दार्जिलिंग: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Adding category Category:पहाड़ी पर्यटन स्थल (को हटा दिया गया हैं।))
No edit summary
Line 43: Line 43:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{पहाड़ी पर्यटन स्थल}}
{{पश्चिम बंगाल के नगर}}
{{पश्चिम बंगाल के नगर}}
{{पश्चिम बंगाल के पर्यटन स्थल}}
{{पश्चिम बंगाल के पर्यटन स्थल}}

Revision as of 06:51, 11 December 2011

thumb|250px|दार्जिलिंग का एक दृश्य दर्जिलिंग पश्चिम बंगाल राज्य का सुदूर उत्तरी हिस्सा, पूर्वोत्तर भारत में कोलकाता से 491 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह नगर सिक्किम हिमालय के लंबे व संकरे कटक पर स्थित है, जो महान रांगित नदी के तल की तरफ़ अचानक उतरता है। दर्जिलिंग शहर क़रीब 2,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। साफ़ मौसम वाले दिन दार्जिलिंग से कंचनजंगा (8,586 मीटर) का भव्य दृश्य दिखाई देता है और पास के अवलोकन स्थल, टाइगर हिल से माउंट एवरेस्ट को देखा जा सकता है। इस नगर के नाम का मतलब आकाशीय का स्थान है।

अर्थ

दार्जिलिंग, तिब्बती शब्द 'दोर्जी' से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ है अनमोल पत्थर। धार्मिक दृष्टि से 'दोर्जी' का अर्थ है इन्द्र देवता का 'बज्र'। इसलिये इसे थण्डा बोल्ट भी कहा जाता है। दार्जिलिंग ज़िले का दूसरा महकमा खरसांग (कर्सियांग) है जो कभी 'सफ़ेद आर्किड' एक प्रकार का फूल जिसका स्थानीय नाम सुनखरी के लिए प्रसिद्ध है। इसी पर इस जगह का नामकरण किया गया है। कर्सियांग शहर ऐतिहासिक दृष्टि से भी प्रसिद्ध है।

इतिहास

क्वीन ओफ हिल्स के नाम से मशहूर दार्जिलिंग कभी सिक्किम का हिस्सा हुआ करता था। 1835 में अंग्रेजो ने लीज पर लेकर इसे हिल स्टेशन की तरह विकसित करना प्रारम्भ किया। फिर चाय की खेती और दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों की शुरुआत भी हुई। 1898 मै दार्जीलिंग मै एक बडा भूकम्प आया[1] जिसने सहर और लोगों की बहुत क्षति की। thumb|left|गोरखा युद्ध स्मारक, दार्जिलिंग

भूगोल

  • दार्जिलिंग का क्षेत्रफल 1,160 वर्ग मील है और दार्जिलिंग के उत्तर में सिक्किम, पश्चिम में नेपाल, पूर्व में भूटान और दक्षिण-पश्चिम में बिहार राज्य हैं।
  • दार्जिलिंग में तिस्ता तथा महानंदा नदियाँ बहती हैं।
  • पर्वतीय क्षेत्रों में साल, सागौन और सिनकोना के सघन जंगल हैं।

उद्योग और कृषि

दर्जिलिंग पश्चिमी बंगाल का सबसे अधिक चाय उत्पादक ज़िला है। इस ज़िले में धान, मक्का, ज्वार, इलायची, संतरे, जूट और गेहूँ उत्पन्न होते हैं। यहाँ कोयले तथा तांबे की खानें हैं। दार्जिलिंग, कुर्सियांग और कलिंपोंग में चाय तैयार की जाती है। सिलीगुड़ी में वस्त्रोद्योग, लकड़ी चीरने और धान कूटने की मिलें हैं। हाथी, चीता, तेंदुआ और गैंडा के शिकार के लिए यह ज़िला प्रसिद्ध है।

यातायात

[[चित्र:Toy-Train-Darjeeling-1.jpg|thumb|250px|टॉय ट्रेन, दार्जिलिंग]]

हवाई मार्ग

दर्जिलिंग देश के हर एक जगह से हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। बागदोगरा (सिलीगुड़ी) यहाँ का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है जो 90 किलोमीटर कि दुरी पर स्थीत है। यह दार्जिलिंग से 2 घण्‍टे की दूरी पर है। यहाँ से कलकत्ता और दिल्ली के प्रतिदिन उड़ाने संचालित की जाती है। इसके अलावा गुवाहाटी तथा पटना से भी यहाँ के लिए उड़ाने संचालित की जाती है।

रेलमार्ग

दर्जिलिंग का सबसे नज़दीकी रेल जोन जलपाइगुड़ी है। यह रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों और राज्यों से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा ट्वाय ट्रेन से जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग (8-9 घंटा) तक जाया जा सकता है।

सड़क मार्ग

दर्जिलिंग शहर सिलीगुड़ी से सड़क मार्ग से भी अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। दार्जिलिंग सड़क मार्ग से सिलीगुड़ी से 2 घण्‍टे की दूरी पर स्थित है। कलकत्ता से सिलीगुड़ी के लिए बहुत सी सरकारी और निजी बसें चलती है।

शिक्षण संस्थान

सतह मार्ग और रेल मार्ग स्थापित किए जाने के बाद अन्य कई ऐतिहासिक संसाधनों की स्थापना हुई जैसे 1897 में दार्जिलिंग शहर के समीप सिद्रा बोंग में पनबिजली संयंत्र लगाया गया जो एषिया का पहला पनबिजली उत्पादन केन्द्र माना गया है। [[चित्र:Tiger-Hill.jpg|thumb|250px|left|टाइगर हिल, दार्जिलिंग]] उसके बाद इस क्षेत्र में लगभग 1920 के दशक से अच्छे शैक्षिक संस्थानों को स्थापित करने का कार्य प्रारम्भ हुआ और आज भी स्कूली शिक्षा के लिए अच्छे शैक्षिक संस्थान मौजूद हैं जहाँ विदेशो से भी स्कूली शिक्षा अर्जन करने विद्यार्थी आते हैं।

पर्यटन

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

दार्जिलिंग की यात्रा का एक ख़ास आकर्षण हरे भरे चाय के बागान हैं। हज़ारों देशों में निर्यात होने वाली दार्जिलिंग की चाय सबको खूब भाती हैं। समुद्र तल से लगभग 6812 फुट की उंचाई पर स्थित इस शहर की सुन्दरता को शब्दों में बयां करना बहुत कठिन हैं। पश्चिम बंगाल में स्थित दार्जिलिंग की यात्रा न्यू जलपाईगुड़ी नामक शहर से शुरू होती है। बर्फ़ से ढके सुंदर पहाड़ो का दृश्य अतिमनोहरिय होता हैं। टॉय ट्रेन में यात्रा इसमें चार चांद लगा देती है। यह ट्रेन दार्जिलिंग के प्रसिद्ध हिल स्टेशन की सुंदर वादियों की सैर कराती है। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को 1999 में यूनेस्को द्धारा विश्व धरोंहरों की सूची में शामिल कर लिया गया था। इस सुन्दर पहाड़ी क्षेत्र के बहुत से गांव रेलपथ के निकट ही हैं। दार्जिलिंग जाते समय रास्ते में पडने वाले जंगल, तीस्ता और रंगीत नदियों का संगम देखने योग्य है। चाय के बगान और देवदार के जंगल भी अच्छा दृश्य बनाते हैं। टाइगर हिल पर ठहरकर समय व्यतीत करना, चाय बगान, नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम जैसी बहुत आर्कषण जगह है जो मन को मोह लेती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दार्जीलिंग डिज्यास्टर

संबंधित लेख