उत्तराखण्ड पर्यटन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 9: | Line 9: | ||
*[[हरिद्वार]] | *[[हरिद्वार]] | ||
*[[ऋषिकेश]] | *[[ऋषिकेश]] | ||
* | *[[हेमकुण्ड साहिब]] | ||
*नानकमत्ता, आदि। | *नानकमत्ता, आदि। | ||
*[[कैलाश मानसरोवर]] की यात्रा [[कुमाऊँ]] क्षेत्र से होकर है। | *[[कैलाश मानसरोवर]] की यात्रा [[कुमाऊँ]] क्षेत्र से होकर है। |
Revision as of 10:54, 6 April 2012
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
[[चित्र:Mindroling-Stupa.jpg|thumb|मिन्ड्रोलिंग स्तूप, देहरादून]] उत्तराखण्ड के प्रमुख स्थल हैं-
- केदारनाथ मंदिर
- नैनीताल
- गंगोत्री
- यमुनोत्री
- बद्रीनाथ
- हरिद्वार
- ऋषिकेश
- हेमकुण्ड साहिब
- नानकमत्ता, आदि।
- कैलाश मानसरोवर की यात्रा कुमाऊँ क्षेत्र से होकर है।
- विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी, पिंडारी ग्लेसियर, रूपकुंड, दयारा, बुग्याल, औली तथा मसूरी, देहरादून, चकराता, नैनीताल, रानीखेत, बागेश्वर, भीमताल, कौसानी और लैंसडाउन जैसे पर्वतीय स्थल आकर्षण के केन्द्र हैं।
तीर्थस्थल
उत्तराखण्ड में चार प्रमुख तीर्थस्थल हैं-
[[चित्र:Kedarnath-Temple.jpg|thumb|250px|केदारनाथ मन्दिर
Kedarnath Temple]]
- यमुनोत्री
- गंगोत्री
- केदारनाथ
- बद्रीनाथ।
- यमुनोत्री मन्दिर
यमुनोत्री मन्दिर गढ़वाल हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में 3,235 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ की इष्ट देवी यमुना को हिन्दू ग्रन्थों में विशेष महत्व दिया गया है। इनकी मूर्ति काले सगमरमर से बनी है। यमुना नदी समीप के यमुनोत्री हिमनद से निकलती है। मन्दिर में गंधक के सोते का तालाब भी है।
- गंगोत्री मन्दिर
गंगोत्री मन्दिर 3,050 मीटर की ऊँचाई पर सुन्दर देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरा है। यहाँ नदी में आधा डूबा हुआ प्राकृतिक पाषाण शिवलिंग है। पुराकथाओं के अनुसार शिव ने यहीं पर बैठकर देवी गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया था। भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मन्दिर 3,580 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पत्थर की स्लेटी पट्टिकाओं से बना यह मन्दिर 1000 साल से भी अधिक पुराना माना जाता है। मन्दिर में मंडप और गर्भगृह हैं। गर्भगृह में शंक्वाकार पाषाण आकृति स्थित है। मन्दिर के द्वार के बाहर नंदी बैल की मूर्ति स्थापित है।
- बद्रीनाथ
भगवान विष्णु का घर बद्रीनाथ अलकनंदा नदी के किनारे 3,130 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। जंगली सरसफल (बदरी) के नाम पर इस जगह का नाम बद्री पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि काले ग्रेनाइट से बनी विष्णु की प्रतिमा को आदि शंकराचार्य ने यहाँ स्थापित किया था। मन्दिर के समीप ही गंधक के गर्म पानी का सोता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख