छत्तीसगढ़ की कृषि: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "छ्त्तीसगढ़" to "छत्तीसगढ़") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "जुडी " to "जुड़ी ") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
*[[छत्तीसगढ़]] राज्य में 80 प्रतिशत आबादी कृषि और उससे | *[[छत्तीसगढ़]] राज्य में 80 प्रतिशत आबादी कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों में लगी है। | ||
*137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से कुल कृषि क्षेत्र कुल क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है। | *137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से कुल कृषि क्षेत्र कुल क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है। | ||
*खेती का प्रमुख मौसम ख़रीफ हैं। | *खेती का प्रमुख मौसम ख़रीफ हैं। |
Latest revision as of 12:52, 25 April 2018
- छत्तीसगढ़ राज्य में 80 प्रतिशत आबादी कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों में लगी है।
- 137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से कुल कृषि क्षेत्र कुल क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है।
- खेती का प्रमुख मौसम ख़रीफ हैं।
- चावल यहाँ की मुख्य फ़सल है।
- अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं- मक्का, गेंहू कच्चा अनाज, मूँगफली और दलहन।
- राज्य में धान का सर्वाधिक भंडार है।
- यहाँ पर लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बागवानी फ़सलें उगाई जाती हैं।
एक विस्तृत और लहरदार प्रदेश छत्तीसगढ़ में चावल और अनाज की खेती होती है। निम्नभूमि में चावल बहुतायत में होता है, जबकि उच्चभूमि में मक्का और मोटे अनाज की खेती होती है। क्षेत्र की महत्त्वपर्ण नक़दी फ़सलों में कपास और तिलहन शामिल हैं। बेसिन में आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रचलन धीमी गति से हो रहा है। कृषि की दृष्टि से यह एक बेहद उपजाऊ क्षेत्र है। यह देश का 'धान का कटोरा' कहलाता है और 600 से ज़्यादा चावल मिलों को अनाज की आपूर्ति करता है। कुल क्षेत्र का आधे से कम क्षेत्र कृषि योग्य है, हालांकि स्थलाकृति, वर्षा और मिट्टी में विविधता के कारण इसका वितरण असमान है। यहाँ की कृषि की विशेषता कम उत्पादन और खेती की पारंपरिक विधियों का प्रयोग है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख