अतुल प्रसाद सेन: Difference between revisions

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==परिचय==
==परिचय==

Latest revision as of 09:10, 12 April 2018

अतुल प्रसाद सेन
पूरा नाम अतुल प्रसाद सेन
जन्म 28 अक्टूबर, 1871
जन्म भूमि पूर्वी बंगाल
मृत्यु 26 अगस्त, 1934
मृत्यु स्थान लखनऊ, उत्तर प्रदेश
कर्म भूमि भारत
प्रसिद्धि विधिवेत्ता, बांग्ला कवि और संगीतकार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी गोपाल कृष्ण गोखले की देश सेवा से प्रभावित होकर अतुल प्रसाद सेन उनकी संस्था ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ के सदस्य बन गए थे।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

अतुल प्रसाद सेन (अंग्रेज़ी: Atul Prasad Sen, जन्म- 28 अक्टूबर, 1871, पूर्वी बंगाल; मृत्यु- 26 अगस्त, 1934, लखनऊ) प्रसिद्ध विधिवेत्ता, शिक्षा प्रेमी, रचनाकार तथा बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध कवि और संगीतकार थे। उनकी गणना देश के उच्च कोटि के अधिवक्ताओं में की जाती थी। वे ‘अवध वीकली नोट्स’ और बांग्ला मासिक ‘उत्तरा’ के संपादक रहे थे। उनके रचित राष्ट्रप्रेम और भक्ति परक गीतों को बांग्ला संगीत के क्षेत्र में बड़े सम्मान का स्थान प्राप्त है।[1]

परिचय

अतुल प्रसाद सेन का जन्म 28 अक्टूबर, 1871 को पूर्वी बंगाल के नारायणगंज सब डिवीजन में हुआ था। कोलकाता मैं शिक्षा प्राप्त करने के बाद कानून की शिक्षा पाने के लिए वह इंग्लैंड चले गए। सन 1895 में शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ दिन कोलकाता में वकालत की और उसके बाद लखनऊ को अपना कार्यक्षेत्र बना लिया।

सार्वजनिक कार्यकर्ता

अतुल प्रसाद की गणना चोटी के वकीलों में होती थी। वह सार्वजनिक कार्यों में भी पूरी रुचि लेते थे। लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक वह भी थे और जीवनपर्यंत उस संस्था से जुड़े रहे। गांधी जी द्वारा प्रवर्तित 'हरिजन उद्धार' के काम में भी उन्होंने भाग लिया। प्राकृतिक आपदाओं के समय वे सदा सहायता के लिए आगे रहते थे। देश के अनेक प्रमुख व्यक्तियों यथा- रवींद्रनाथ ठाकुर, गांधीजी, मोतीलाल नेहरू, महामना मालवीय, लाला लाजपत राय, स्वामी विवेकानंद आदि से उनका निकट का संबंध था।

संपादन कार्य

‘इलाहाबाद लॉ जनरल’ का प्रकाशन अतुल प्रसाद सेन ने आरंभ किया। साथ ही वे ‘अवध वीकली नोट्स’ और बांग्ला मासिक ‘उत्तरा’ के भी संपादक रहे। गोपाल कृष्ण गोखले की देश सेवा से प्रभावित होकर अतुल प्रसाद सेन उनकी संस्था ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ के सदस्य बन गए थे। राजनीतिक दृष्टि से लिबरल विचारों के सेन देश की पूर्ण स्वतंत्रता के समर्थक थे।

बांग्ला कवि और संगीतकार

वे बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध कवि और संगीतकार भी थे। उनके रचित राष्ट्रप्रेम और भक्ति परक गीतों को बांग्ला संगीत के क्षेत्र में बड़े सम्मान का स्थान प्राप्त है।

मृत्यु

26 अगस्त, 1934 को अतुल प्रसाद सेन का निधन लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनके नाम पर’ ए पी सेन रोड’ लखनऊ में आज भी उनकी याद दिलाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 20 |

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