अटलस पर्वत

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अटलस पर्वत (अंग्रेज़ी में Atlus) कई पहाड़ों का समूह है, जो उत्तर-पश्चिम तथा उत्तर अफ़्रीका में है। 'अटलस' नाम यूनान के एक पौराणिक देवता के आधार पर पड़ा, जिनका निवास स्थान अनुमानत: इसी पर्वत पर था। यह पर्वत बर्बर जाति के लोगों का वास स्थान है। इसके अगम्य भागों के निवासियों का जीवन सदा स्वतंत्र रहा है।[1]

विस्तार

अटलस पर्वत के अंतर्गत श्रृंखलाओं की दिशा उत्तर-पश्चिमी अफ़्रीका के समुद्र तट के लगभग समानांतर है। ये श्रृंखलाएँ 1,500 मील लंबी हैं, जो पश्चिम में जूबो अंतरीप से आरंभ होकर पूर्व में 'गेब्स की खाड़ी' तक मोरक्को, अलजीरिया और ट्यूनीशीया में फैला है। इनकी उत्तरी और दक्षिणी सीमाएँ क्रमश: रूमसागर और सहारा मरुस्थल हैं। इनके दो मुख्य उपविभाग हैं-

  1. समुद्र तटीय श्रेणी - क्यूटा से बीन अंतरीप तक
  2. अंतरस्थ श्रेणी - जो ग्विर अंतरीप से आरंभ होती है और समुद्र तटीय श्रेणी के दक्षिण की ओर फैली हुई है।

इन दोनों के बीच शाट्स का उच्च पठारी प्रदेश है।

अंतरस्थ श्रेणी

अटलस पर्वत की अंतरस्थ श्रेणी, जिसे 'महान अटलस' भी कहते हैं, मोरक्को में स्थित है। यह सबसे लंबी और ऊँची श्रेणी है। इसकी औसत ऊँचाई 11,000 फुट है। इसकी उत्तरी ढाल पर जल सिंचित उपजाऊ घाटियाँ हैं, जिनमें छोटे-छोटे खेतों में बर्बर लोग खेती करते हैं। यहाँ बाँझ (ओक), चीड़, कार्क, सोडार इत्यादि के घने वन पाए जाते हैं।[1]

भूगर्भ विज्ञान

अटलस पर्वत का निर्माण ऐल्प्स पर्वत के लगभग साथ ही हुआ। भूपर्पटी की उन गतियों का आरंभ, जिनसे अटलस पर्वत बना, महाशरट[2] युग के अंत में हुआ। ये गतियाँ उत्तरखटी[3] युग में पुन: क्रियाशील हुई हैं और इनका क्रम मध्यनूतन[4] युग तक चलता रहा। यहाँ पूर्वकाल में भी भंजन क्रिया के प्रमाण मिलते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 अटलस पर्वत (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 25 अगस्त, 2014।
  2. जुरैसिक
  3. अपर क्रिटेशस
  4. माइओसीन

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