आमेर का क़िला जयपुर: Difference between revisions
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चित्र:Amer-Fort-Jaipur-7.jpg|आमेर के क़िले का प्रवेश द्वार, [[जयपुर]] | |||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
Latest revision as of 11:30, 16 July 2017
आमेर का क़िला जयपुर
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विवरण | हिन्दू और फ़ारसी शैली के मिश्रित स्वरूप का यह क़िला देश में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। |
राज्य | राजस्थान |
नगर | जयपुर |
स्वामित्व | राजस्थान सरकार |
निर्माण | राजा मानसिंह और सवाई जयसिंह |
स्थापना | 1592 ई. |
भौगोलिक स्थिति | 26° 59′ 9.24″ उत्तर, 75° 51′ 2.52″ पूर्व |
मार्ग स्थिति | दिल्ली-जयपुर राजमार्ग की जंगली पहाड़ियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता हुआ खड़ा है। |
प्रसिद्धि | दीवाने ख़ास और शीश महल पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केन्द्र है। |
अन्य जानकारी | महल के मुख्य द्वार के बाहर कछवाहा राजाओं की कुल देवी शिला माता का मंदिर है। |
अद्यतन | 18:46, 2 फ़रवरी 2015 (IST)
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आमेर का क़िला (अंग्रेज़ी: Amer Fort) राजस्थान के जयपुर में स्थित एक ऐतिहासिक नगर आमेर में राजपूत वास्तुकला का अद़भुत उदाहरण है। आमेर का क़िला दिल्ली - जयपुर राजमार्ग की जंगली पहाड़ियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता हुआ खड़ा है। प्राचीन काल में अम्बावती और अम्बिबकापुर के नाम से आमेर कछवाह राजाओं की राजधानी रहा है।
विशेषताएँ
- आमेर क़िले के राजमहलों का निर्माण मिर्जा राजा मानसिंह ने करवाया था।
- सवाई जयसिंह ने इसमें कुछ नये भवनों का निर्माण करवाया।
- हिन्दू और फ़ारसी शैली के मिश्रित स्वरूप का यह क़िला देश में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है।
- दीवान ए आम या जनता के दरबार का कक्ष महल के अंदर है और दीवान एक ख़ास या निजी श्रोताओं का कमरा और सुख निवास भी महल के अंदर है जहाँ वातानुकूलन के प्रयोजन हेतु पानी के झिरियों से गुजरती हुई ठण्डी हवा बहती है।
- महल के मुख्य द्वार के बाहर कछवाहा राजाओं की कुल देवी शिला माता का मंदिर है।
- महल में घुसते ही 20 खम्भों का राजपूत भवन शैली पर सफ़ेद संगमरमर व लाल पत्थर का बना दीवाने आम है।
- दीवाने ख़ास और शीश महल पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केन्द्र है।
- महल में मावठा झील से आती ठण्डी हवाओं का आनन्द लेने के लिये सुख निवास भी स्थित है।
- रानियों के लिये अनेक निजी कक्ष भी निर्मित है।
- रानियों के निजी कक्षों में जालीदार परदों के साथ खिड़कियाँ हैं ताकि राज परिवार की महिलाऐं शाही दरबार में होने वाली कारवाइयों को गोपनीयता पूर्वक देख सकें।
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वीथिका
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अम्बर क़िला, जयपुर
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आमेर क़िला, जयपुर
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आमेर का क़िला, जयपुर (1860)
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आमेर का क़िला, जयपुर (1867)
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आमेर क़िला, जयपुर
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आमेर का क़िला, जयपुर
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आमेर के क़िले की यात्रा करते हुए सैलानी, जयपुर
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आमेर का क़िला, जयपुर
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आमेर के क़िले का प्रवेश द्वार, जयपुर