सांचोर: Difference between revisions
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*[[जैन धर्म|जैन]] [[तीर्थंकर]] [[महावीर]] का एक प्राचीन मन्दिर यहां स्थित है। प्राचीन काल में सत्यपुर जैनों का महत्वपूर्ण स्थान था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=932|url=}}</ref> | *[[जैन धर्म|जैन]] [[तीर्थंकर]] [[महावीर]] का एक प्राचीन मन्दिर यहां स्थित है। प्राचीन काल में सत्यपुर जैनों का महत्वपूर्ण स्थान था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=932|url=}}</ref> |
Latest revision as of 13:13, 12 September 2014
सांचोर राजस्थान का एक ऐतिहासिक क़स्बा है, जो जालौर ज़िले में स्थित है। प्राचीन काल में यह क़स्बा 'सत्यपुर' के नाम से विख्यात था। इसका जैन ग्रंथ ‘विविधतीर्थ कल्प’ में जैनतीर्थ के रूप में वर्णन है।
- जैन तीर्थंकर महावीर का एक प्राचीन मन्दिर यहां स्थित है। प्राचीन काल में सत्यपुर जैनों का महत्वपूर्ण स्थान था।[1]
- 'विविधतीर्थ कल्प' के अनुसार यहां 24वें तीर्थंकर महावीर का एक मंदिर था, जिसे किसी मुसलमान सुल्तान ने गुजरात पर आक्रमण के समय तोड़ना चाहा था।
- मालवा के राजा ने भी सत्यपुर पर आक्रमण किया था, किंतु उसकी सेना को 'ब्रह्मशांति' नामक यक्ष ने परास्त कर दिया था और इस प्रकार सत्यपुर की रक्षा हुई थी।
- जैन स्तोत्र 'तीर्थमालाचैत्यवंदन' में भी इस नगर का उल्लेख है।
- प्राचीन सत्यपुर ही वर्तमान सांचोर है। प्राकृत ग्रंथों में इसे 'सच्चैर' कहा गया है-
'वंदे सत्यपुरे च बाहडपुरे राडद्रहे बायडे'
- महावीर स्वामी के शिष्य द्वारा रचित 'जगचिंतामणि चैत्यवंदन' में भी इसका नामोल्लेख है।
- भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग-15 इस कस्बे से होकर गुजरता है। सभी ब्लॉक मुख्यालय बस सेवा द्वारा जुड़े हुए हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 932 |