प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
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{'प्राइमावेरा' क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-73 | |||
|type="()"} | |||
-एक मूर्ति | |||
+एक चित्र | |||
-एक उपन्यास | |||
-एक भवन | |||
||'प्राइमावेरा' एक चित्र है। इसे 'एलेगॉरी ऑफ़ स्प्रिंग' के नाम से भी जाना जाता है। इसे इतालवी पुनर्जागरण [[चित्रकार]] सैंड्रो बोत्तिसेली ने चित्रित किया था। | |||
{[[अकबर]] का प्रसिद्ध दरबारी चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-65,प्रश्न-65 | |||
|type="()"} | |||
-बिहजाद | |||
-[[अबुल हसन]] | |||
+[[अब्दुस्समद]] | |||
-[[मनोहर]] | |||
||[[अकबर]] ने [[अब्दुस्समद]] के अधीन [[चित्रकला]] के लिए एक अलग विभाग की स्थापना की थी। अकबर ने इसे राजधानी में टकसाल का प्रभारी भी बनाया था। बाद में उसे सुल्तान का दीवान नियुक्त किया गया।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[अब्दुस्समद]] | |||
{[[गीत गोविन्द]] के चित्र किस शैली में बने हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-4 | |||
|type="()"} | |||
-[[मुग़ल कालीन चित्रकला|मुग़ल]] | |||
-[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा]] | |||
-[[बूंदी चित्रकला|बूंदी]] | |||
+[[बसौली]] | |||
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[[बंगाल]] के अमर कवि [[जयदेव]] द्वारा लिखित '[[गीत गोविन्द]]' को [[बसौली|बसौली शैली]] में चित्रित करने का श्रेय महिला [[चित्रकार]] 'मानकू' को प्राप्त है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[बसौली]] | |||
{[[नंदलाल बोस]] का जन्म कहां हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-41 | |||
|type="()"} | |||
+[[मुंगेर]] | |||
-[[कलकत्ता]] | |||
-चौबीस परगना | |||
-[[शांतिनिकेतन]] | |||
||[[नंदलाल बोस]] का जन्म [[3 दिसंबर]], [[1882]] को [[बिहार]] के [[मुंगेर]] नगर में हुआ। उनके पिता पूर्णचंद्र बोस ऑर्किटेक्ट तथा महाराजा दरभंगा की रियासत के मैनेजर थे। [[16 अप्रैल]], [[1966]] को [[कलकत्ता]] (अब कोलकाता) में उनका देहांत हुआ।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[नंदलाल बोस]] | |||
{कौन [[चित्रकार]] [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-43 | |||
|type="()"} | |||
+[[नंदलाल बोस]] | |||
-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | |||
-[[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]] | |||
-[[जामिनी राय]] | |||
||उपरोक्त में से [[नंदलाल बोस]] ही [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[नंदलाल बोस]] | |||
{पूर्व मध्य कालीन (प्राकृत) कला के- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-162,प्रश्न-34 | |||
|type="()"} | |||
-चित्रों में लय और गति का पूर्ण अभाव है। | |||
+चित्र लय एवं गति पूर्ण है। | |||
-चित्रों में भावों का पूर्ण अभाव है। | |||
-चित्र उच्चकोटि के हैं। | |||
||पूर्व मध्य कालीन या प्राकृत कला के चित्रों में लय एवं गति पूर्ण है क्योंकि इस शैली के रंगों की कोमलता होते हुए भी रेखाएं कर्कश, मुद्राएं उग्रता लिए तथा आकृतियों की अंग-भंगिमाएं अकड़-जकड़दार हैं। | |||
{निम्नलिखित में से कौन राजकीय कला एवं शिल्प विद्यालय, [[मद्रास]] का प्रधानाचार्य नहीं था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-191,प्रश्न-55 | |||
|type="()"} | |||
-के.सी.एस. पनिकर | |||
-[[देवी प्रसाद रायचौधरी]] | |||
-आर.कृष्ण राव | |||
+दिनकर कौशिक | |||
||दिनकर कौशिक राजकीय कला एवं शिल्प विद्यालय, [[मद्रास]] के प्रधानाचार्य नहीं थे। वे [[लखनऊ]] आर्ट स्कूल के प्रधानाचार्य रहे जबकि [[देवी प्रसाद रायचौधरी]], के.सी.एस. पनिकर एवं आर. कृष्ण राव राजकीय कला एवं शिल्प विद्यालय, मद्रास के प्रधानाचार्य थे। देवी प्रसाद रायचौधरी (1929 में) इस विद्यालय के पहले भारतीय प्रधानाचार्य थे। | |||
{7वीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी के मध्य किस शैली का उद्भव एवं विकास हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-44,प्रश्न-28 | |||
|type="()"} | |||
-[[राजपूत चित्रकला|राजपूत शैली]] | |||
+[[जैन चित्रकला|जैन शैली]] | |||
-[[मुग़ल कालीन चित्रकला|मुगल शैली]] | |||
-[[पाल चित्रकला|पाल शैली]] | |||
||[[जैन चित्रकला|जैन चित्र]] काग़ज़ पर 13वीं शताब्दी में बने। 7वीं से 12वीं शताब्दी तक संपूर्ण [[भारत]] में जैन शैली का विशेष प्रभाव रहा। प्रारंभ में ग्रंथों तथा चित्रों के निर्माण में ताल के पत्तों तथा बाद में काग़ज़ का प्रयोग किया गया। | |||
{[[मेवाड़]] चित्रों का प्रिय विषय है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-50,प्रश्न-25 | |||
|type="()"} | |||
-[[बुद्ध]] | |||
-[[दुष्यंत]] | |||
-[[जैन]] | |||
+[[कृष्ण]] | |||
||[[मेवाड़ की चित्रकला|मेवाड़ शैली]] के चित्र काफी हद तक धार्मिक हैं। उनमें भी [[कृष्ण]] के चित्रण को सर्वाधिक प्रमुखता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त मेवाड़ शैली में [[नायिका]] भेद, रसिक प्रिया, भगवतपुराण, [[रामायण]], आर्य रामायण, [[पंचतंत्र]] आदि मेवाड़ शैली के चित्रण के विषय रहे। | |||
{[[ईरान]] के राजाओं को किस सचित्र मुगल पोथियों में अंकित किया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-82 | |||
|type="()"} | |||
-[[तुज़ुक-ए-जहाँगीरी|तुजुक-ए-जहांगीरी]] | |||
-[[आईना-ए-अकबरी]] | |||
-तूतीनामा | |||
+[[शाहनामा]] | |||
||प्रमुख ईरानी ग्रंथ '[[शाहनामा]]' का चित्रण अकबर काल में किया गया। इसमें [[ईरान]] के राजाओं का चित्रण किया गया। | |||
{नव बंगाल शैली किसकी देन थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-36 | {नव बंगाल शैली किसकी देन थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-36 | ||
|type="()"} | |type="()"} |
Revision as of 11:36, 3 December 2017
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