स्वाति नक्षत्र

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:00, 6 April 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "खाली" to "ख़ाली")
Jump to navigation Jump to search

अर्थ - झुंड में अग्रणी बकरी
देव - वायु

  • स्वाति नक्षत्र आकाश मंडल में 15वाँ नक्षत्र होकर इसका स्वामी राहु यानी अधंकार है।
  • कहावत भी है कि जब स्वाति नक्षत्र में ओंस की बूँद सीप पर गिरती है तो मोती बनता है। दरअसल मोती नहीं बनता बल्कि ऐसा जातक मोती के समान चमकता है।
  • स्वाति नक्षत्र के देवता राहु को माना जाता है।
  • अर्जुन के पेड को स्वाति नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अर्जुन वृक्ष की पूजा करते है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में अर्जुन के पेड को लगाते है।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः