एन्टिमोनी

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एन्टिमोनी (अंग्रेज़ी:Antimony) एक रासायनिक तत्व है और आवर्त सारणी में पंचम मुख्य समूह में रखा गया है। इसकी स्थिति आर्सेनिक के नीचे तथा बिसमथ के ऊपर है। यह धातु तथा अधातु दोनों के गुणों से युक्त है। इसमें धातुओं जैसी चमक रहती है, परंतु धातु की सी उच्च विद्युच्चालकता नहीं होती। यह भंगुर है। एन्टिमोनी का संकेत Sb, परमाणु अंक 51, परमाणु भार 121.8 है। एन्टिमोनी के स्थायी समस्थानिक 121,123 है। एन्टिमोनी की प्राप्ति स्टिबनाइट नामक खनिज से होती है।

गुणधर्म

एन्टिमोनी के विभिन्न अपर रूप हैं, जैसे धूसर एन्टिमनी, विस्फोटक एन्टिमनी, पीला एन्टिमनी, काला एन्टिमोनी इत्यादि। धूसर एन्टिमोनी सबसे साधारण अपर रूप है। विस्फोटक एन्टिमोनी और काला एन्टिमोनी दोनों विस्फोटशील रूप हैं।

एन्टिमोनी त्रिसंयोजक तथा पंचसंयोजक अवस्थाओं में यौगिक बनाता है। एन्टिमोनी का परमाणु आर्सेनिक से अधिक विद्युद्धनीय होता है। वह आर्सेनिक की भाँति हाइड्रोजन से यौगिक बनाता है। एन्टिमोनी का परमाणु आर्सेनिक के परमाणु से बड़ा है। इस कारण इसमें कुछ भिन्नताएँ भी हैं। एन्टिमोनी के हेलाइड में लवण के गुण अधिक हैं। इसका विघटन भी सुगमता से होता है।

जलीय माध्यम में एन्टिमोनी किसी भी हैलोजन द्वारा उपयचयित (आवसीकृत) हो सकता है। नाइट्रिक, सल्फ़्यूरिक तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल[1] एन्टिमोनी को ऑक्सीकृत कर देते हैं। इस प्रकार एन्टिमोनी अच्छा उपचायक है। वायु में दहन करने पर यह जलने लगता है। हैलोजन तथा गंधक के साथ गर्म करने पर भी यह ऑक्सीकृत हो जाता है। ऊँचे ताप पर कार्बन द्वि-आक्साइड भी इसे ऑक्सीकृत करता है। इसी प्रकार जलवाष्प तथा कुछ धातुओं के ऑक्साइड भी ऊँचे ताप पर एन्टिमोनी को ऑक्सीकृत करते हैं। कुछ धातुएँ जैसे सोडियम, लोहा, ऐलुमिनियम तथा मैग्नीशियम भी एन्टिमोनी के साथ अंतर्धात्वीय यौगिक बनाती हैं।

उपयोग

  • एन्टिमोनी तथा एन्टिमोनी सल्फ़ाइड प्राचीन काल से प्रयोग में आते रहे हैं।
  • इस तत्व के उपयोग 4,000 ई. पू. से लोगों को ज्ञात थे।
  • इसके सल्फाइड से आँखे में लगाया जाने वाला सुरमा भी बनाया जाता है।
  • मध्यकाल में इसके यौगिक ओषधि के रूप में काम आते थे।
  • इसका उपयोग विद्युत तार बनाने, टुथपेस्ट के ट्यूब बनाने, आभूषण तथा बन्दूक के कारतूस में किया जाता है।

प्राप्ति स्थान

भारत में इसकी प्राप्ति के प्रमुख स्थल है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले का चिकन्नाहाली क्षेत्र, महाराष्ट्र में नागपुर ज़िले की उमरेड़ तहसील, उत्तराखंड का चमोली ज़िला तथा हिमाचल प्रदेश के लाहोल ज़िले में बड़ाशीग्ता हिमानी का पीडमाण्ट क्षेत्र। भारत में इसकी अधिक मांग की पूर्ति के लिए इसे मुख्य रुप से संयुक्त राज्य अमरीका, मैक्सिको, पेरु, बोलिविया आदि देशों से आयात किसा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऑक्सीजन की उपस्थिति में

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