लखनऊ पर्यटन: Difference between revisions
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[[लखनऊ]] | [[लखनऊ]] [[भारत]] गणराज्य के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य [[उत्तर प्रदेश]] की राजधानी है। लखनऊ नगर [[गोमती नदी]] के किनारे पर बसा हुआ है। लखनऊ नगर में, लखनऊ ज़िला और लखनऊ मंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है। लखनऊ नगर अपनी ख़ास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसंस्कृति, आम के बाग़ों और चिकन की कढ़ाई, नामचीन कत्थक नृत्य कला का जन्मस्थल, बेगम अख्त्तर की ग़ज़लों का सरूर लिए 'पहले आप' की तहज़ीबो अदब और शाम-ए-अवध के लिए जाने जाना वाला नवाबी तबियत का पूरी दुनिया में एक ही शहर है। | ||
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लखनऊ शहर और आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं। इनमें ऐतिहासिक स्थल, उद्यान, मनोरंजन स्थल एवं शॉपिंग मॉल आदि हैं। नवाबों ने इस नगर में अनेक भवनों का निर्माण किया, जिनमें बड़ा एवं छोटा इमामबाड़ा प्रमुख है। | लखनऊ शहर और आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं। इनमें ऐतिहासिक स्थल, उद्यान, मनोरंजन स्थल एवं शॉपिंग मॉल आदि हैं। नवाबों ने इस नगर में अनेक भवनों का निर्माण किया, जिनमें बड़ा एवं छोटा इमामबाड़ा प्रमुख है। | ||
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*इमामबाड़े का केन्द्रीय कक्ष लगभग 50 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है। स्तंभहीन इस कक्ष की छत 15 मीटर से अधिक ऊंची है। | *इमामबाड़े का केन्द्रीय कक्ष लगभग 50 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है। स्तंभहीन इस कक्ष की छत 15 मीटर से अधिक ऊंची है। | ||
*बड़ा इमामबाड़ा एक रोचक भवन है। यह न तो मस्जिद है और न ही मक़बरा, किन्तु इस विशाल भवन में कई मनोरंजक तत्व अंदर निर्मित हैं। कक्षों का निर्माण और वॉल्ट के उपयोग में सशक्त इस्लामी प्रभाव दिखाई देता है। | *बड़ा इमामबाड़ा एक रोचक भवन है। यह न तो मस्जिद है और न ही मक़बरा, किन्तु इस विशाल भवन में कई मनोरंजक तत्व अंदर निर्मित हैं। कक्षों का निर्माण और वॉल्ट के उपयोग में सशक्त इस्लामी प्रभाव दिखाई देता है। | ||
*इस भवन में तीन विशाल कक्ष हैं, इसकी दीवारों के बीच छुपे हुए लम्बे गलियारे हैं, जो लगभग 20 फीट मोटी हैं। यह घनी, गहरी रचना भूलभुलैया कहलाती है और इसमें केवल तभी जाना चाहिए जब आपका दिल | *इस भवन में तीन विशाल कक्ष हैं, इसकी दीवारों के बीच छुपे हुए लम्बे गलियारे हैं, जो लगभग 20 फीट मोटी हैं। यह घनी, गहरी रचना भूलभुलैया कहलाती है और इसमें केवल तभी जाना चाहिए जब आपका दिल मज़बूत हो। | ||
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Latest revision as of 11:07, 1 August 2017
लखनऊ पर्यटन
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विवरण | लखनऊ भारत गणराज्य के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | लखनऊ ज़िला |
निर्माता | आसफ़उद्दौला |
स्थापना | 1775 ई. |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 26°85', पूर्व- 80°92' |
मार्ग स्थिति | लखनऊ शहर सड़क द्वारा इलाहाबाद से 205 किमी, वाराणसी से 323 किलोमीटर, आगरा से 325 किमी, मथुरा से 374 किमी, दिल्ली से 468 किमी दूरी पर स्थित है। |
प्रसिद्धि | लखनऊ शहर एक विशिष्ट प्रकार की कढ़ाई, चिकन से सजे हुए परिधानों और कपड़ों के लिए भी प्रसिद्ध है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। |
हवाई अड्डा | अमौसी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा |
रेलवे स्टेशन | चारबाग़ रेलवे स्टेशन, ऐशबाग़ रेलवे स्टेशन, लखनऊ सिटी रेलवे स्टेशन, आलमनगर रेलवे स्टेशन, बादशाहनगर रेलवे स्टेशन, अमौसी रेलवे स्टेशन |
बस अड्डा | चारबाग़ बस टर्मिनस, केसरबाग़ बस टर्मिनस, डॉ. भीमराव अम्बेडकर बस टर्मिनस |
यातायात | सिटी बस सेवा, टैक्सी, साइकिल रिक्शा, ऑटोरिक्शा, टेम्पो एवं सीएनजी बसें |
क्या देखें | घंटाघर, जामा मस्जिद, बड़ा इमामबाड़ा, रूमी दरवाज़ा, रेसीडेंसी संग्रहालय, छतर मंज़िल आदि |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
क्या खायें | ज़ायकेदार मलाई गिलौरी (पान), बादाम हलवा, रस-मलाई और चटपटी चाट |
क्या ख़रीदें | चिकनकारी और जरदोजी के कपड़े, आभूषण और हस्तशिल्प कला का सामान ख़रीदा जा सकता है। |
एस.टी.डी. कोड | 0522 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
भाषा | हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी |
अद्यतन | 15:11, 3 मार्च 2014 (IST)
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लखनऊ भारत गणराज्य के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। लखनऊ नगर गोमती नदी के किनारे पर बसा हुआ है। लखनऊ नगर में, लखनऊ ज़िला और लखनऊ मंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है। लखनऊ नगर अपनी ख़ास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसंस्कृति, आम के बाग़ों और चिकन की कढ़ाई, नामचीन कत्थक नृत्य कला का जन्मस्थल, बेगम अख्त्तर की ग़ज़लों का सरूर लिए 'पहले आप' की तहज़ीबो अदब और शाम-ए-अवध के लिए जाने जाना वाला नवाबी तबियत का पूरी दुनिया में एक ही शहर है।
पर्यटन स्थल
लखनऊ शहर और आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं। इनमें ऐतिहासिक स्थल, उद्यान, मनोरंजन स्थल एवं शॉपिंग मॉल आदि हैं। नवाबों ने इस नगर में अनेक भवनों का निर्माण किया, जिनमें बड़ा एवं छोटा इमामबाड़ा प्रमुख है।
- बड़ा इमामबाड़ा
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- इमामबाड़े का निर्माण नवाब आसिफउद्दौला ने 1784 में कराया था और इसके संकल्पनाकार 'किफायतउल्ला' थे, जो ताजमहल के वास्तुकार के संबंधी कह जाते हैं।
- इमामबाड़े का केन्द्रीय कक्ष लगभग 50 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है। स्तंभहीन इस कक्ष की छत 15 मीटर से अधिक ऊंची है।
- बड़ा इमामबाड़ा एक रोचक भवन है। यह न तो मस्जिद है और न ही मक़बरा, किन्तु इस विशाल भवन में कई मनोरंजक तत्व अंदर निर्मित हैं। कक्षों का निर्माण और वॉल्ट के उपयोग में सशक्त इस्लामी प्रभाव दिखाई देता है।
- इस भवन में तीन विशाल कक्ष हैं, इसकी दीवारों के बीच छुपे हुए लम्बे गलियारे हैं, जो लगभग 20 फीट मोटी हैं। यह घनी, गहरी रचना भूलभुलैया कहलाती है और इसमें केवल तभी जाना चाहिए जब आपका दिल मज़बूत हो।
- छोटा इमामबाड़ा
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- छोटा इमामबाड़ा को हुसैनाबाद इमामबाड़ा भी कहा जाता है।
- छोटा इमामबाड़ा का निर्माण 'मोहम्मद अली शाह' ने करवाया था।
- छोटे इमामबाड़े की मुख्य चोटी पर एक सुनहरा और बड़ा गुम्बद है।
- रूमी दरवाज़ा
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- रूमी दरवाज़े की इमारत 60 फीट ऊँची है।
- अवध वास्तुकला के प्रतीक इस दरवाज़े को तुर्किश गेटवे कहा जाता है।
- रूमी दरवाज़ा कांस्टेनटिनोपल के दरवाजों के समान दिखाई देता है।
- रेसीडेन्सी
[[चित्र:Clock-Tower-Lucknow.jpg|thumb|घंटाघर, लखनऊ
Clock Tower, Lucknow]]
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- रेसिडेंसी वर्तमान में एक राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक है।
- रेसिडेंसी अवध प्रांत की राजधानी लखनऊ में रह रहे, ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अधिकारियों का निवास स्थान हुआ करता थी।
- रेजीडेन्सी के खंडहर हमें लखनऊ में 1857 के महान् विद्रोह की याद दिलाते हैं। वे यथास्थिति में परिरक्षित है जिसमें वे 1920 में केन्द्रीय संरक्षण में आए।
- चारबाग़ रेलवे स्टेशन
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- चारबाग़ रेलवे स्टेशन लखनऊ का प्रमुख रेलवे स्टेशन है।
- चारबाग़ में स्थित होने के कारण इसका नाम चारबाग़ स्टेशन हैं।
- चारबाग़ रेलवे स्टेशन 1914 में बनकर तैयार हुआ था। इसकी स्थापत्य कला में राजस्थानी भवन निर्माण शैली की झलक मिलती है।
- घंटाघर
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- जामा मस्जिद
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- लखनऊ की जामा मस्जिद को जामी मस्जिद भी कहा जाता है।
- जामी मस्जिद लखनऊ की सबसे बड़ी मस्जिद है।
- जामी मस्जिद की छत के अंदरुनी हिस्से में ख़ूबसूरत चित्रकारी देखी जा सकती है।
- बनारसी बाग़
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- बनारसी बाग़ वास्तव में यह एक चिड़ियाघर है। स्थानीय लोग इस चिड़ियाघर को बनारसी बाग़ कहते हैं।
- मथुरा से लाई गई पत्थरों की मूर्तियों का संग्रह और रानी विक्टोरिया की मूर्ति देखने में बेहद आकर्षक है।
- पिक्चर गैलरी
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- यहाँ लखनऊ के लगभग सभी नवाबों की तस्वीरें देखी जा सकती हैं।
- यह गैलरी लखनऊ के उस अतीत की याद दिलाती है जब यहाँ नवाबों का डंका बजता था।
- मोती महल
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- गोमती नदी की सीमा पर बनी तीन इमारतों में मोती महल प्रमुख है।
- इसे सआदत अली ख़ाँ ने बनवाया था। मुबारक मंज़िल और शाह मंज़िल अन्य दो इमारतें हैं।
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