ईशापुर: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{पुनरीक्षण}} ईशापुर ग्राम मथुरा में [[यमुना नदी|यमुन...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
m (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
Line 19: | Line 19: | ||
[[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]] | [[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]] | ||
[[Category:ऐतिहासिक_स्थान_कोश]] | [[Category:ऐतिहासिक_स्थान_कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 08:30, 11 August 2011
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
ईशापुर ग्राम मथुरा में यमुना के पार और विश्राम घाट के सामने है। 1910 ई. में यहाँ से एक ही पत्थर का बना एक सुन्दर 24 फुट ऊँचा यूपस्तंभ मिला था। स्तंभ के निचले चौकोर भाग पर कुषाण काल (द्वितीय शती ई0) की ब्राह्मी लिपि में निम्न लेख खुदा है-
- 'सिद्धम्-महाराजस्य राजातिराजस्य देवेपुत्रस्यषाहेर्व्वासिष्कस्य राज्य संवत्सरे (च)-तुर्विशे 24 ग्रिष्मा-(म) मासे चतुर्त्थे 4 दिवसे त्रिंशे 30 अस्यांपुर्व्वायां रुद्रिलपुत्रेण द्रोणलेन ब्राह्मणेन भारद्वाज सगोत्रेण माणच्छंदोगेन इष्ट्वा सत्रेन द्वादशरात्रेण यूप: प्रतिष्ठापित: प्रीयतामग्न्य:'।
अर्थात्
- 'कल्याण हो, महाराजाधिराज देवपुत्र पाहिवासिष्क के चौबीसवें राज्यवर्ष में, ग्रीष्म ऋतु के चौथे मास में, 30वें दिन, रुद्रिल के पुत्र भारद्वाजगोत्रीय ब्राह्मण द्रोणल ने जो माणछन्द का अनुयायी है, द्वादश-रात्रियज्ञ को करके इस स्थान पर यह यूप प्रतिष्ठापित किया। अग्नि देवता प्रसन्न हों'।