समूह (आवर्त सारणी): Difference between revisions

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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Periodic Table) [[आवर्त सारणी]] में 9 उर्ध्वाधर खाने होते हैं जिन्हें समूह कहते हैं। पुनः 8 समूहों को दो-दो उपसमूह में विभाजित किया गया है। इन्हें A और B उपसमूह कहते हैं। उपसमूह A में स्थित किसी [[तत्व]] का अंतिम [[इलेक्ट्रॉन]] S या P उपकोश में होता है। d और f ब्लॉक के तत्व उपसमूह B के अंतर्गत आते हैं। 8वें समूह को 3 भागों में विभाजित करके सभी 9 तत्वों को उपयुक्त स्थान दिया गया है।
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Group) [[आवर्त सारणी]] में 9 उर्ध्वाधर खाने होते हैं जिन्हें समूह कहते हैं। पुनः 8 समूहों को दो-दो उपसमूह में विभाजित किया गया है। इन्हें A और B उपसमूह कहते हैं। उपसमूह A में स्थित किसी [[तत्व]] का अंतिम [[इलेक्ट्रॉन]] S या P उपकोश में होता है। d और f ब्लॉक के तत्व उपसमूह B के अंतर्गत आते हैं। 8वें समूह को 3 भागों में विभाजित करके सभी 9 तत्वों को उपयुक्त स्थान दिया गया है।


इस प्रकार कुल समूहों की संख्या 16 होती है जो इस प्रकार हैं- IA, IIA, IIIB, IVB, VB, VIB, VIIB, VIIIB, IB, IIB, IIIA, IVA, VA, VIA, VIIA, Zero.
इस प्रकार कुल समूहों की संख्या 16 होती है जो इस प्रकार हैं- IA, IIA, IIIB, IVB, VB, VIB, VIIB, VIIIB, IB, IIB, IIIA, IVA, VA, VIA, VIIA, Zero.

Revision as of 12:24, 10 January 2011

(अंग्रेज़ी:Group) आवर्त सारणी में 9 उर्ध्वाधर खाने होते हैं जिन्हें समूह कहते हैं। पुनः 8 समूहों को दो-दो उपसमूह में विभाजित किया गया है। इन्हें A और B उपसमूह कहते हैं। उपसमूह A में स्थित किसी तत्व का अंतिम इलेक्ट्रॉन S या P उपकोश में होता है। d और f ब्लॉक के तत्व उपसमूह B के अंतर्गत आते हैं। 8वें समूह को 3 भागों में विभाजित करके सभी 9 तत्वों को उपयुक्त स्थान दिया गया है।

इस प्रकार कुल समूहों की संख्या 16 होती है जो इस प्रकार हैं- IA, IIA, IIIB, IVB, VB, VIB, VIIB, VIIIB, IB, IIB, IIIA, IVA, VA, VIA, VIIA, Zero.

समूह की विशेषताएँ

  • आवर्त सारणी के किसी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर तत्त्व के धातुई गुण में वृद्धि होती है।
  • किसी धातुओं के समूह में ऊपर से नीचे जाने पर धातुओं की क्रियाशीलता बढ़ती है, जबकि किसी अधातुओं के समूह में ऊपर से नीचे जाने पर अधातुओं की रासायनिक क्रियाशीलता घटती है।
  • किसी एक समूह के तत्त्वों की संयोजकता समान होती है।
  • किसी एक समूह के सभी तत्वों में संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।
  • आवर्त सारणी के किसी समूह में इलेक्ट्रॉन प्रीति का मान ऊपर से नीचे आने पर घटता है।
  • आवर्त सारणी के किसी समूह में ऊपर से नीचे आने पर विद्युत् ऋणात्मकता का मान प्रायः घटता जाता है।
  • आवर्त सारणी के किसी समूह में ऊपर से नीचे आने पर आयनन विभव का मान घटता है।
  • आवर्त सारणी के किसी समूह में ऊपर से नीचे आने पर परमाणु का आकार या परमाणु की त्रिज्या का मान बढ़ता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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