जसपाल राणा: Difference between revisions

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वर्ष [[1994]] में अठारह वर्ष की आयु से ही जसपाल राणा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल बटोरना शुरू कर दिया था। जिस उम्र में बच्चे स्कूल छोड़ते हैं, उस उम्र में जसपाल राणा स्टैंडर्ड पिस्टल में विश्व कीर्तिमान के साथ जूनियर विश्व चैंपियन बन चुके थे। वर्ष [[1995]] तक आते-आते वे निशानेबाजी के प्रसिद्ध खिलाड़ी बन गए थे। इसी साल कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने वह प्रदर्शन किया, जिसे दुनिया आज भी याद करती है। राणा ने 2 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता। हिरोशिमा एशियाड में वे नए विश्व कीर्तिमान के साथ एक स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहे थे।<ref>{{cite web |url=http://khabar.ibnlive.in.com/news/40880/4/33|title= जसपाल राणा|accessmonthday=14 दिसम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
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==पुरस्कार व सम्मान==
==पुरस्कार व सम्मान==
जसपाल राणा ने निशानेबाजी में अनेक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय रिकार्ड कायम किए हैं।<ref name="ab"/> उन्हें कई पुरस्कारों व सम्मानों से भी नवाजा गया है-
जसपाल राणा ने निशानेबाजी में अनेक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय रिकार्ड क़ायम किए हैं।<ref name="ab"/> उन्हें कई पुरस्कारों व सम्मानों से भी नवाजा गया है-
#[[अर्जुन पुरस्कार]] - 1994
#[[अर्जुन पुरस्कार]] - 1994
#यश भारती पुरस्कार - 1994
#यश भारती पुरस्कार - 1994

Revision as of 14:16, 29 January 2013

जसपाल राणा
पूरा नाम जसपाल राणा
जन्म 28 जून, 1976
जन्म भूमि चिलामू, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड
पति/पत्नी रीना राणा
संतान देवांशी तथा युवराज
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र निशानेबाजी
शिक्षा इण्टर
विद्यालय आई.टी.बी.पी. पब्लिक स्कूल, मसूरी; केन्द्रीय विद्यालय, तुग़लकाबाद, दिल्ली
पुरस्कार-उपाधि 'अर्जुन पुरस्कार' (1994, 'यश भारती पुरस्कार' (1994), 'राजधानी रत्न पुरस्कार', 'इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार' आदि।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी वर्ष 1994 में 18 वर्ष की आयु से ही जसपाल राणा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने का सिलसिला शुरू कर दिया था।

जसपाल राणा (अंग्रेज़ी: Jaspal Rana; जन्म- 28 जून, 1976, चिलामू, टिहरी गढ़वाल) भारत के प्रसिद्ध निशानेबाज हैं। वर्ष 1995 की कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप में 8 स्वर्ण जीतकर जसपाल राणा ने नया रिकॉर्ड बनाया था। भारत के दो अन्य निशानेबाजों राज्यवर्धन राठौर और अभिनव बिंद्रा ने ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजी का इतिहास रचा था, किंतु यदि यह कहा जाए कि जसपाल राणा ने इस भरोसे की नींव रखी थी तो ग़लत नहीं होगा।

जन्म तथा शिक्षा

जसपाल राणा का जन्म 28 जून, 1976 को अपने पैतृक गाँव चिलामू, टिहरी गढ़वाल ज़िला, उत्तराखण्ड के एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम नारायण सिंह राणा और माता श्यामा राणा हैं। जसपाल राणा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा आई.टी.बी.पी. पब्लिक स्कूल, मसूरी तथा एयर फ़ोर्स स्कूल, कानपुर से प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने हाई स्कूल और इण्टर की परीक्षा केन्द्रीय विद्यालय, तुग़लकाबाद, दिल्ली से प्राप्त की।[1]

विवाह

जसपाल राणा का विवाह रीना राणा के साथ हुआ, जो एक फ़ैशन डिज़ायनर होने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज भी हैं। राणा दम्पत्ति दो बच्चों के पिता हैं। उनकी बेटी का नाम देवांशी और बेटे का नाम युवराज है।

सफलता

वर्ष 1994 में अठारह वर्ष की आयु से ही जसपाल राणा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल बटोरना शुरू कर दिया था। जिस उम्र में बच्चे स्कूल छोड़ते हैं, उस उम्र में जसपाल राणा स्टैंडर्ड पिस्टल में विश्व कीर्तिमान के साथ जूनियर विश्व चैंपियन बन चुके थे। वर्ष 1995 तक आते-आते वे निशानेबाजी के प्रसिद्ध खिलाड़ी बन गए थे। इसी साल कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने वह प्रदर्शन किया, जिसे दुनिया आज भी याद करती है। राणा ने 2 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता। हिरोशिमा एशियाड में वे नए विश्व कीर्तिमान के साथ एक स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहे थे।[2]

पुरस्कार व सम्मान

जसपाल राणा ने निशानेबाजी में अनेक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय रिकार्ड क़ायम किए हैं।[1] उन्हें कई पुरस्कारों व सम्मानों से भी नवाजा गया है-

  1. अर्जुन पुरस्कार - 1994
  2. यश भारती पुरस्कार - 1994
  3. बिड़ला फाउंडेशन पुरस्कार - 1994
  4. इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार
  5. राजधानी रत्न पुरस्कार
  6. दून गौरव पुरस्कार

उन्हें वर्ष 1995-1996 के लिए अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति की ओर से छात्रवृत्ति भी प्रदान की गई थी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 जसपाल राणा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 14 दिसम्बर, 2012।
  2. जसपाल राणा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 14 दिसम्बर, 2012।

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