गुरुत्व: Difference between revisions

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'''गुरुत्व''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gravity'') अर्थात् वह आकर्षण बल, जिससे [[पृथ्वी]] किसी वस्तु को अपने केन्द्र की ओर खींचती है। यही कारण है कि मुक्त रूप से ऊपर की ओर फेंकी गई वस्तुयें पृथ्वी की सतह पर आकर गिरती हैं।
'''गुरुत्व''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gravity'') अर्थात् वह आकर्षण बल, जिससे [[पृथ्वी]] किसी वस्तु को अपने केन्द्र की ओर खींचती है। यही कारण है कि मुक्त रूप से ऊपर की ओर फेंकी गई वस्तुयें पृथ्वी की सतह पर आकर गिरती हैं।


*उल्लेखनीय है कि किसी वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वीय बल ही उसका भार अकहलाता है। सर्वप्रथम [[आर्यभट्ट]] ने बताया कि पृथ्वी सभी वस्तुओं को अपनी ओर खींचती है।
*उल्लेखनीय है कि किसी वस्तु पर लगने वाला 'गुरुत्वीय बल' ही उसका भार कहलाता है। सर्वप्रथम [[आर्यभट]] ने बताया कि पृथ्वी सभी वस्तुओं को अपनी ओर खींचती है।
*[[न्यूटन]] के [[गुरुत्वाकर्षण]] के अनुसार दो पिंडों के बीच एक आकर्षण बल [[कार्य (भौतिकी)|कार्य]] करता है। यदि इनमें से एक पिंड [[पृथ्वी]] हो तो इस आकर्षण बल को 'गुरुत्व' कहते हैं।
*[[न्यूटन]] के [[गुरुत्वाकर्षण]] के अनुसार दो पिंडों के बीच एक आकर्षण बल [[कार्य (भौतिकी)|कार्य]] करता है। यदि इनमें से एक पिंड [[पृथ्वी]] हो तो इस आकर्षण बल को 'गुरुत्व' कहते हैं।



Latest revision as of 08:35, 15 March 2018

गुरुत्व (अंग्रेज़ी: Gravity) अर्थात् वह आकर्षण बल, जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केन्द्र की ओर खींचती है। यही कारण है कि मुक्त रूप से ऊपर की ओर फेंकी गई वस्तुयें पृथ्वी की सतह पर आकर गिरती हैं।

  • उल्लेखनीय है कि किसी वस्तु पर लगने वाला 'गुरुत्वीय बल' ही उसका भार कहलाता है। सर्वप्रथम आर्यभट ने बताया कि पृथ्वी सभी वस्तुओं को अपनी ओर खींचती है।
  • न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के अनुसार दो पिंडों के बीच एक आकर्षण बल कार्य करता है। यदि इनमें से एक पिंड पृथ्वी हो तो इस आकर्षण बल को 'गुरुत्व' कहते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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