नोहखेड़ा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''नोहखेड़ा''' एटा, उत्तर प्रदेश से लगभग 20 मील {{मील|मी...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''नोहखेड़ा''' [[एटा]], [[उत्तर प्रदेश]] से लगभग 20 मील {{मील|मील=20}} की दूरी पर स्थित है। इस स्थान पर दक्षिण की ओर [[गुप्त काल|गुप्त]] एवं [[मध्य काल]] के खंडहर एक विशाल ढूह के रूप में पड़े हुए हैं।
'''नोहखेड़ा''' [[एटा]], [[उत्तर प्रदेश]] से लगभग 20 मील {{मील|मील=20}} की दूरी पर स्थित है। इस स्थान पर दक्षिण की ओर [[गुप्त काल|गुप्त]] एवं [[मध्य काल]] के खंडहर एक विशाल ढूह के रूप में पड़े हुए हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=510|url=}}</ref>


*यहाँ के खंडहरों में से एक महत्त्वपूर्ण नारी मूर्ति मिली है, जिसे स्थानीय लोग 'रुक्मिणी' कहते हैं। यह मूर्ति शीर्षाविहीन है।
*यहाँ के खंडहरों में से एक महत्त्वपूर्ण नारी मूर्ति मिली है, जिसे स्थानीय लोग 'रुक्मिणी' कहते हैं। यह मूर्ति शीर्षाविहीन है।
Line 7: Line 7:
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=510|url=}}
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==

Revision as of 14:07, 15 June 2012

नोहखेड़ा एटा, उत्तर प्रदेश से लगभग 20 मील (लगभग 32 कि.मी.) की दूरी पर स्थित है। इस स्थान पर दक्षिण की ओर गुप्त एवं मध्य काल के खंडहर एक विशाल ढूह के रूप में पड़े हुए हैं।[1]

  • यहाँ के खंडहरों में से एक महत्त्वपूर्ण नारी मूर्ति मिली है, जिसे स्थानीय लोग 'रुक्मिणी' कहते हैं। यह मूर्ति शीर्षाविहीन है।
  • एक अनुश्रुति के अनुसार इस स्थान के समीप महाभारत कालीन 'कुंडलपुर' या 'कुंडिनपुर' नामक नगर बसा हुआ था, जिसका संबंध राजा भीष्मक की कन्या रुक्मिणी की मनोरंजक कथा से बताया जाता है। किन्तु यह विचार ठीक नहीं जान पड़ता, क्योंकि रुक्मिणी के पिता की राजधानी 'कुंडिनपुर' (विदर्भ या बरार) में थी।
  • नौहखेड़ा से 3 मील दूर नरौली में प्राचीन हिन्दू मंदिरों के अनेक अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 510 |

संबंधित लेख