गोल-गोल घूमना। | ||
*अपने | *अपने पारम्परिक वस्त्रों में स्त्रियाँ इस नृत्य को करती हैं। | ||
*घुरई नृत्य में स्त्रियाँ गले में कंठहार, पैरों में [[पायल]], नाक में बेसर, कानों में कर्णफूल धारण करती हैं। | *घुरई नृत्य में स्त्रियाँ गले में कंठहार, पैरों में [[पायल]], नाक में बेसर, कानों में कर्णफूल धारण करती हैं। | ||
*घुरई नृत्य में ऐतिहासिक घटना का वर्णन होता है। | *घुरई नृत्य में ऐतिहासिक घटना का वर्णन होता है। |
Revision as of 11:01, 7 February 2011
- भारत में प्रचलित कुछ प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैलियों में से एक घुरई नृत्य है।
- यह नृत्य चम्बा क्षेत्र में किया जाता है।
- घुरई का अर्थ है गोल-गोल घूमना।
- अपने पारम्परिक वस्त्रों में स्त्रियाँ इस नृत्य को करती हैं।
- घुरई नृत्य में स्त्रियाँ गले में कंठहार, पैरों में पायल, नाक में बेसर, कानों में कर्णफूल धारण करती हैं।
- घुरई नृत्य में ऐतिहासिक घटना का वर्णन होता है।
- इस नृत्य को स्त्रियों द्वारा किया जाता है।
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