शिव ताल मथुरा: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
[[बनारस]] के राजा पटनीमल ने [[मथुरा]] के कई मन्दिरों का निर्माण कराया और जीर्णोद्धार कराया था। कहते है कि उसने नगर की जल की आवश्यकता की पूर्ति हेतु इस सुन्दर तालाब का निर्माण कराया और इसके पास [[शिव]] मन्दिर भी बनवाया था। यह विशाल ताल पक्का एवं काफ़ी गहरा है। यह मथुरा परिक्रमा मार्ग में आने वाले प्रमुख स्थानों में से एक है । परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु इस कुण्ड में स्नान करते हैं और कुण्ड के सामने स्थित अछलेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं । भाद्रपद् की एकादशी के दिन सालाना मेला आयोजित किया जाता है । | [[बनारस]] के राजा पटनीमल ने [[मथुरा]] के कई मन्दिरों का निर्माण कराया और जीर्णोद्धार कराया था। कहते है कि उसने नगर की जल की आवश्यकता की पूर्ति हेतु इस सुन्दर तालाब का निर्माण कराया और इसके पास [[शिव]] मन्दिर भी बनवाया था। यह विशाल ताल पक्का एवं काफ़ी गहरा है। यह मथुरा परिक्रमा मार्ग में आने वाले प्रमुख स्थानों में से एक है । परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु इस कुण्ड में स्नान करते हैं और कुण्ड के सामने स्थित अछलेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं । भाद्रपद् की एकादशी के दिन सालाना मेला आयोजित किया जाता है । | ||
==वास्तु== | ==वास्तु== | ||
यह चतुर्भुज आकार का कुण्ड 50 फ़ीट गहरा है । यह ऊँची दीवारों से घिरा हुआ है जिसके चारों कोनों पर छतरीनुमा छज्जे हैं, छोटा मेहराबदार दरवाज़ा है । तीन तरफ दीवारों के बीच में बंगलाधार छत है । चौथी तरफ पशुओं के पानी पीने के लिए ढलान है । कुण्ड के चारों तरफ दो-दो तक्षित तोरणपथ हैं जिनकी सीढ़ियाँ कुण्ड के बीच में उतरती हैं । | यह चतुर्भुज आकार का कुण्ड 50 फ़ीट गहरा है । यह ऊँची दीवारों से घिरा हुआ है जिसके चारों कोनों पर छतरीनुमा छज्जे हैं, छोटा मेहराबदार दरवाज़ा है । तीन तरफ दीवारों के बीच में बंगलाधार छत है । चौथी तरफ पशुओं के पानी पीने के लिए ढलान है । कुण्ड के चारों तरफ दो-दो तक्षित तोरणपथ हैं जिनकी सीढ़ियाँ कुण्ड के बीच में उतरती हैं ।{{शिव मंदिर}} | ||
==वीथिका== | ==वीथिका== | ||
<gallery widths="120px" perrow="4"> | <gallery widths="120px" perrow="4"> |
Latest revision as of 17:32, 5 October 2013
thumb|शिव ताल, मथुरा
Shiv Taal, Mathura
बनारस के राजा पटनीमल ने मथुरा के कई मन्दिरों का निर्माण कराया और जीर्णोद्धार कराया था। कहते है कि उसने नगर की जल की आवश्यकता की पूर्ति हेतु इस सुन्दर तालाब का निर्माण कराया और इसके पास शिव मन्दिर भी बनवाया था। यह विशाल ताल पक्का एवं काफ़ी गहरा है। यह मथुरा परिक्रमा मार्ग में आने वाले प्रमुख स्थानों में से एक है । परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु इस कुण्ड में स्नान करते हैं और कुण्ड के सामने स्थित अछलेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं । भाद्रपद् की एकादशी के दिन सालाना मेला आयोजित किया जाता है ।
वास्तु
यह चतुर्भुज आकार का कुण्ड 50 फ़ीट गहरा है । यह ऊँची दीवारों से घिरा हुआ है जिसके चारों कोनों पर छतरीनुमा छज्जे हैं, छोटा मेहराबदार दरवाज़ा है । तीन तरफ दीवारों के बीच में बंगलाधार छत है । चौथी तरफ पशुओं के पानी पीने के लिए ढलान है । कुण्ड के चारों तरफ दो-दो तक्षित तोरणपथ हैं जिनकी सीढ़ियाँ कुण्ड के बीच में उतरती हैं ।