प्रयोग:रिंकू3: Difference between revisions
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+जैतून के पत्तों से बना मुकुट | +जैतून के पत्तों से बना मुकुट | ||
||प्राचीन [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] में केवल अनाज व पशु ही पुरस्कार के रूप में दिए जाते थे। उसके बाद जैतून की पत्तियों से बना हार | ||प्राचीन [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] में केवल अनाज व पशु ही पुरस्कार के रूप में दिए जाते थे। उसके बाद जैतून की पत्तियों से बना हार विजेताओं को पहनाया जाने लगा। इन लोगों में पुरस्कार की अपेक्षा खिलाड़ियों को आदर व सम्मान अधिक दिया जाता था। विजेताओं के (Statue) भी बनाए जाते थे। | ||
{स्वस्थ मनुष्य के हृदय की औसत गति प्रति मिनट होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-112 | {स्वस्थ मनुष्य के [[हृदय]] की औसत गति प्रति मिनट होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-112 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-55-60 | -55-60 | ||
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{लचीलापन क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-112 प्रश्न-5 | {लचीलापन क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-112 प्रश्न-5 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +गतिशीलता | ||
-स्वस्थ (फिट) | -स्वस्थ (फिट) | ||
-सक्रिय | -सक्रिय | ||
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+तेजी (तीव्रता) | +तेजी (तीव्रता) | ||
-सामर्थ्य | -सामर्थ्य | ||
||आनुवंशिकी जीव विज्ञान की वह शाखा है जो उत्पति मूलक विज्ञान से जुड़ी है। कुछ विशेषताएं एवं विशिष्टताएं ऐसी हैं जो बच्चों को अपने माता-पिता के जीवन से मिलती हैं जो विशेषताएं अगली पीढ़ी को हस्तांतारित हो सकती हैं- उनमें ऊंचाई, शरीर, रचना-गति, फुर्ती, बुद्धि, स्वभाव दैहिक क्रियाशीलता आदि शामिल हैं। | ||आनुवंशिकी जीव विज्ञान की वह शाखा है जो उत्पति मूलक विज्ञान से जुड़ी है। कुछ विशेषताएं एवं विशिष्टताएं ऐसी हैं जो बच्चों को अपने [[माता]]-[[पिता]] के जीवन से मिलती हैं जो विशेषताएं अगली पीढ़ी को हस्तांतारित हो सकती हैं- उनमें ऊंचाई, शरीर, रचना-गति, फुर्ती, बुद्धि, स्वभाव दैहिक क्रियाशीलता आदि शामिल हैं। | ||
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-कैंसर | -कैंसर | ||
-दिल का दौरा | -दिल का दौरा | ||
||वाइरल बुख़ार (Viral Fever) वाइरसों के संक्रमण से फैलता है। यह किसी अन्य बीमारी में होने पर उसे और घातक बना देता है। उदाहरणार्थ हेपेटाइटिस तीव्र संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस वायरस द्वारा फैलता है। यह वायरस लीवर पर हमला करता है, जिससे रोगी में तेज़ ज्वर हो जाता है। | ||वाइरल बुख़ार (Viral Fever) वाइरसों के संक्रमण से फैलता है। यह किसी अन्य बीमारी में होने पर उसे और घातक बना देता है। उदाहरणार्थ हेपेटाइटिस तीव्र संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस वायरस द्वारा फैलता है। यह वायरस लीवर पर हमला करता है, जिससे रोगी में तेज़ [[ज्वर]] हो जाता है। | ||
{'[[आयरन]]' किस खाद्य सामग्री में उपलब्ध है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-5 | {'[[आयरन]]' किस खाद्य सामग्री में उपलब्ध है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-5 | ||
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+सन [[1984]] में | +सन [[1984]] में | ||
-सन [[1985]] में | -सन [[1985]] में | ||
||[[भारतीय खेल प्राधिकरण]] यानी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया [[1982]] में [[नई दिल्ली]] में नौवें एशियाई खेलों का उत्तरवर्ती संगठन है जिसे रजिस्ट्रेशन ऑफ़ सोसाइटीज एक्ट, 1860 के तहत एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया। [[भारत सरकार]] के खेल विभाग ने इस भारतीय खेल प्राधिकरण विषयक प्रस्ताव (1-1/83/SAI) को [[25 जनवरी]], [[1984]] को सर्वसम्मति से पास कर दिया। | ||[[भारतीय खेल प्राधिकरण]] यानी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया [[1982]] में [[नई दिल्ली]] में नौवें [[एशियाई खेल|एशियाई खेलों]] का उत्तरवर्ती संगठन है जिसे रजिस्ट्रेशन ऑफ़ सोसाइटीज एक्ट, 1860 के तहत एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया। [[भारत सरकार]] के खेल विभाग ने इस भारतीय खेल प्राधिकरण विषयक प्रस्ताव (1-1/83/SAI) को [[25 जनवरी]], [[1984]] को सर्वसम्मति से पास कर दिया। | ||
{[[मानव शरीर]] की सबसे छोटी हड्डी को कहते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-5 | {[[मानव शरीर]] की सबसे छोटी हड्डी को कहते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-5 | ||
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+प्रभाव का नियम | +प्रभाव का नियम | ||
-उत्तेजक की तीव्रता का नियम | -उत्तेजक की तीव्रता का नियम | ||
||थार्नडाइक ने सीखने के तीन नियम दिए हैं- 1.तैयारी का नियम- तैयारी से व्यक्ति ज्यादा तेज़ी एवं प्रभावी तरीके से सीखता है, इस तैयारी के दृष्टिकोण को 'माइंडसेट' भी कहा जाता है। | ||थार्नडाइक ने सीखने के तीन नियम दिए हैं- 1.तैयारी का नियम- तैयारी से व्यक्ति ज्यादा तेज़ी एवं प्रभावी तरीके से सीखता है, इस तैयारी के दृष्टिकोण को 'माइंडसेट' भी कहा जाता है। गर्मा ने का सिद्धांत इसी नियम पर आधारित है। 2.अभ्यास का नियम- बार-बार दुहराने से प्रक्रिया स्वत: होती रहती है। यह नियम बहुत कुछ उपयोग एवं अनुपयोग की तरह है। 3.प्रभाव का नियम- थार्नडाइक के अनुसार, खीझ की बजाय संतोष, सीखने में वृद्धि करता है। इस नियम को 'संतुष्टि के नियम' के नाम से भी जाना जाता है। पुरस्कार एवं दंड भी इसी नियम पर आधारित हैं एवं सीखने के सभी घटक इसी नियम के अधीन हैं। | ||
{[[हॉकी]] के मैच की खेल अवधि क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-7 | {[[हॉकी]] के मैच की खेल अवधि क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-7 |
Revision as of 12:07, 16 November 2016
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