प्रलंब: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(2 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=प्रलंब |लेख का नाम=प्रलंब (बहुविकल्पी)}}
'''प्रलंब''' का उल्लेख [[वाल्मीकि रामायण]] में हुआ है। प्रलंब [[बिजनौर ज़िला|बिजनौर ज़िले]] का दक्षिण भाग था, क्योंकि इसे [[मालिनी नदी]] के दक्षिण में बताया गया है। मालिनी [[गढ़वाल]] के पहाड़ों से निकल कर [[बिजनौर]] नगर से 6 मील दूर [[गंगा]] में रावलीघाट के निकट मिलती है।  
'''प्रलंब''' का उल्लेख [[वाल्मीकि रामायण]] में हुआ है। प्रलंब [[बिजनौर ज़िला|बिजनौर ज़िले]] का दक्षिण भाग था, क्योंकि इसे [[मालिनी नदी]] के दक्षिण में बताया गया है। मालिनी [[गढ़वाल]] के पहाड़ों से निकल कर [[बिजनौर]] नगर से 6 मील दूर [[गंगा]] में रावलीघाट के निकट मिलती है।  


Line 11: Line 12:
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=587|url=}}
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=587|url=}}
<references/>
<references/>
*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}}
{{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}}
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर]][[Category:उत्तर प्रदेश का इतिहास]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर]][[Category:उत्तर प्रदेश का इतिहास]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 10:08, 1 April 2014

चित्र:Disamb2.jpg प्रलंब एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- प्रलंब (बहुविकल्पी)

प्रलंब का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है। प्रलंब बिजनौर ज़िले का दक्षिण भाग था, क्योंकि इसे मालिनी नदी के दक्षिण में बताया गया है। मालिनी गढ़वाल के पहाड़ों से निकल कर बिजनौर नगर से 6 मील दूर गंगा में रावलीघाट के निकट मिलती है।

  • वाल्मीकि रामायण में इस स्थान का वर्णन अयोध्या के दूतों की केकय देश की यात्रा के प्रसंग में है-

न्यन्तेनापरतालस्य प्रलंबस्योत्तरं प्रति, निषेवमाणा जग्मुर्नदी मध्येनमालिनीम्'[1]

  • प्रलंब के संबंध में मालिनी का उल्लेख होने से इस देश की स्थिति वर्तमान बिजनौर और गढ़वाल ज़िलों के अंतर्गत माननी होगी।
  • इसके आगे अयोध्या[2] में दूतों द्वारा हस्तिनापुर, ज़िला मेरठ में गंगा को पार करने का उल्लेख है, जिससे उपयुक्त अभिज्ञान की पुष्टि होती है।
  • प्रलंब से आठ मील दूर मंडावर है, जहाँ मालिनी नदी के तट पर कालिदास के "अभिज्ञान शाकुंतलम" नाटक में वर्णित 'कण्वाश्रम' की स्थिति परंपरा से मानी जाती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 587 |

  1. अयोध्या. 68, 12.
  2. अयोध्या, 68, 13
  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

संबंधित लेख