देवल (पीलीभीत): Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "<references/> *पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अका) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''देवल''' [[पीलीभीत ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] का एक ऐतिहासिक स्थान है। बीसलपुर से 10 मील की दूरी पर देवल और गढ़गजना के खंडहर मौजूद हैं। कहा जाता है कि देवल में देवल नाम के [[ऋषि]] का [[आश्रम]] था। यह माना जाता है कि प्राचीन समय में देवल भगवान [[वराह अवतार|वराह]] की [[पूजा]] का मुख्य केन्द्र था। | '''देवल''' [[पीलीभीत ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] का एक ऐतिहासिक स्थान है। बीसलपुर से 10 मील की दूरी पर देवल और [[गढ़गजना]] के [[खंडहर]] मौजूद हैं। कहा जाता है कि देवल में देवल नाम के [[ऋषि]] का [[आश्रम]] था। यह माना जाता है कि प्राचीन समय में देवल भगवान [[वराह अवतार|वराह]] की [[पूजा]] का मुख्य केन्द्र था। | ||
*देवल ऋषि का उल्लेख [[श्रीमद्भागवदगीता]]<ref>[[श्रीमद्भागवदगीता]] 10, 13</ref> में है- | *देवल ऋषि का उल्लेख [[श्रीमद्भागवदगीता]]<ref>[[श्रीमद्भागवदगीता]] 10, 13</ref> में है- | ||
Line 13: | Line 13: | ||
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=450|url=}} | {{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=450|url=}} | ||
<references/> | <references/> | ||
*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}} | {{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 07:12, 16 June 2013
देवल पीलीभीत ज़िला, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक स्थान है। बीसलपुर से 10 मील की दूरी पर देवल और गढ़गजना के खंडहर मौजूद हैं। कहा जाता है कि देवल में देवल नाम के ऋषि का आश्रम था। यह माना जाता है कि प्राचीन समय में देवल भगवान वराह की पूजा का मुख्य केन्द्र था।
- देवल ऋषि का उल्लेख श्रीमद्भागवदगीता[1] में है-
'आहुस्तामृषय: सर्वे देवर्पिर्नारदस्तथा असितो देवलो व्यास: स्वयं चैव व्रवीषि में'
- पांडवों के पुरोहित धौम्य, देवल ऋषि के भाई थे।
- देवल के खंडहरों में भगवान वराह की मूर्ति प्राप्त हुई थी, जो देवल के मंदिर में स्थापित है।
- ऐसा जान पड़ता है कि यह स्थान प्राचीन समय में वराह पूजा का केन्द्र था।
- देवल ऋषि के मंदिर में 992 ई. का कुटिला लिपि में एक अभिलेख है, जिससे यह सूचित होता है कि एक स्थानीय राजा और उसकी पत्नी लक्ष्मी ने बहुत से कुंज, उद्यान और मंदिर बनवाए और ब्राह्मणों को कई ग्राम दान में दिये, जो निर्मला नदी के जल से सिंचित थे।
- देवल के पास बहने वाला कटनी नाम का नाला ही इस अभिलेख की निर्मला नदी जान पड़ता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 450 |
- ↑ श्रीमद्भागवदगीता 10, 13
- ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार