मेवाड़ की नदियाँ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 17: Line 17:
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=[[बनास नदी|बनास]] यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी है। इसके अतिरिक्त खारी, मानसी, कोठारी, बेड़च, जाकम तथा [[सोम नदी|सोम]] भी मुख्य नदियाँ हैं।  
|अन्य जानकारी=[[बनास नदी|बनास]] यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी है। इसके अतिरिक्त खारी, मानसी, [[कोठारी नदी|कोठारी]], बेड़च, जाकम तथा [[सोम नदी|सोम]] भी मुख्य नदियाँ हैं।  
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
|अद्यतन=
}}
}}
[[मेवाड़]] में ऐसी कोई नदी नहीं है, जो कि वर्ष भर प्रवाहित होती हो। [[चंबल नदी]] यहाँ के कुछ प्रदेशों, जैसे [[कोटा राजस्थान|कोटा]] के निकट से होकर अवश्य बहती है, किंतु इसे मेवाड़ की नदी नहीं कहा जा सकता। [[बनास नदी|बनास]] यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी है। इसके अतिरिक्त खारी, मानसी, कोठारी, बेड़च, जाकम तथा [[सोम नदी|सोम]] भी मुख्य नदियाँ हैं।  
[[मेवाड़]] में ऐसी कोई नदी नहीं है, जो कि वर्ष भर प्रवाहित होती हो। [[चंबल नदी]] यहाँ के कुछ प्रदेशों, जैसे [[कोटा राजस्थान|कोटा]] के निकट से होकर अवश्य बहती है, किंतु इसे मेवाड़ की नदी नहीं कहा जा सकता। [[बनास नदी|बनास]] यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी है। इसके अतिरिक्त खारी, मानसी, [[कोठारी नदी|कोठारी]], बेड़च, जाकम तथा [[सोम नदी|सोम]] भी मुख्य नदियाँ हैं।  
==मुख्य नदियाँ==
==मुख्य नदियाँ==
मेवाड़ की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तथा प्रमुख बनास नदी है, जिसका उद्गम स्थल [[अरावली पर्वतमाला]] में [[कुंभलगढ़]] के निकट है। बनास नदी यहाँ से प्रवाहित होती हुई मैदानी भाग में पहुँचती है और अंत में मांडलगढ़, जो [[उदयपुर]] के उत्तर-पूर्व में लगभग 100 मील {{मील|मील=100}} की दूरी पर स्थित है, के निकट इसमें बेड़च नदी आकर मिल जाती है। इस स्थान को 'त्रिवेणी तीर्थ' माना जाता था। अन्त में यह [[अजमेर]] तथा [[जयपुर]] रियासत की सीमा में पहुँच जाती है और चंबल नदी में जा मिलती है। बनास नदी के अतिरिक्त मेवाड़ की अन्य नदियों में खारी, मानसी, कोठारी, बेड़च, जाकम तथा सोम इस प्रदेश की मुख्य नदियाँ हैं।
मेवाड़ की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तथा प्रमुख बनास नदी है, जिसका उद्गम स्थल [[अरावली पर्वतमाला]] में [[कुंभलगढ़]] के निकट है। बनास नदी यहाँ से प्रवाहित होती हुई मैदानी भाग में पहुँचती है और अंत में मांडलगढ़, जो [[उदयपुर]] के उत्तर-पूर्व में लगभग 100 मील {{मील|मील=100}} की दूरी पर स्थित है, के निकट इसमें बेड़च नदी आकर मिल जाती है। इस स्थान को 'त्रिवेणी तीर्थ' माना जाता था। अन्त में यह [[अजमेर]] तथा [[जयपुर]] रियासत की सीमा में पहुँच जाती है और चंबल नदी में जा मिलती है। बनास नदी के अतिरिक्त मेवाड़ की अन्य नदियों में खारी, मानसी, कोठारी, बेड़च, जाकम तथा सोम इस प्रदेश की मुख्य नदियाँ हैं।
====सहायक नदियाँ====
====सहायक नदियाँ====
खारी नदी उत्तर की ओर पड़ने वाली पहली नदी है। यह दिवेर ज़िले की पहाड़ियों से निकलती है तथा अन्त में बनास नदी में जा मिलती है। इसके दक्षिण में कुछ मील के अंतर पर इसकी सहायक नदी मानसी 60 मील {{मील|मील=60}} तक इसके समानान्तर बहती है और अजमेर की सीमा के फुलिया के समीप इसमें मिल जाती है। खारी के दक्षिण की तरफ़ कोठारी, जिसे 'कोटेशरी' भी कहा जाता है, बहती है और जो अरावली के पहाड़ों से निकलकर दिवेर के दक्षिण की ओर से 90 मील {{मील|मील=90}} बहने के बाद नन्दराम से एक कोस की दूरी पर [[बनास नदी]] में जा मिलती है। बनास के ही दक्षिण में बेड़च नदी बहती है, जो उदयपुर के पश्चिम की पहाड़ियों से निकलती है। इस नदी को उदयसागर तालाब में गिरने से पहले 'आहड़ की नदी' के नाम से जाना जाता है। इसके बाद उदयसागर का नाला कुछ दूरी पर बेड़च कहा जाता है। अंततः यह [[चित्तौड़]] होते हुए आगे बढ़ती है तथा बनास में जा गिरती है।
खारी नदी उत्तर की ओर पड़ने वाली पहली नदी है। यह दिवेर ज़िले की पहाड़ियों से निकलती है तथा अन्त में बनास नदी में जा मिलती है। इसके दक्षिण में कुछ मील के अंतर पर इसकी सहायक नदी मानसी 60 मील {{मील|मील=60}} तक इसके समानान्तर बहती है और अजमेर की सीमा के फुलिया के समीप इसमें मिल जाती है। खारी के दक्षिण की तरफ़ [[कोठारी नदी|कोठारी]], जिसे 'कोटेशरी' भी कहा जाता है, बहती है और जो अरावली के पहाड़ों से निकलकर दिवेर के दक्षिण की ओर से 90 मील {{मील|मील=90}} बहने के बाद नन्दराम से एक कोस की दूरी पर [[बनास नदी]] में जा मिलती है। बनास के ही दक्षिण में बेड़च नदी बहती है, जो उदयपुर के पश्चिम की पहाड़ियों से निकलती है। इस नदी को उदयसागर तालाब में गिरने से पहले 'आहड़ की नदी' के नाम से जाना जाता है। इसके बाद उदयसागर का नाला कुछ दूरी पर बेड़च कहा जाता है। अंततः यह [[चित्तौड़]] होते हुए आगे बढ़ती है तथा बनास में जा गिरती है।


जाकुम नदी छोटी सादड़ी के समीप से निकलती है। कुछ आगे बाईं ओर से उसमें करमरी नदी आ मिलती है, फिर वहाँ से अन्ततः [[सोम नदी]] में जा मिलती है। यह अपना समस्त बहाव चट्टानों व जंगलों में रखती है और यही कारण है कि यह कई स्थानों पर रमणीक आभा प्रस्तुत करती है। रियासत के समस्त नैऋत्य कोण के हिस्से का तथा जयसमन्द के निकास का पानी सोम नदी में जाता है, जो वहाँ पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। फिर दक्षिण में बबराना गाँव के पास मुड़कर माही नदी गिर जाती है।
जाकुम नदी छोटी सादड़ी के समीप से निकलती है। कुछ आगे बाईं ओर से उसमें करमरी नदी आ मिलती है, फिर वहाँ से अन्ततः [[सोम नदी]] में जा मिलती है। यह अपना समस्त बहाव चट्टानों व जंगलों में रखती है और यही कारण है कि यह कई स्थानों पर रमणीक आभा प्रस्तुत करती है। रियासत के समस्त नैऋत्य कोण के हिस्से का तथा जयसमन्द के निकास का पानी सोम नदी में जाता है, जो वहाँ पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। फिर दक्षिण में बबराना गाँव के पास मुड़कर माही नदी गिर जाती है।

Latest revision as of 13:57, 26 July 2014

मेवाड़ विषय सूची
मेवाड़ की नदियाँ
विवरण मेवाड़, राजस्थान के दक्षिण मध्य में स्थित एक प्रसिद्ध रियासत थी। इसमें आधुनिक भारत के उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद तथा चित्तौड़गढ़ ज़िले सम्मिलित थे।
राज्य राजस्थान
ज़िला उदयपुर ज़िला
संबंधित लेख बनास नदी, चंबल नदी, सोम नदी
भौगोलिक स्थिति उत्तरी अक्षांश 25° 58' से 49° 12' तक तथा पूर्वी देशांतर 45° 51' 30' से 73° 7' तक
अन्य जानकारी बनास यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी है। इसके अतिरिक्त खारी, मानसी, कोठारी, बेड़च, जाकम तथा सोम भी मुख्य नदियाँ हैं।

मेवाड़ में ऐसी कोई नदी नहीं है, जो कि वर्ष भर प्रवाहित होती हो। चंबल नदी यहाँ के कुछ प्रदेशों, जैसे कोटा के निकट से होकर अवश्य बहती है, किंतु इसे मेवाड़ की नदी नहीं कहा जा सकता। बनास यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी है। इसके अतिरिक्त खारी, मानसी, कोठारी, बेड़च, जाकम तथा सोम भी मुख्य नदियाँ हैं।

मुख्य नदियाँ

मेवाड़ की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तथा प्रमुख बनास नदी है, जिसका उद्गम स्थल अरावली पर्वतमाला में कुंभलगढ़ के निकट है। बनास नदी यहाँ से प्रवाहित होती हुई मैदानी भाग में पहुँचती है और अंत में मांडलगढ़, जो उदयपुर के उत्तर-पूर्व में लगभग 100 मील (लगभग 160 कि.मी.) की दूरी पर स्थित है, के निकट इसमें बेड़च नदी आकर मिल जाती है। इस स्थान को 'त्रिवेणी तीर्थ' माना जाता था। अन्त में यह अजमेर तथा जयपुर रियासत की सीमा में पहुँच जाती है और चंबल नदी में जा मिलती है। बनास नदी के अतिरिक्त मेवाड़ की अन्य नदियों में खारी, मानसी, कोठारी, बेड़च, जाकम तथा सोम इस प्रदेश की मुख्य नदियाँ हैं।

सहायक नदियाँ

खारी नदी उत्तर की ओर पड़ने वाली पहली नदी है। यह दिवेर ज़िले की पहाड़ियों से निकलती है तथा अन्त में बनास नदी में जा मिलती है। इसके दक्षिण में कुछ मील के अंतर पर इसकी सहायक नदी मानसी 60 मील (लगभग 96 कि.मी.) तक इसके समानान्तर बहती है और अजमेर की सीमा के फुलिया के समीप इसमें मिल जाती है। खारी के दक्षिण की तरफ़ कोठारी, जिसे 'कोटेशरी' भी कहा जाता है, बहती है और जो अरावली के पहाड़ों से निकलकर दिवेर के दक्षिण की ओर से 90 मील (लगभग 144 कि.मी.) बहने के बाद नन्दराम से एक कोस की दूरी पर बनास नदी में जा मिलती है। बनास के ही दक्षिण में बेड़च नदी बहती है, जो उदयपुर के पश्चिम की पहाड़ियों से निकलती है। इस नदी को उदयसागर तालाब में गिरने से पहले 'आहड़ की नदी' के नाम से जाना जाता है। इसके बाद उदयसागर का नाला कुछ दूरी पर बेड़च कहा जाता है। अंततः यह चित्तौड़ होते हुए आगे बढ़ती है तथा बनास में जा गिरती है।

जाकुम नदी छोटी सादड़ी के समीप से निकलती है। कुछ आगे बाईं ओर से उसमें करमरी नदी आ मिलती है, फिर वहाँ से अन्ततः सोम नदी में जा मिलती है। यह अपना समस्त बहाव चट्टानों व जंगलों में रखती है और यही कारण है कि यह कई स्थानों पर रमणीक आभा प्रस्तुत करती है। रियासत के समस्त नैऋत्य कोण के हिस्से का तथा जयसमन्द के निकास का पानी सोम नदी में जाता है, जो वहाँ पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। फिर दक्षिण में बबराना गाँव के पास मुड़कर माही नदी गिर जाती है।

  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख