हर्षवर्धन की रचनाएँ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (श्रेणी:कवि (को हटा दिया गया हैं।))
Line 20: Line 20:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{संस्कृत साहित्यकार}}{{संस्कृत साहित्य2}}
{{संस्कृत साहित्यकार}}{{संस्कृत साहित्य2}}
[[Category:कवि]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]]

Revision as of 05:27, 25 August 2011

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
  • पूष्यभूति वंशीय शासक हर्षवर्धन (606-647) महान विजेता एवं साम्राज्य निर्माता होने के साथ-साथ एक उच्च प्रतिभा के धनी नाटककार भी थे। हर्ष को संस्कृत में लिखित तीन नाटकों का रचियता माना जाता है-

1- रत्नावली - रत्नावली नाटक में चार अंक हैं। यह एक प्रसिद्ध नाटक है। जिसमें हर्ष ने एक आर्दश कथानक को भव्य रूप से प्रस्तुत किया है। चरित्र-चित्रण कुशलतापूर्वक किया गया है।

2- नागानन्द - नागानन्द पाँच अंकों का नाटक है, जिसका कथानक बौद्ध धर्म से लिया गया है। इसका नायक 'जीमूतवाहन' अपने आर्दश चरित्र के लिए प्रसिद्ध है। परोपकार के लिए आत्म-त्याग की भावना का पूर्ण परिपाक हमें यहाँ दिखाई देता है।

3- प्रियदर्शिका - प्रिदर्शिका चार अंकों का नाटक है, जिसमें 'वत्सराज उदयन' तथा महाराज दृढ़वर्मा की कन्या 'प्रियदर्शिका' की प्रणय कथा का नाटकीय चित्रण मिलता है।

  • हर्ष की काव्य-शैली सरल तथा सुबोध है। उसके वर्णनों में विस्तार मिलता है। प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन भी सुन्दर है। प्रणय नाटकों के रूप में हर्ष का नाम अमर रहेगा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख