User:रविन्द्र प्रसाद/1: Difference between revisions

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+रत्नाकर
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-रत्नाभ
-रत्नाभ
||[[चित्र:Valmiki-Ramayan.jpg|right|100px|महर्षि वाल्मीकि]]'महर्षि वाल्मीकि' [[संस्कृत भाषा]] के आदि [[कवि]] और [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के आदि काव्य '[[रामायण]]' के रचयिता के रूप में प्रसिद्ध हैं। [[कश्यप|महर्षि कश्यप]] और [[अदिति]] के नवम पुत्र '[[वरुण देवता|वरुण]]' (आदित्य) से इनका जन्म हुआ। इनकी माता चर्षणी और भाई [[भृगु]] थे। जिस [[वाल्मीकि]] के डाकू का जीवन व्यतीत करने का उल्लेख मिलता है, उसे रामायण के रचयिता से भिन्न माना जाता है। पौराणिक विवरण के अनुसार यह 'रत्नाकर' नाम का [[दस्यु]] था। वह लूट-पाट करता था और यात्रियों को मारकर व उनका धन आदि छीनकर उससे अपना परिवार पालता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महर्षि वाल्मीकि]]
||[[चित्र:Valmiki-Ramayan.jpg|right|80px|महर्षि वाल्मीकि]]'महर्षि वाल्मीकि' [[संस्कृत भाषा]] के आदि [[कवि]] और [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के आदि काव्य '[[रामायण]]' के रचयिता के रूप में प्रसिद्ध हैं। [[कश्यप|महर्षि कश्यप]] और [[अदिति]] के नवम पुत्र '[[वरुण देवता|वरुण]]' (आदित्य) से इनका जन्म हुआ। इनकी माता चर्षणी और भाई [[भृगु]] थे। जिस [[वाल्मीकि]] के डाकू का जीवन व्यतीत करने का उल्लेख मिलता है, उसे रामायण के रचयिता से भिन्न माना जाता है। पौराणिक विवरण के अनुसार यह 'रत्नाकर' नाम का [[दस्यु]] था। वह लूट-पाट करता था और यात्रियों को मारकर व उनका धन आदि छीनकर उससे अपना परिवार पालता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महर्षि वाल्मीकि]]


{[[अवधी भाषा|अवधी भाषा]] में रचित [[रामायण]] का क्या नाम है?(पृ.सं.-14
{[[अवधी भाषा|अवधी भाषा]] में रचित [[रामायण]] का क्या नाम है?(पृ.सं.-14
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-कंब रामायण
-कंब रामायण
-अध्यात्म रामायण
-अध्यात्म रामायण
||[[चित्र:Tulsidas-Ramacharitamanasa.jpg|right|100px|रामचरितमानस]]'रामचरितमानस' एक चरित-काव्य है, जिसमें [[श्रीराम]] का सम्पूर्ण जीवन-चरित वर्णित हुआ है। इसमें 'चरित' और 'काव्य' दोनों के गुण समान रूप से मिलते हैं। '[[रामचरितमानस]]' [[तुलसीदास]] की सबसे प्रमुख कृति है। इसकी रचना [[संवत]] 1631 ई. की [[रामनवमी]] को [[अयोध्या]] में प्रारम्भ हुई थी, किन्तु इसका कुछ अंश [[काशी]] (वाराणसी) में भी निर्मित हुआ था। यह इसके '[[किष्किन्धा काण्ड वा. रा.|किष्किन्धाकाण्ड]]' के प्रारम्भ में आने वाले एक सोरठे से निकलती है, उसमें काशी सेवन का उल्लेख है। यह रचना '[[अवधी भाषा|अवधी बोली]]' में लिखी गयी है। इसके मुख्य [[छन्द]] [[चौपाई]] और [[दोहा]] हैं, बीच-बीच में कुछ अन्य प्रकार के भी छन्दों का प्रयोग हुआ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामचरितमानस]]
||[[चित्र:Tulsidas-Ramacharitamanasa.jpg|right|80px|रामचरितमानस]]'रामचरितमानस' एक चरित-काव्य है, जिसमें [[श्रीराम]] का सम्पूर्ण जीवन-चरित वर्णित हुआ है। इसमें 'चरित' और 'काव्य' दोनों के गुण समान रूप से मिलते हैं। '[[रामचरितमानस]]' [[तुलसीदास]] की सबसे प्रमुख कृति है। इसकी रचना [[संवत]] 1631 ई. की [[रामनवमी]] को [[अयोध्या]] में प्रारम्भ हुई थी, किन्तु इसका कुछ अंश [[काशी]] (वाराणसी) में भी निर्मित हुआ था। यह इसके '[[किष्किन्धा काण्ड वा. रा.|किष्किन्धाकाण्ड]]' के प्रारम्भ में आने वाले एक सोरठे से निकलती है, उसमें काशी सेवन का उल्लेख है। यह रचना '[[अवधी भाषा|अवधी बोली]]' में लिखी गयी है। इसके मुख्य [[छन्द]] [[चौपाई]] और [[दोहा]] हैं, बीच-बीच में कुछ अन्य प्रकार के भी छन्दों का प्रयोग हुआ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामचरितमानस]]


{[[समुद्र मंथन]] से प्राप्त उस [[हाथी]] का क्या नाम था, जो श्वेत वर्ण का था?(पृ.सं.-15
{[[समुद्र मंथन]] से प्राप्त उस [[हाथी]] का क्या नाम था, जो श्वेत वर्ण का था?(पृ.सं.-15
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-[[अश्वत्थामा हाथी|अश्वत्थामा]]
-[[अश्वत्थामा हाथी|अश्वत्थामा]]
-[[कुवलयापीड़|कुवलयापीड]]
-[[कुवलयापीड़|कुवलयापीड]]
||[[चित्र:Indra.jpg|right|100px|ऐरावत पर विराजमान इन्द्र]]'ऐरावत' देवताओं के राजा [[इन्द्र]] के [[हाथी]] का नाम है। यह हाथी देवताओं और असुरों द्वारा किये गए [[समुद्र मंथन]] के दौरान निकली चौदह मूल्यवान वस्तुओं में से एक था। मंथन से प्राप्त [[रत्न|रत्नों]] के बँटवारे के समय [[ऐरावत]] को इन्द्र को दे दिया गया था। बँटवारे के समय इन्द्र ने ऐरावत के दिव्य गुण युक्त होने के कारण उसे अपनी सवारी के लिए ले लिया। इसीलिए ऐरावत का 'इंद्रहस्ति' अथवा 'इंद्रकुंजर' नाम भी पड़ा। ऐरावत को शुक्लवर्ण और चार दाँतों वाला बताया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ऐरावत]]
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Revision as of 06:06, 7 May 2013

1 श्रीराम की सेना के दो अभियंता वानरों के नाम क्या थे?(पृ.सं.-11

अंगद-हनुमान
सुग्रीव-अंगद
केसरी-सुषेण
नल-नील

2 लंका के उस प्रसिद्ध वैद्य का क्या नाम था, जिसे लक्ष्मण की मूर्च्छा दूर करने हेतु हनुमान लंका से उठा लाये?(पृ.सं.-11

मातलि
विश्रवा
सुषेण
रैभ्य

3 राजा जनक का मूल नाम क्या था?(पृ.सं.-11

सिरध्वज
शतध्वज
कपिध्वज
मकरध्वज

4 'वाल्मीकि रामायण' की रचना जिस छन्द में हुई, उसका नाम क्या है?(पृ.सं.-12

चौपाई
सोरठा
सवैया
अनुष्टुप

5 उस गुप्तचर का क्या नाम था, जिसके कहने पर श्रीराम ने सीता का परित्याग कर दिया?(पृ.सं.-12

सुमालि
मणिभान
दुर्मुख
छंदक

6 कैकेयी की उस दासी का नाम क्या था, जो मायके से ही उसके साथ अयोध्या रहने आई थी?(पृ.सं.-12

सुभद्रा
मंथरा
रेवती
नलिनी

7 उस तीर्थ का क्या नाम था, जिसमें डुबकी लगाकर श्रीराम ने परमधाम को प्रस्थान किया?(पृ.सं.-12

समंतपंचक
गोमंतक
गोप्रतार
नारदकुंड

8 महर्षि विश्वामित्र का क्षत्रिय दशा का क्या नाम था?(पृ.सं.-12

रुक्मरथ
विश्वरथ
चित्ररथ
दशरथ

9 बालि और सुग्रीव जिस वानर से उत्पन्न हुए थे, उसका नाम क्या था?(पृ.सं.-12

ऋक्षराज
जंभन
केसरी
जामवन्त

10 श्रीराम ने जिन वृक्षों की ओट से वानरराज बालि को मारा, उनका क्या नाम था?(पृ.सं.-13

साल वृक्ष
वट वृक्ष
शमी वृक्ष
अशोक वृक्ष

11 रामायण जिस युग से सम्बन्धित है, उसका क्या नाम है?(पृ.सं.-13

द्वापरयुग
त्रेतायुग
सत्ययुग
कलियुग

12 समुद्र मंथन से जो अश्व निकला था, उसका क्या नाम था?(पृ.सं.-13

चेतक
बाज
उच्चै:श्रवा
सुमाली

13 महर्षि वाल्मीकि का बचपन का नाम क्या था?(पृ.सं.-14

रत्नेश
रत्नसेन
रत्नाकर
रत्नाभ

14 अवधी भाषा में रचित रामायण का क्या नाम है?(पृ.सं.-14

अवधी रामायण
रामचरितमानस
कंब रामायण
अध्यात्म रामायण

15 समुद्र मंथन से प्राप्त उस हाथी का क्या नाम था, जो श्वेत वर्ण का था?(पृ.सं.-15

शत्रुजंय
ऐरावत
अश्वत्थामा
कुवलयापीड