उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (Adding category Category:अर्थव्यवस्था (को हटा दिया गया हैं।)) |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{ | {{उत्तर प्रदेश विषय सूची}} | ||
[[उत्तर प्रदेश]] की अर्थव्यवस्था के निम्न साधन हैं- | [[उत्तर प्रदेश]] की अर्थव्यवस्था के निम्न साधन हैं- | ||
====संसाधन==== | ====संसाधन==== | ||
आर्थिक तौर पर उत्तर प्रदेश देश के अत्यधिक अल्पविकसित राज्यों में से एक है। यह मुख्यत: [[कृषि]] प्रधान राज्य है और यहाँ की तीन-चौथाई (75 प्रतिशत) से अधिक जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। राज्य में औद्योगिकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों की कमी है। यहाँ पर केवल सिलिका, चूना पत्थर व कोयले जैसे खनिज पदार्थ ही उल्लेखनीय मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा यहाँ जिप्सम, मैग्नेटाइट, फ़ॉस्फ़ोराइट और बॉक्साइट के अल्प भण्डार भी पाए जाते हैं। | आर्थिक तौर पर उत्तर प्रदेश देश के अत्यधिक अल्पविकसित राज्यों में से एक है। यह मुख्यत: [[कृषि]] प्रधान राज्य है और यहाँ की तीन-चौथाई (75 प्रतिशत) से अधिक जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। राज्य में औद्योगिकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों की कमी है। यहाँ पर केवल सिलिका, चूना पत्थर व कोयले जैसे खनिज पदार्थ ही उल्लेखनीय मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा यहाँ जिप्सम, मैग्नेटाइट, फ़ॉस्फ़ोराइट और बॉक्साइट के अल्प भण्डार भी पाए जाते हैं। | ||
====कृषि एवं वानिकी==== | ====कृषि एवं वानिकी==== | ||
राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। [[चावल]], [[गेहूँ]], | राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। [[चावल]], [[गेहूँ]], ज्वार, बाजरा, जौ और [[गन्ना]] राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। 1960 के दशक से गेहूँ व चावल की उच्च पैदावार वाले बीजों के प्रयोग, उर्वरकों की अधिक उपलब्धता और सिंचाई के अधिक इस्तेमाल से उत्तर प्रदेश खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है। यद्यपि किसान दो प्रमुख समस्याओं से ग्रस्त हैं: आर्थिक रूप से अलाभकारी छोटे खेत और बेहतर उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए अपर्याप्त संसाधन, राज्य की अधिकतम कृषि भूमि किसानों को मुश्किल से ही भरण-पोषण कर पाती है। पशुधन व डेयरी उद्योग आय के अतिरिक्त स्रोत हैं। उत्तर प्रदेश में भारत के किसी भी शहर के मुक़ाबले सर्वाधिक पशु पाए जाते हैं। हालांकि प्रति [[गाय]] [[दूध]] का उत्पादन कम है। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
Line 19: | Line 19: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{उत्तर प्रदेश}} | {{उत्तर प्रदेश}} | ||
{{साँचा:भारत की अर्थव्यवस्था}} | |||
[[Category:अर्थव्यवस्था]] | |||
[[Category:उत्तर प्रदेश]] | [[Category:उत्तर प्रदेश]] | ||
[[Category:अर्थव्यवस्था]] | [[Category:अर्थव्यवस्था]] | ||
[[Category:वाणिज्य व्यापार कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 07:58, 7 June 2017
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के निम्न साधन हैं-
संसाधन
आर्थिक तौर पर उत्तर प्रदेश देश के अत्यधिक अल्पविकसित राज्यों में से एक है। यह मुख्यत: कृषि प्रधान राज्य है और यहाँ की तीन-चौथाई (75 प्रतिशत) से अधिक जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। राज्य में औद्योगिकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों की कमी है। यहाँ पर केवल सिलिका, चूना पत्थर व कोयले जैसे खनिज पदार्थ ही उल्लेखनीय मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा यहाँ जिप्सम, मैग्नेटाइट, फ़ॉस्फ़ोराइट और बॉक्साइट के अल्प भण्डार भी पाए जाते हैं।
कृषि एवं वानिकी
राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, जौ और गन्ना राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। 1960 के दशक से गेहूँ व चावल की उच्च पैदावार वाले बीजों के प्रयोग, उर्वरकों की अधिक उपलब्धता और सिंचाई के अधिक इस्तेमाल से उत्तर प्रदेश खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है। यद्यपि किसान दो प्रमुख समस्याओं से ग्रस्त हैं: आर्थिक रूप से अलाभकारी छोटे खेत और बेहतर उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए अपर्याप्त संसाधन, राज्य की अधिकतम कृषि भूमि किसानों को मुश्किल से ही भरण-पोषण कर पाती है। पशुधन व डेयरी उद्योग आय के अतिरिक्त स्रोत हैं। उत्तर प्रदेश में भारत के किसी भी शहर के मुक़ाबले सर्वाधिक पशु पाए जाते हैं। हालांकि प्रति गाय दूध का उत्पादन कम है।
|
|
|
|
|