कर्नाटक युद्ध प्रथम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 10: Line 10:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{मध्य काल}}
{{आधुनिक काल}}
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:मध्य काल]]
[[Category:आधुनिक काल]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 07:40, 20 July 2011

प्रथम कर्नाटक युद्ध 1746-1748 ई. तक लड़ा गया था। यह युद्ध 'आस्ट्रिया' के उत्तराधिकार के युद्ध से प्रभावित था, जो 1740 ई. से ही प्रारम्भ था। क्योंकि यूरोप में फ़्राँस और ब्रिटेन एक-दूसरे के प्रबल विरोधी थे, अत: भारत में भी इस विरोध का असर पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप अंग्रेज़ और फ़्राँसीसी सेना के बीच 1746 ई. में युद्ध प्रारम्भ हो गया।

डूप्ले की नीति

तत्कालीन पाण्डिचेरी का गवर्नर (फ़्राँसीसी) डूप्ले युद्ध के पक्ष में नहीं था। उसने सीधे अंग्रेज़ अधिकारियों से बात की, पर कोई समाधान न निकल सका। अंग्रेज़ अधिकारी 'बर्नेट' द्वारा कुछ फ़्राँसीसी जहाज़ों पर क़ब्ज़ा कर लेने के उपरान्त डूप्ले ने मॉरीशस के गवर्नर 'ला बोर्दने' के सहयोग से मद्रास का घेरा डाल दिया। 21 सितम्बर, 1746 को मद्रास ने आत्मसमर्पण कर दिया, परन्तु डूप्ले अपने लक्ष्य 'फ़ोर्ट सेण्ट डेविड' को जीत पाने में असफल रहा।

युद्ध की समाप्ति

कर्नाटक का प्रथम युद्ध 'सेण्ट टोमे' के युद्ध के लिए स्मरणीय है। यह युद्ध फ़्राँसीसी सेना एवं कर्नाटक के नवाब अनवरुद्दीन के मध्य लड़ा गया। झगड़ा फ़्राँसीसियों द्वारा मद्रास की विजय पर हुआ, जिसका परिणाम फ़्राँसीसियों के पक्ष में रहा, क्योंकि 'कैप्टन पेराडाइज' के नेतृत्व में फ़्राँसीसी सेना ने महफ़ूज ख़ाँ के नेतृत्व में लड़ रही भारतीय सेना को अदमार नदी पर स्थित सेण्ट टोमे नामक स्थान पर पराजित कर दिया। आस्ट्रिया का उत्तराधिकार का युद्ध, जो 1740 ई. में प्रारम्भ हुआ था, और अप्रत्यक्ष रूप से प्रथम कर्नाटक युद्ध के लिए भी उत्तरदायी था, 1748 ई. में सम्पन्न 'ए-ला-शापल की सन्धि' के द्वारा समाप्त हो गया। इसी सन्धि के तहत प्रथम कर्नाटक युद्ध भी समाप्त हुआ और सन्धि में निश्चित की गईं शर्तों के अनुसार फ़्राँसीसियों ने मद्रास अंग्रेज़ों को वापस कर दिया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख