User:रविन्द्र प्रसाद/1: Difference between revisions
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||[[चित्र:Rain-3.jpg|right|100px|वर्षा]]वायु में मिली जलवाष्प शीतल [[पदार्थ|पदार्थों]] के संपर्क में आने से संघनन के कारण ओसांक तक पहुँचची है। जब वायु का [[ताप]] ओसांक से नीचे गिर जाता है, तब जलवाष्प पानी की बूँदों अथवा ओलों के रूप में धरातल पर गिरने लगती है। इसी को [[वर्षा]] कहते हैं। किसी भी स्थान पर किसी निश्चित समय में बरसे हुए जलकणों तथा हिमकणों से प्राप्त [[जल]] की मात्रा को वहाँ की 'वर्षा की माप' कहते हैं। गरमी के कारण उत्पन्न जलवाष्प ऊपर [[आकाश]] में जाकर फैलती एवं ठंडी होती है। अत: जैसे-जैसे वायु ऊपर उठती है, उसमें जलवाष्प धारण करने की क्षमता कम होती जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वर्षा]] | |||
{विश्व के शीत मरुस्थलों को किस अन्य नाम से जाना जाता है?(पृ.सं. डी/255 | {विश्व के शीत मरुस्थलों को किस अन्य नाम से जाना जाता है?(पृ.सं. डी/255 |
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