कोपिया: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "<references/>" to "<references/> *पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्)
m (Text replace - "<references/> *पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अका)
 
Line 11: Line 11:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
*पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अकादमी जयपुर
*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==

Latest revision as of 07:13, 16 June 2013

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

कोपिया उत्तर प्रदेश में संत कबीर नगर ज़िले में खलीलाबाद से 12 किलोमीटर उत्तर में स्थित एक गाँव है।

  • कोपिया गाँव में पुणे स्थित पुरातात्त्विक अध्ययन के प्रमुख केन्द्र डेक्कन कॉलेज के सहयोग से डॉ. आलोक क़ानून गो के नेतृत्व में उत्खनन कार्य से इस स्थल पर प्रकाश पड़ा।
  • अब तक प्राप्त जानकारी के आधार पर कहा जा सकता है कि कोलिया गाँव एक विकसित स्थल था। खुदाई के दौरान बड़ी मात्रा में मिले कांच के टुकड़े, चूड़ियों के टुकड़े धातु गलाने वाले पात्र, जिसमें शीशापड़ा हुआ मिला है। इस बात से प्रमाण हैं कि यहाँ कांच उद्योग फल-फूल रहा था।
  • पुरातत्त्ववेत्ताओं के अनुसार भारत में कांच निर्माण के प्राचीनतम प्रमाण यहीं से प्राप्त होते हैं। इसके अंतर्गत एक स्तूपाकार निर्माण के एक सिरे से आग लगाई जाती है और दूसरे सिरे से सिलिका ढाला जाता है।
  • डॉ.क़ानून गो के अनुसार, उत्तर भारत कांच निर्माण के क्षेत्र में ज़्यादा विकसित था। ई.पू. 400 से 300 ई. के दौरान कोपिया इसका महत्त्वपूर्ण केन्द्र था। इसके उत्पाद दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में निर्यात होते थे।
  • कोपिया गाँव का कांच उद्योग पहली सदी में रोम के कांच उद्योग जितना उन्नत था। डॉ. क़ानून गो के शुरुआती निष्कर्ष इस प्रचलित अवधारणा का खण्डन करते हैं कि भारत का प्राचीन कांच उद्योग दक्षिण भारतीय क्षेत्रों, ख़ासकर अरिकमेडु जैसी जगहों पर था। जिसके रोम के सम्पर्क के प्रमाण मिलते हैं।
  • कोपिया गाँव के उत्खनन से प्राप्त सिक्कों तथा मिट्टी के बर्तनों पर कुषाण शासक विम कडफ़ाइसिस का प्रयुक्त ‘नंदीपद’ (ऊँ) जैसी आकृति भी अंकित है। इसके अलावा टेराकोटा और धातुनिर्मित सामग्री मिली है तथा दो दर्जन से अधिक कांच के मनके भी प्राप्त हुए हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख