अरुणाचल प्रदेश की कृषि: Difference between revisions

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*[[अरुणाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था]] 'झूम' खेती पर ही मुख्यत: आधरित है।  
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*आजकल नकदी फ़सलों, जैसे-[[आलू]] और बागबानी की फ़सलें, जैसे [[सेब]], [[संतरा|संतरे]] और अनन्नास आदि को प्रोत्साहन जा रहा है।
*आजकल नकदी फ़सलों, जैसे-[[आलू]] और बागबानी की फ़सलें, जैसे [[सेब]], [[संतरा|संतरे]] और अनन्नास आदि को प्रोत्साहन जा रहा है।

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[[चित्र:Worker-Arunachal-Pradesh.jpg|thumb|चाय के बाग़ान में काम करती महिलायें, अरुणाचल प्रदेश]] अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों के जीवनयापन का मुख्य आधार कृषि है।

  • अरुणाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था 'झूम' खेती पर ही मुख्यत: आधरित है।
  • आजकल नकदी फ़सलों, जैसे-आलू और बागबानी की फ़सलें, जैसे सेब, संतरे और अनन्नास आदि को प्रोत्साहन जा रहा है।
  • अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी लोगों में खेती की पारंपरिक विधि शिइंग (झूम) का प्रयोग होता है।
  • इस कृषि विधि की मुख्य पैदावार चावल, मक्का, जौ एवं मोथी (कूटू) हैं।
  • अरुणाचल प्रदेश की मुख्य फ़सलों में चावल, मक्का, बाजरा, गेहूँ, जौ, दलहन, गन्ना, अदरक और तिलहन हैं।


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