थबल छोंगबा नृत्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:29, 5 June 2010 by अश्वनी भाटिया (talk | contribs) (Text replace - "Category:लोक नृत्य" to "==सम्बंधित लिंक== {{नृत्य कला}} Category:लोक नृत्य")
Jump to navigation Jump to search

लोक नृत्य में थबल चोंगबा मणिपुर का एक लोक‍प्रिय मणिपुरी नृत्‍य है, जो होली के त्योहार के साथ संबंधित है। थबल का शब्दिक अर्थ है 'चंद्रमा की रोशनी' और चोंगबा का अर्थ है 'नृत्‍य', इस प्रकार इसका पूरा अर्थ है चंद्रमा की रोशनी में नृत्‍य करना। पारम्‍परिक रूप से पुरानी विचारधारा वाले मणिपुरी अभिभावक अपनी बेटियों को उनकी स्‍वीकृति के बिना बाहर जाने और युवाओं से मिलने की अनुमति नहीं देते थे। इस लिए थबल चोंगबा ने लड़कियों को लड़कों से मिलने और बाते करने का एक मात्र अवसर दिया जाता है। पुराने समय में यह नृत्‍य लोक गीतों के साथ चंद्रमा की रोशनी में किया जाता था। इसमें उपयोग किया जाने वाला एक मात्र संगीत वाद्य ढोला कोर ड्रम है। इसे त्योहार के पूरे 6 दिनों तक हर स्‍थान पर आयोजित किया जाता है। यहाँ आग के स्‍थान पर एक झोंपड़ी बनाई जाती है और फिर उसे जलाया जाता है। अगले दिन लड़के समूह में जाकर लड़कियों के साथ गुलाल खेलते हैं और लड़कों के साथ गुलाल खेलने के बदले में लड़कियाँ लड़कों से पैसे लेती हैं।

सम्बंधित लिंक

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः