केशुभाई पटेल: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 35: | Line 35: | ||
|बाहरी कड़ियाँ= | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
|अद्यतन= | |अद्यतन= | ||
}}'''केशुभाई पटेल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Keshubhai Patel'', जन्म- [[24 जुलाई]], [[1928]]; मृत्यु- [[29 अक्टूबर]], [[2020]]) [[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ पदाधिकारीयों मेंं से एक तथा [[गुजरात]] के भूतपूर्व दसवें [[मुख्यमंत्री]] रहे | }}'''केशुभाई पटेल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Keshubhai Patel'', जन्म- [[24 जुलाई]], [[1928]]; मृत्यु- [[29 अक्टूबर]], [[2020]]) [[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ पदाधिकारीयों मेंं से एक तथा [[गुजरात]] के भूतपूर्व दसवें [[मुख्यमंत्री]] रहे थे। उन्होंने [[अगस्त]], [[2012]] में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था और बाद में गुजरात विधानसभा के चुनावों में भाग लेने हेतु एक नए राजनैतिक दल 'गुजरात परिवर्तन पार्टी' की शुरुआत की। केशुभाई पटेल [[1980]] के दशक से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे। उन्होंने पहले 2012 में बीजेपी छोड़ी और गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया, जिसका बाद में भारतीय जनता पार्टी के साथ विलय कर दिया गया। वह दो बार [[गुजरात के मुख्यमंत्री]] रहे- [[14 मार्च]], [[1995]] से [[21 अक्तूबर]], [[1995]] तक और फिर [[4 मार्च]], [[1998]] से [[6 अक्तूबर]], [[2001]] तक। | ||
==राजनीतिक सफर== | ==राजनीतिक सफर== | ||
सन [[1960]] के दशक में केशुभाई पटेल ने जनसंघ के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। वह इसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। [[1975]] में, जनसंघ-कांग्रेस (ओ) गठबंधन गुजरात में सत्ता में आई। [[आपातकाल]] के बाद [[1977]] में केशुभाई पटेल राजकोट निर्वाचन क्षेत्र से [[लोकसभा]] के लिए चुने गए थे। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और [[बाबूभाई पटेल]] की जनता मोर्चा सरकार में [[1978]] से [[1980]] तक कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। सन [[1979]] में मच्छू बांध दुर्घटना, जिसने मोरबी को तबाह कर दिया था, के बाद उन्हें राहत कार्य में शामिल किया गया था। | सन [[1960]] के दशक में केशुभाई पटेल ने जनसंघ के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। वह इसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। [[1975]] में, जनसंघ-कांग्रेस (ओ) गठबंधन गुजरात में सत्ता में आई। [[आपातकाल]] के बाद [[1977]] में केशुभाई पटेल राजकोट निर्वाचन क्षेत्र से [[लोकसभा]] के लिए चुने गए थे। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और [[बाबूभाई पटेल]] की जनता मोर्चा सरकार में [[1978]] से [[1980]] तक कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। सन [[1979]] में मच्छू बांध दुर्घटना, जिसने मोरबी को तबाह कर दिया था, के बाद उन्हें राहत कार्य में शामिल किया गया था। |
Latest revision as of 08:52, 29 October 2020
केशुभाई पटेल
| |
पूरा नाम | केशुभाई पटेल |
जन्म | 24 जुलाई, 1928 |
मृत्यु | 29 अक्टूबर, 2020 |
मृत्यु स्थान | अहमदाबाद, गुजरात |
पति/पत्नी | लीला पटेल |
संतान | पाँच पुत्र, एक पुत्री |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | भूतपूर्व 10वें मुख्यमंत्री, गुजरात (दो बार) |
कार्य काल | प्रथम-14 मार्च, 1995 से 21 अक्तूबर, 1995 तक द्वितीय-4 मार्च, 1998 से 6 अक्तूबर, 2001 तक |
अन्य जानकारी | केशुभाई पटेल 1978 और 1995 के बीच कलावाड़, गोंडल और विशावादार से विधानसभा चुनाव जीते। 1980 में, जब जनसंघ पार्टी को भंग कर दिया गया तो वह नवनिर्मित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ आयोजक बने। |
केशुभाई पटेल (अंग्रेज़ी: Keshubhai Patel, जन्म- 24 जुलाई, 1928; मृत्यु- 29 अक्टूबर, 2020) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारीयों मेंं से एक तथा गुजरात के भूतपूर्व दसवें मुख्यमंत्री रहे थे। उन्होंने अगस्त, 2012 में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था और बाद में गुजरात विधानसभा के चुनावों में भाग लेने हेतु एक नए राजनैतिक दल 'गुजरात परिवर्तन पार्टी' की शुरुआत की। केशुभाई पटेल 1980 के दशक से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे। उन्होंने पहले 2012 में बीजेपी छोड़ी और गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया, जिसका बाद में भारतीय जनता पार्टी के साथ विलय कर दिया गया। वह दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे- 14 मार्च, 1995 से 21 अक्तूबर, 1995 तक और फिर 4 मार्च, 1998 से 6 अक्तूबर, 2001 तक।
राजनीतिक सफर
सन 1960 के दशक में केशुभाई पटेल ने जनसंघ के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। वह इसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 1975 में, जनसंघ-कांग्रेस (ओ) गठबंधन गुजरात में सत्ता में आई। आपातकाल के बाद 1977 में केशुभाई पटेल राजकोट निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और बाबूभाई पटेल की जनता मोर्चा सरकार में 1978 से 1980 तक कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। सन 1979 में मच्छू बांध दुर्घटना, जिसने मोरबी को तबाह कर दिया था, के बाद उन्हें राहत कार्य में शामिल किया गया था।
केशुभाई पटेल 1978 और 1995 के बीच कलावाड़, गोंडल और विशावादार से विधानसभा चुनाव जीते। 1980 में, जब जनसंघ पार्टी को भंग कर दिया गया तो वह नवनिर्मित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ आयोजक बने। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खिलाफ चुनाव अभियान का आयोजन किया और उनके नेतृत्व में 1995 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत हासिल हुई।
मुख्यमंत्री
14 मार्च 1995 को केशुभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बने, परन्तु सात महीने बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उनके सहयोगी शंकरसिंह बाघेला ने उनके खिलाफ विद्रोह किया और सुरेश मेहता उन्हें सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री बनाने में सफल रहे। शंकरसिंह बाघेला ने राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) का गठन किया था और कांग्रेस (आई) के समर्थन के साथ अक्टूबर 1996 में वह मुख्यमंत्री बने। सन 1998 में विधानसभा को भंग कर दिया गया, क्योंकि कांग्रेस (आई) ने राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) को दिया अपना समर्थन वापस ले लिया था। 1998 के विधानसभा चुनावों में केशुभाई पटेल की अगुवाई में बीजेपी पुनः सत्ता में लौट आई और वह फिर 4 मार्च, 1998 को गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
2 अक्टूबर 2001 को केशुभाई पटेल ने अपने ख़राब स्वास्थ्य के कारण मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। सत्ता के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार और खराब प्रशासन के आरोप; 2001 के भुज भूकंप के दौरान राहत कार्यों में कुप्रबंधन के साथ-साथ उप-चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की हार और बीजेपी सीटों के नुकसान ने, बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यालय के लिए नए उम्मीदवार की तलाश करने के लिए प्रेरित किया। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। 2009 में केशुभाई पटेल विधानसभा चुनाव नहीं लड़े। वह 2002 में राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए।
गुजरात परिवर्तन पार्टी
2007 के विधानसभा चुनावों में केशुभाई पटेल ने अपने समुदाय से परिवर्तन के लिए मतदान करने का आग्रह किया। बीजेपी ने फिर से स्पष्ट बहुमत के साथ चुनाव जीता और मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाई। 2012 में उन्होंने अपनी बीजेपी सदस्यता को नवीनीकृत नहीं किया। उन्होने 4 अगस्त 2012 को बीजेपी से इस्तीफा दे दिया और 2012 गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया। भाजपा उम्मीदवार कणुभाई भालाल के खिलाफ विसावदर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता जबकि जीपीपी ने विसावदर सीट समेत कुल दो सीटें जीतीं। उन्होंने जनवरी 2014 में जीपीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और बाद में 13 फ़रवरी 2014 को अपने बीमार स्वास्थ्य के कारण गुजरात विधानसभा के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया। 24 फ़रवरी 2014 को बीजेपी के साथ जीपीपी का विलय हो गया।
मृत्यु
केशुभाई पटेल की मृत्यु 29 अक्टूबर, 2020 को अहमदाबाद, गुजरात में हुई। वह 92 वर्ष के थे। सांस लेने में तकलीफ की शिकायतों के बाद उन्हें अहमदाबाद के स्टर्लिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। कुछ समय पहले वह कोरोना वायरस से भी संक्रमित हुए थे, लेकिन फिर वह इस बीमारी से उबर गए थे। लेकिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। सांस लेने में तकलीफ की शिकायत बढ़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उन पर इलाज का असर नहीं हो रहा था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कडियाँ
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |