चरखारी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''चरखारी''' हमीरपुर ज़िला, उत्तर प्रदेश में स्थित [[...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''चरखारी''' [[हमीरपुर ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित [[अंग्रेज़]] राज्य के समय में [[बुंदेलखंड]] की एक रियासत थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=328|url=}}</ref>
'''चरखारी''' [[हमीरपुर ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित [[अंग्रेज़]] राज्य के समय में [[बुंदेलखंड]] की एक रियासत थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=328|url=}}</ref>


*महाराजा [[छत्रसाल]] के पुत्र राजा जगतराज ने अपने तीसरे पुत्र कुमार कीरतसिंह को अपनी जैतपुरा की रियासत का उत्तराधिकारी बनाया था, किंतु इसकी मृत्यृ अपने [[पिता]] के जीवन काल में ही हो गई।
*महाराजा [[छत्रसाल]] के पुत्र राजा जगतराज ने अपने तीसरे पुत्र कुमार कीरतसिंह को अपनी [[जेतपुर]] की रियासत का उत्तराधिकारी बनाया था, किंतु इसकी मृत्यृ अपने [[पिता]] के जीवन काल में ही हो गई।
*जगतराज की मृत्यु के पश्चात 1759 ई. में कीरतसिंह के पुत्र गुमानसिंह ने राजगद्दी को प्राप्त करना चाहा, लेकिन उसके [[चाचा]] पहाड़सिंह ने इसका विरोध किया।
*जगतराज की मृत्यु के पश्चात 1759 ई. में कीरतसिंह के पुत्र गुमानसिंह ने राजगद्दी को प्राप्त करना चाहा, लेकिन उसके [[चाचा]] पहाड़सिंह ने इसका विरोध किया।
*फलस्वरूप गुमानसिंह और उसका भाई खुमानसिंह भागकर चरखारी पहुँचे और वहाँ के क़िले में रहने लगे।
*फलस्वरूप गुमानसिंह और उसका भाई खुमानसिंह भागकर चरखारी पहुँचे और वहाँ के क़िले में रहने लगे।

Revision as of 13:08, 12 September 2012

चरखारी हमीरपुर ज़िला, उत्तर प्रदेश में स्थित अंग्रेज़ राज्य के समय में बुंदेलखंड की एक रियासत थी।[1]

  • महाराजा छत्रसाल के पुत्र राजा जगतराज ने अपने तीसरे पुत्र कुमार कीरतसिंह को अपनी जेतपुर की रियासत का उत्तराधिकारी बनाया था, किंतु इसकी मृत्यृ अपने पिता के जीवन काल में ही हो गई।
  • जगतराज की मृत्यु के पश्चात 1759 ई. में कीरतसिंह के पुत्र गुमानसिंह ने राजगद्दी को प्राप्त करना चाहा, लेकिन उसके चाचा पहाड़सिंह ने इसका विरोध किया।
  • फलस्वरूप गुमानसिंह और उसका भाई खुमानसिंह भागकर चरखारी पहुँचे और वहाँ के क़िले में रहने लगे।
  • इसके पीछे 1764 ई. में पहाड़सिंह ने खुमानसिंह को चरखारी का प्रदेश दे दिया और इस प्रकार इस रियासत की नींव पड़ी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 328 |

संबंधित लेख