नाटी नृत्य: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (श्रेणी:नया पन्ना; Adding category Category:नृत्य कला (को हटा दिया गया हैं।))
Line 26: Line 26:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{नृत्य कला}}  
{{नृत्य कला}}  
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:कला कोश]]
[[Category:कला कोश]]
[[Category:लोक नृत्य]]
[[Category:लोक नृत्य]]
[[Category:नृत्य कला]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 11:15, 6 February 2011

  • नाटी एक समृद्ध नृत्य परंपरा है। यह मेलों तथा त्योहारों पर किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय व मशहूर नृत्य है।
  • नाटी नृत्य हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, सिरमौर, शिमला इत्यादि जनपदों में किया जाता है।
  • इसे धीमी गति से आरम्भ किया जाता है, जिसे करते समय इसे ढीली नाटी कहा जाता है व बाद में यह द्रुत गति से बढ़ता जाता है।
  • इस नृत्य में ढोलक, करनाल, रणसिंघा, बांसुरी, शहनाई एवं नगाड़े का प्रयोग किया जाता है|
  • इस नृत्य में महिलाएँ घर आंगन में लिपाई कर नर्तन करते हुए खुशी का इजहार करती हैं।

प्रकार

नाटी नृत्य के कई प्रकार हैं। जिस प्रकार छंद-अलंकार के 9 गुण होते हैं, उसी प्रकार से नाटी नृत्य में भी 9 प्रकार के ताल हैं। इस नृत्य में स्वच्छंदता व व्यवस्था है व उन्मुक्त भाव भी है। ऐसी स्वभाविकता जनसमुदाय में प्रवाह है। खड़यातर नाटी में वीरता का भाव है। यह नृत्य धीमी गति से शुरू होकर तेज़ नृत्य के साथ खत्म होती हैं। नाटी नृत्य के कई प्रकार हैं जिनमें मुख्य इस प्रकार है:-

  1. ताउली
  2. फेटी नाटी
  3. बाखली नाटी
  4. बुशहरी नाटी
  5. बांठड़ा
  6. हौरन
  7. चद्रांउली


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख