काव्यमीमांसा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
m (श्रेणी:कवि (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
Line 13: | Line 13: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{संस्कृत साहित्यकार}}{{संस्कृत साहित्य2}} | {{संस्कृत साहित्यकार}}{{संस्कृत साहित्य2}} | ||
[[Category:साहित्य कोश]] | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
[[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]] | [[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]] |
Revision as of 05:18, 25 August 2011
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- संस्कृत कवि राजशेखर द्वारा रचित काव्यमीमांसा अलंकार शास्त्र पर लिखा गया एक विशालकाय ग्रंथ था, जिसमें मूलत: 18 अधिकरण थे।
- किंतु इसका केवल पहला अधिकरण ही उपलब्ध है।
- इसमें कवि ने रस, नीति, अलंकार आदि शास्त्रीय विषयों का समावेश किया है।
- काव्यमीमांसा में राजशेखर ने बुंदेलखंड के नर्तक, गायक, वादक, चारण, चितेरे, विट, वेश्या, इन्द्रजालिक के अतिरिक्त हाथ के तालों पर नाचने वाले, तैराक, रस्सों पर नाचने वाले, दाँतों से खेल दिखाने वाले, पहलवान, पटेबाज और मदारियों का उल्लेख किया है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख