विक्रमोर्वशीयम्
- विक्रमोवशीर्यम् कालिदास द्वारा रचित पाँच अंकों का एक त्रोटक[1] है।
- विक्रमोवशीर्यम् में राजा पुरुरवा तथा अप्सरा उर्वशी की प्रणय कथा वर्णित है।
- विक्रमोवशीर्यम् में श्रृंगार रस की प्रधानता है, पात्रों की संख्या कम है।
- विक्रमोवशीर्यम् की कथा ऋग्वेद[2] तथा शतपथ ब्राह्मण[3] से ली गयी है।
- महाकवि कालिदास ने विक्रमोवशीर्यम् नाटक को मानवीय प्रेम की अत्यन्त मधुर एवं सुकुमार कहानी में परिणत कर दिया है।
- विक्रमोवशीर्यम् के प्राकृतिक दृश्य बड़े रमणीय हैं।
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