एस. पी. बालासुब्रमण्यम

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एस. पी. बालासुब्रमण्यम
पूरा नाम श्रीपति पण्डितराध्युल बालसुब्रमण्यम
प्रसिद्ध नाम एस. पी. बालासुब्रमण्यम
जन्म 4 जून, 1946
जन्म भूमि नेल्लोर, मद्रास
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र हिंदी और तेलुगू सिनेमा
पुरस्कार-उपाधि 'पद्मश्री', 'पद्म भूषण', 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार', 'नन्दी पुरस्कार'
प्रसिद्धि पार्श्वगायक, संगीत निर्देशक और फ़िल्म निर्माता
नागरिकता भारतीय

श्रीपति पण्डितराध्युल बालसुब्रमण्यम (अंग्रेज़ी: Sripathi Panditaradhyula Balasubrahmanyam, जन्म- 4 जून, 1946, नेल्लोर, मद्रास) भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध पार्श्वगायकों में से एक हैं। पार्श्वगायक होने के साथ-साथ वह एक अभिनेता, संगीत निर्देशक, गायक और फ़िल्म निर्माता भी हैं। एस. पी. बालासुब्रमण्यम ने छः बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' और आन्ध्र प्रदेश सरकार द्वारा 25 बार तेलुगू सिनेमा में 'नन्दी पुरस्कार' जीता है।


  • एस. पी. बालासुब्रमण्यम को 'एसपीबी' या 'बालु' के नाम से भी जाना और पहचाना जाता है।
  • इनका जन्म 4 जून सन 1946 को मद्रास के नेल्लोर (अब चित्तूर ज़िला, आंध्र प्रदेश) में हुआ था।
  • अपने क्सरियर में उन्होंने 16 भारतीय भाषाओं में 40,000 से अधिक गाने गाए हैं।
  • 'पद्मश्री' और 'पद्म भूषण' समेत छह राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी एस. पी. बालासुब्रमण्यम को सम्मानित किया जा चुका है।
  • बॉलीवुड और साउथ के वेट्रन गायक एस. पी. बालासुब्रमण्यम कोरोना संक्रमित हो गये हैं। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। वह फिलहाल आईसीयू में हैं, जहां उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम में रखा गया है। उनकी कोरोना रिपोर्ट आने के बाद 5 अगस्त, 2020 को एमजीएम हेल्थकेयर, चेन्नई में भर्ती कराया गया था।
  • एस. पी. बालासुब्रमण्यम ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने कहा था- 'पिछले दो-तीन दिनों से मुझे थोड़ी परेशानी थी। मेरे सीने में थोड़ी जकड़न थी। बुखार था और सर्दी थी। इन तीन चीजों के अलावा मुझे कोई और समस्या नहीं है। लेकिन मैंने लापरवाही नहीं बरती और अस्पताल जाकर टेस्ट कराया'। वह कहते हैं कि- 'डॉक्टर ने बताया कि हल्के लक्ष्णों के साथ कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं'। उन्होंने कहा कि मैं घर पर क्वारंटाइन रह सकता हूं। मगर मैं ऐसा नहीं करना चाहता था। यह पूरे परिवार के साथ बहुत कठिन है। परिवार वाले चिंतित थे और वे आपको अकेला नहीं छोड़ सकते। इसलिए मैं अस्पताल में भर्ती हो गया'।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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