कपिल देव: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
नवनीत कुमार (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " जगत " to " जगत् ") |
||
Line 76: | Line 76: | ||
कपिल देव ने 20 वर्ष की उम्र में ही एक हज़ार बनाने तथा 100 विकेट लेने का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह कीर्तिमान केवल एक साल और 109 दिन में ही बना है। | कपिल देव ने 20 वर्ष की उम्र में ही एक हज़ार बनाने तथा 100 विकेट लेने का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह कीर्तिमान केवल एक साल और 109 दिन में ही बना है। | ||
==विश्व विजेता भारत== | ==विश्व विजेता भारत== | ||
भारतीय क्रिकेट टीम को सन 1983 में एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट शृंखला में विश्व विजेता बनाने का श्रेय कपिल देव को है। विश्व कप में उनके द्वारा बनाये गये 175 रनों की ऐतिहासिक पारी क्रिकेट | भारतीय क्रिकेट टीम को सन 1983 में एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट शृंखला में विश्व विजेता बनाने का श्रेय कपिल देव को है। विश्व कप में उनके द्वारा बनाये गये 175 रनों की ऐतिहासिक पारी क्रिकेट जगत् में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गई। | ||
==आत्मकथा== | ==आत्मकथा== | ||
अपनी आत्मकथा 'बाई गॉड्स डिक्री' में उन्होंने भारतीय क्रिकेट और अपने जीवन के बारे में स्पष्ट लिखा है कि मैंने एक लकड़ी व्यापारी के यहाँ जन्म लिया। 13 वर्ष की उम्र के पहले मैंने क्रिकेट नहीं खेली। यह उस समय हुआ जब सैक्टर 16 की टीम में एक खिलाड़ी की कमी हो गई और मुझे शामिल कर लिया गया। यह केवल एक अवसर था। उनका विचार है कि जीतने के लिए खेलो। आक्रमण करो, रन बनाओं और विकेट लो। कभी प्रयत्न करना बंद मत करो। | अपनी आत्मकथा 'बाई गॉड्स डिक्री' में उन्होंने भारतीय क्रिकेट और अपने जीवन के बारे में स्पष्ट लिखा है कि मैंने एक लकड़ी व्यापारी के यहाँ जन्म लिया। 13 वर्ष की उम्र के पहले मैंने क्रिकेट नहीं खेली। यह उस समय हुआ जब सैक्टर 16 की टीम में एक खिलाड़ी की कमी हो गई और मुझे शामिल कर लिया गया। यह केवल एक अवसर था। उनका विचार है कि जीतने के लिए खेलो। आक्रमण करो, रन बनाओं और विकेट लो। कभी प्रयत्न करना बंद मत करो। |
Revision as of 14:13, 30 June 2017
चित्र:Disamb2.jpg कपिल | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- कपिल (बहुविकल्पी) |
कपिल देव
| |||
व्यक्तिगत परिचय
| |||
पूरा नाम | कपिल देव रामलाल निखंज | ||
अन्य नाम | कपिल देव | ||
जन्म | 6 जनवरी, 1959 | ||
जन्म भूमि | हरियाणा | ||
अभिभावक | राम लाल निखंज, राजकुमारी लाजवंती | ||
खेल परिचय
| |||
बल्लेबाज़ी शैली | दाएँ हाथ के बल्लेबाज़ | ||
गेंदबाज़ी शैली | दाहिने हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज़ | ||
टीम | भारत | ||
भूमिका | बल्लेबाज, गेंदबाज़ | ||
कैरियर आँकड़े
| |||
प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय |
मुक़ाबले | 131 | 225 | 0 |
बनाये गये रन | 5248 | 3783 | 0 |
बल्लेबाज़ी औसत | 31.05 | 23.79 | o |
100/50 | 8/27 | 1/14 | 0 |
सर्वोच्च स्कोर | 163 | 175* | 0 |
फेंकी गई गेंदें | 27740 | 11202 | 0 |
विकेट | 434 | 253 | 0 |
गेंदबाज़ी औसत | 29.64 | 27.45 | 0 |
पारी में 5 विकेट | 23 | 1 | 0 |
मुक़ाबले में 10 विकेट | 2 | 0 | 0 |
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | 9/83 | 5/43 | 0 |
कैच/स्टम्पिंग | 64/0 | 71/0 | 0 |
बाहरी कड़ियाँ | कपिल देव के क्रिकेट आंकड़े | ||
अद्यतन | 18:49, 22 सितम्बर 2013 (IST)
|
कपिल देव (अंग्रेज़ी: Kapil Dev) भारत के प्रथम क्रिकेट विश्व कप विजेता दल के कप्तान एवं सफलतम हरफनमौला खिलाड़ी हैं। कपिल देव का खेल और उनके आँकड़े इस बात के प्रमाण हैं। भारत के इस प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी का जन्म 6 जनवरी, 1959 को हरियाणा में हुआ था। कपिल देव ने सन् 1975 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में प्रवेश किया। उनका जन्म एक लकड़ी व्यापारी के यहाँ हुआ।
सफलतम हरफनमौला
उन्होंने सन् 1978 में पाकिस्तान में प्रथम टेस्ट मैच खेला। कपिल देव गेंद को सही दिशा देने में माहिर थे। भारतीय क्रिकेट दल में मध्यम तीव्र गति के गेंदबाज़ी की कमी को उन्होंने बहुत हद तक दूर कर दिया था। कपिल अपनी प्रभावशाली मध्यम गति की गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी से विश्व के सफलतम हरफनमौला (आलराउंडर) बने। कपिलदेव इंग्लैंड के क्रिकेट खिलाड़ी इयान बॉथम के बाद विश्व के ऐसे दूसरे आलराउंडर हैं जिन्होंने 83 मैचों में 300 विकेट लेकर तथा 3000 से अधिक रन बनाकर दोहरी सफलता प्राप्त की है। [[चित्र:Sachin-Kapil-Azharuddin.jpg|thumb|left|1989 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज से पहले कैमरे के सामने कपिल देव, सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अज़हरुद्दीन]]
कीर्तिमान
कपिल देव ने 20 वर्ष की उम्र में ही एक हज़ार बनाने तथा 100 विकेट लेने का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह कीर्तिमान केवल एक साल और 109 दिन में ही बना है।
विश्व विजेता भारत
भारतीय क्रिकेट टीम को सन 1983 में एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट शृंखला में विश्व विजेता बनाने का श्रेय कपिल देव को है। विश्व कप में उनके द्वारा बनाये गये 175 रनों की ऐतिहासिक पारी क्रिकेट जगत् में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गई।
आत्मकथा
अपनी आत्मकथा 'बाई गॉड्स डिक्री' में उन्होंने भारतीय क्रिकेट और अपने जीवन के बारे में स्पष्ट लिखा है कि मैंने एक लकड़ी व्यापारी के यहाँ जन्म लिया। 13 वर्ष की उम्र के पहले मैंने क्रिकेट नहीं खेली। यह उस समय हुआ जब सैक्टर 16 की टीम में एक खिलाड़ी की कमी हो गई और मुझे शामिल कर लिया गया। यह केवल एक अवसर था। उनका विचार है कि जीतने के लिए खेलो। आक्रमण करो, रन बनाओं और विकेट लो। कभी प्रयत्न करना बंद मत करो।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- कपिल देव
- Kapil Dev inducted into Hall of Fame
- Kapil Dev Profile
- Kapil Dev named Indian player of century
- भारत क्रिकेट विश्व कप 1983 विडियो
- कपिल देव विश्व कप 1983 विडियो
संबंधित लेख