राजस्थान के उद्योग: Difference between revisions
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[[राजस्थान]] सांस्कृतिक रूप में समृद्ध होने के साथ-साथ [[खनिज|खनिजों]] के मामले में भी समृद्ध रहा है और अब वह देश के औद्योगिक परिदृश्य में भी तेज़ीसे उभर रहा है। राज्य के प्रमुख केंद्रीय प्रतिष्ठानों में देबरी ([[उदयपुर]]) में जस्ता गलाने का संयंत्र, [[खेतड़ी]] ([[झुंझुनू]]) में तांबा परियोजना और [[कोटा]] में सूक्ष्म उपकरणों का कारख़ाना शामिल है। [[मार्च]], [[2006]] तक राज्य में [[लघु उद्योग|लघु उद्योगों]] की 2,75,400 इकाइयां थी। जिनमें 4,336.70 करोड़ रुपये की पूँजी लगी थी और लगभग 10.55 लाख लोगों को रोज़गार मिला हुआ था। मुख्य उद्योग हैं: वस्त्र, ऊनी कपडे, [[चीनी उद्योग|चीनी]], [[सीमेंट उद्योग|सीमेंट]], काँच, सोडियम संयंत्र, [[ऑक्सीजन]], [[वनस्पति]], [[रंग]], [[कीटनाशक]], [[जस्ता]], [[उर्वरक उद्योग|उर्वरक]], रेल के डिब्बे, बॉल बियरिंग, पानी व बिजली के मीटर, टेलीवीजन सेट, सल्फ्यूरिक एसिड, सिंथेटिक धागे तथा तापरोधी ईंटें आदि। बहुमूल्य और कम मूल्य के [[रत्न|रत्नों]] के अलावा कास्टिक सोडा, कैलशियम कार्बाइड, नाइलोन तथा टायर आदि अन्य महत्त्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयां हैं। राज्य में जिंक कंसंट्रेट, [[पन्ना]], गार्नेट, [[जिप्सम]], [[खनिज]], [[चांदी]], एस्बेस्टस, फैल्सपार तथा [[अभ्रक]] के प्रचुर भंडार हैं। राज्य में [[नमक]], रॉक फास्फेट, मारबल तथा लाल पत्थर भी काफ़ी मात्रा में मिलता है। [[सीतापुर]] ([[जयपुर]]) में देश पहला निर्यात संवर्द्धन पार्क बनाया गया है जिसने काम करना प्रारंभ कर दिया है। [[भारत]] के सांद्रित [[जस्ता]], [[सीसा]], [[पन्ना]] व गार्नेट का संपूर्ण उत्पादन राजस्थान में ही होता है। देश में [[जिप्सम]] व [[चांदी]] अयस्क उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत भाग राजस्थान में होता है। राज्य को विद्युत आपूर्ति पड़ोसी राज्यों व चबंल घाटी परियोजना से होती है। कोटा के निकट रावतभाटा में नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र है। | |||
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thumb|250px|शॉल पर कढ़ाई करता हुआ कारीगर, राजस्थान राजस्थान सांस्कृतिक रूप में समृद्ध होने के साथ-साथ खनिजों के मामले में भी समृद्ध रहा है और अब वह देश के औद्योगिक परिदृश्य में भी तेज़ीसे उभर रहा है। राज्य के प्रमुख केंद्रीय प्रतिष्ठानों में देबरी (उदयपुर) में जस्ता गलाने का संयंत्र, खेतड़ी (झुंझुनू) में तांबा परियोजना और कोटा में सूक्ष्म उपकरणों का कारख़ाना शामिल है। मार्च, 2006 तक राज्य में लघु उद्योगों की 2,75,400 इकाइयां थी। जिनमें 4,336.70 करोड़ रुपये की पूँजी लगी थी और लगभग 10.55 लाख लोगों को रोज़गार मिला हुआ था। मुख्य उद्योग हैं: वस्त्र, ऊनी कपडे, चीनी, सीमेंट, काँच, सोडियम संयंत्र, ऑक्सीजन, वनस्पति, रंग, कीटनाशक, जस्ता, उर्वरक, रेल के डिब्बे, बॉल बियरिंग, पानी व बिजली के मीटर, टेलीवीजन सेट, सल्फ्यूरिक एसिड, सिंथेटिक धागे तथा तापरोधी ईंटें आदि। बहुमूल्य और कम मूल्य के रत्नों के अलावा कास्टिक सोडा, कैलशियम कार्बाइड, नाइलोन तथा टायर आदि अन्य महत्त्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयां हैं। राज्य में जिंक कंसंट्रेट, पन्ना, गार्नेट, जिप्सम, खनिज, चांदी, एस्बेस्टस, फैल्सपार तथा अभ्रक के प्रचुर भंडार हैं। राज्य में नमक, रॉक फास्फेट, मारबल तथा लाल पत्थर भी काफ़ी मात्रा में मिलता है। सीतापुर (जयपुर) में देश पहला निर्यात संवर्द्धन पार्क बनाया गया है जिसने काम करना प्रारंभ कर दिया है। भारत के सांद्रित जस्ता, सीसा, पन्ना व गार्नेट का संपूर्ण उत्पादन राजस्थान में ही होता है। देश में जिप्सम व चांदी अयस्क उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत भाग राजस्थान में होता है। राज्य को विद्युत आपूर्ति पड़ोसी राज्यों व चबंल घाटी परियोजना से होती है। कोटा के निकट रावतभाटा में नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र है।
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