रोमन कैथोलिक चर्च सरधना: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (Adding category Category:ईसाई धार्मिक स्थल (को हटा दिया गया हैं।)) |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
(7 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{सूचना बक्सा पर्यटन | |||
*ईसाइयों के इस तीर्थस्थान की बढ़ती प्रसिद्धि को देखते हुए स्वर्गीय 'पोप जॉन' 23 वें ने 19 दिसम्बर 1961 को सरधना स्थित इस चर्च को 'माइनर बसिलिका' की उपाधि दी। 'बसिलिका' गिरजाघरों को दी जाने वाली एक उपाधि है, जो कि चुने हुए गिरजाघरों को दी जाती है। इटैलियन और [[मुस्लिम]] निर्माण कला के बेहतरीन कॉम्बिनेशन के रूप में मशहूर इस चर्च का निर्माण | |चित्र=Basilica-Of-Our-Lady-Of-Graces.jpg | ||
|चित्र का नाम=रोमन कैथोलिक चर्च, सरधना | |||
|विवरण=रोमन कैथोलिक चर्च [[मेरठ]] के छोटे से शहर [[सरधना]] में स्थित है जो अपनी ख़ूबसूरत कारीगरी के लिए चर्चित है। | |||
|राज्य=[[उत्तर प्रदेश]] | |||
|केन्द्र शासित प्रदेश= | |||
|ज़िला=[[मेरठ ज़िला|मेरठ]] | |||
|निर्माता= बेगम समरू | |||
|स्वामित्व= | |||
|प्रबंधक= | |||
|निर्माण काल=सन 1809 - 1822 | |||
|स्थापना= | |||
|भौगोलिक स्थिति= | |||
|मार्ग स्थिति=रोमन कैथोलिक चर्च मेरठ जंक्शन से लगभग 24 किमी की दूरी पर स्थित है। | |||
|मौसम= | |||
|तापमान= | |||
|प्रसिद्धि= | |||
|कब जाएँ= | |||
|कैसे पहुँचें= | |||
|हवाई अड्डा= | |||
|रेलवे स्टेशन= | |||
|बस अड्डा= | |||
|यातायात= | |||
|क्या देखें= | |||
|कहाँ ठहरें= | |||
|क्या खायें= | |||
|क्या ख़रीदें= | |||
|एस.टी.डी. कोड= | |||
|ए.टी.एम= | |||
|सावधानी= | |||
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?saddr=Sardhana+church&daddr=begumabad&hl=en&ll=29.140167,77.626133&spn=0.036734,0.055189&sll=29.105977,77.632828&sspn=0.293969,0.441513&geocode=FYnCvAEdfVWgBCHSF5By6H66-Q%3BFQB0vAEdVoegBCnHEe5852sMOTHj4wCYI67t-w&mra=ls&t=m&z=14 गूगल मानचित्र] | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1=वास्तुकार | |||
|पाठ 1=एंथनी रेगलिनी | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=रोमन कैथोलिक चर्च [[उत्तर भारत]] में स्थित यहाँ का सबसे बड़ा चर्च है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन={{अद्यतन|12:37, 9 मार्च 2012 (IST)}} | |||
}} | |||
'''रोमन कैथोलिक चर्च''' [[मेरठ]] के छोटे से शहर [[सरधना]] में स्थित है जो अपनी ख़ूबसूरत कारीगरी के लिए चर्चित है। मैरी को समर्पित इस चर्च का डिजाइन इटालिक वास्तुकार ''एंथनी रेगलिनी'' ने तैयार किया था। भवन निर्माण साम्रगी जुटाने के लिए आसपास खुदाई की गई थी। खुदाई वाला हिस्सा आगे चलकर दो झीलों में तब्दील हो गया। इस चर्च में मौजूद 'मरियम' की तस्वीर के यहां आने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। [[1955]] में [[भारत]] के कुछ पादरी [[इटली]] के 'लैघोर्न' शहर स्थित मशहूर तीर्थस्थान के दर्शन करने गए थे। वहां के चर्च में मरियम की तस्वीर उन्हें बहुत पसंद आई। इस पर वहां के लोगों ने ठीक वैसी ही एक तस्वीर तैयार करवाकर उसे [[भारत]] के लोगों के लिए उपहार दे दिया। इसी तस्वीर को [[1957]] में बड़ी धूमधाम के साथ 'सरधना चर्च' में स्थापित किया गया। | |||
*[[ईसाई|ईसाइयों]] के इस तीर्थस्थान की बढ़ती प्रसिद्धि को देखते हुए स्वर्गीय 'पोप जॉन' 23 वें ने [[19 दिसम्बर]] [[1961]] को सरधना स्थित इस चर्च को 'माइनर बसिलिका' की उपाधि दी। 'बसिलिका' [[गिरजाघर|गिरजाघरों]] को दी जाने वाली एक उपाधि है, जो कि चुने हुए गिरजाघरों को दी जाती है। इटैलियन और [[मुस्लिम]] निर्माण कला के बेहतरीन कॉम्बिनेशन के रूप में मशहूर इस चर्च का निर्माण सन् 1809 में शुरू हुआ था और क़रीब ग्यारह साल बाद 1822 में पूरा हुआ। | |||
*उस समय इस चर्च के बनने में 4 लाख रुपये खर्च हुए थे। | *उस समय इस चर्च के बनने में 4 लाख रुपये खर्च हुए थे। | ||
*स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना माने जाने वाले इस चर्च का डिजाइन 'इटैलियन आर्किटैक्ट | *स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना माने जाने वाले इस चर्च का डिजाइन ''इटैलियन आर्किटैक्ट'' 'एंथनी रेगलिनी' ने तैयार किया था। इस चर्च में प्रवेश करते ही किसी अलग दुनिया में पहुंचने का अहसास होता है। चारों ओर फैली हरियाली खुशनुमा माहौल का अहसास कराती है। थोड़ा आगे चलने पर सामने 18 खंबों का चर्च का बरामदा नजर आता है। | ||
*चर्च के अंदर प्रवेश करते ही दाईं ओर | *चर्च के अंदर प्रवेश करते ही दाईं ओर बेगम समरू की आदमक़द मूर्ति नजर आती है। इटैलियन मूर्ति कला का बेहतरीन नमूना यह मूर्ति इटली में तैयार की गई थी जिसे बाद में सरधना लाकर स्थापित किया गया। | ||
*अपनी क़ब्र के ऊपर खड़ी | *अपनी क़ब्र के ऊपर खड़ी बेगम की मूर्ति अब भी ऐसी लगती है, मानों अपने दरबार में लोगों के मुकदमों की सुनवाई कर रही हो। | ||
*उससे आगे बढ़ने बायीं ओर माता मरियम की तस्वीर नजर आती है। इस तस्वीर को देखकर एक अलौकिक अहसास की अनुभूति होती है। | *उससे आगे बढ़ने बायीं ओर माता मरियम की तस्वीर नजर आती है। इस तस्वीर को देखकर एक अलौकिक अहसास की अनुभूति होती है। | ||
*सामने के हॉल में प्रार्थना करने वालों के लिए बैठने का स्थान बना हुआ है। | *सामने के हॉल में प्रार्थना करने वालों के लिए बैठने का स्थान बना हुआ है। | ||
*नवम्बर के दूसरे हफ्ते में इस पावन तीर्थस्थान में मेला लगता है जिसमें दूर - दूर से अलग - अलग धर्म के लाखों लोग आते हैं। इसके अलावा 25 दिसम्बर को [[क्रिसमस]] के मौक़े पर भी यहां काफ़ी लोग प्रार्थना करने के लिए आते हैं। | *नवम्बर के दूसरे हफ्ते में इस पावन तीर्थस्थान में मेला लगता है जिसमें दूर - दूर से अलग - अलग [[धर्म]] के लाखों लोग आते हैं। इसके अलावा [[25 दिसम्बर]] को [[क्रिसमस]] के मौक़े पर भी यहां काफ़ी लोग प्रार्थना करने के लिए आते हैं। | ||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
==चर्च का विहंगम दृश्य== | |||
{{Panorama | |||
|image =चित्र:Panoramic-Sardhana-Church.jpg | |||
|height =250 | |||
|alt =रोमन कैथोलिक चर्च | |||
|caption=रोमन कैथोलिक चर्च, [[सरधना]] का विहंगम दृश्य | |||
}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
Line 16: | Line 64: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | {{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:उत्तर_प्रदेश]][[Category:मेरठ]] | [[Category:उत्तर_प्रदेश]][[Category:मेरठ]] | ||
[[Category:गिरजा घर]] | [[Category:गिरजा घर]] | ||
[[Category:ईसाई धार्मिक स्थल]]__INDEX__ | [[Category:ईसाई धार्मिक स्थल]] | ||
[[Category:धार्मिक स्थल कोश]][[Category:पर्यटन कोश]] | |||
[[Category:उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल]] | |||
__INDEX__ | |||
__NOTOC__ |
Latest revision as of 08:27, 9 March 2012
रोमन कैथोलिक चर्च सरधना
| |
विवरण | रोमन कैथोलिक चर्च मेरठ के छोटे से शहर सरधना में स्थित है जो अपनी ख़ूबसूरत कारीगरी के लिए चर्चित है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | मेरठ |
निर्माता | बेगम समरू |
निर्माण काल | सन 1809 - 1822 |
मार्ग स्थिति | रोमन कैथोलिक चर्च मेरठ जंक्शन से लगभग 24 किमी की दूरी पर स्थित है। |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
वास्तुकार | एंथनी रेगलिनी |
अन्य जानकारी | रोमन कैथोलिक चर्च उत्तर भारत में स्थित यहाँ का सबसे बड़ा चर्च है। |
अद्यतन | 12:37, 9 मार्च 2012 (IST)
|
रोमन कैथोलिक चर्च मेरठ के छोटे से शहर सरधना में स्थित है जो अपनी ख़ूबसूरत कारीगरी के लिए चर्चित है। मैरी को समर्पित इस चर्च का डिजाइन इटालिक वास्तुकार एंथनी रेगलिनी ने तैयार किया था। भवन निर्माण साम्रगी जुटाने के लिए आसपास खुदाई की गई थी। खुदाई वाला हिस्सा आगे चलकर दो झीलों में तब्दील हो गया। इस चर्च में मौजूद 'मरियम' की तस्वीर के यहां आने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। 1955 में भारत के कुछ पादरी इटली के 'लैघोर्न' शहर स्थित मशहूर तीर्थस्थान के दर्शन करने गए थे। वहां के चर्च में मरियम की तस्वीर उन्हें बहुत पसंद आई। इस पर वहां के लोगों ने ठीक वैसी ही एक तस्वीर तैयार करवाकर उसे भारत के लोगों के लिए उपहार दे दिया। इसी तस्वीर को 1957 में बड़ी धूमधाम के साथ 'सरधना चर्च' में स्थापित किया गया।
- ईसाइयों के इस तीर्थस्थान की बढ़ती प्रसिद्धि को देखते हुए स्वर्गीय 'पोप जॉन' 23 वें ने 19 दिसम्बर 1961 को सरधना स्थित इस चर्च को 'माइनर बसिलिका' की उपाधि दी। 'बसिलिका' गिरजाघरों को दी जाने वाली एक उपाधि है, जो कि चुने हुए गिरजाघरों को दी जाती है। इटैलियन और मुस्लिम निर्माण कला के बेहतरीन कॉम्बिनेशन के रूप में मशहूर इस चर्च का निर्माण सन् 1809 में शुरू हुआ था और क़रीब ग्यारह साल बाद 1822 में पूरा हुआ।
- उस समय इस चर्च के बनने में 4 लाख रुपये खर्च हुए थे।
- स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना माने जाने वाले इस चर्च का डिजाइन इटैलियन आर्किटैक्ट 'एंथनी रेगलिनी' ने तैयार किया था। इस चर्च में प्रवेश करते ही किसी अलग दुनिया में पहुंचने का अहसास होता है। चारों ओर फैली हरियाली खुशनुमा माहौल का अहसास कराती है। थोड़ा आगे चलने पर सामने 18 खंबों का चर्च का बरामदा नजर आता है।
- चर्च के अंदर प्रवेश करते ही दाईं ओर बेगम समरू की आदमक़द मूर्ति नजर आती है। इटैलियन मूर्ति कला का बेहतरीन नमूना यह मूर्ति इटली में तैयार की गई थी जिसे बाद में सरधना लाकर स्थापित किया गया।
- अपनी क़ब्र के ऊपर खड़ी बेगम की मूर्ति अब भी ऐसी लगती है, मानों अपने दरबार में लोगों के मुकदमों की सुनवाई कर रही हो।
- उससे आगे बढ़ने बायीं ओर माता मरियम की तस्वीर नजर आती है। इस तस्वीर को देखकर एक अलौकिक अहसास की अनुभूति होती है।
- सामने के हॉल में प्रार्थना करने वालों के लिए बैठने का स्थान बना हुआ है।
- नवम्बर के दूसरे हफ्ते में इस पावन तीर्थस्थान में मेला लगता है जिसमें दूर - दूर से अलग - अलग धर्म के लाखों लोग आते हैं। इसके अलावा 25 दिसम्बर को क्रिसमस के मौक़े पर भी यहां काफ़ी लोग प्रार्थना करने के लिए आते हैं।
|
|
|
|
|
चर्च का विहंगम दृश्य
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख