केरल दिवस: Difference between revisions

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==संक्षिप्त परिचय==
==संक्षिप्त परिचय==
केरल का क्षेत्रफल 38,863 वर्ग कि.मी. है। राज्य की सीमा एक ओर से [[समुद्र]] के साथ और इसके अलावा [[कर्नाटक]] और [[तमिलनाडु]] से भी जुड़ी है। [[तिरुवनंतपुरम]] जिसे [[त्रिवेंद्रम]] भी कहते हैं, केरल की राजधानी है और इसका कोवलम समुद्र तट दुनिया भर में मशहूर है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। [[1 जुलाई]] [[1949]] में तिरुवितांकूर और [[कोचीन]] रियासतों को जोडकर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मालाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। [[1 नवंबर]] [[1956]] में तिरुकोच्चि के साथ मालाबार को भी जोडा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई।
केरल का क्षेत्रफल 38,863 वर्ग कि.मी. है। राज्य की सीमा एक ओर से [[समुद्र]] के साथ और इसके अलावा [[कर्नाटक]] और [[तमिलनाडु]] से भी जुड़ी है। [[तिरुवनंतपुरम]] जिसे [[त्रिवेंद्रम]] भी कहते हैं, केरल की राजधानी है और इसका कोवलम समुद्र तट दुनिया भर में मशहूर है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। [[1 जुलाई]] [[1949]] में तिरुवितांकूर और [[कोचीन]] रियासतों को जोडकर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मालाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। [[1 नवंबर]] [[1956]] में तिरुकोच्चि के साथ मालाबार को भी जोडा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई।

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केरल दिवस
राजधानी तिरुवनन्तपुरम
राजभाषा(एँ) मलयालम भाषा
स्थापना 1 नवंबर, 1956
जनसंख्या 3,33,87,677[1]
· घनत्व 859[1] /वर्ग किमी
क्षेत्रफल 38,863 वर्ग किमी
भौगोलिक निर्देशांक 8.5074°N 76.972 °E
· ग्रीष्म 36.7 °C
· शरद 19.8 °C
ज़िले 14[1]
मुख्य पर्यटन स्थल कोवलम, वरकला, अलप्पुझा, बेक्कल, मुन्नार, कन्नूर
लिंग अनुपात 1000:1,084[1] ♂/♀
साक्षरता 93.91 [1]%
· स्त्री 91.98%
· पुरुष 96.02%
राज्यपाल पी. सतशिवम[1]
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन
लोकसभा क्षेत्र 20[1]
राज्यसभा सदस्य 9[1]
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
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केरल स्थापना दिवस प्रतिवर्ष '1 नवंबर' को मनाया जाता है। केरल भारत के दक्षिण पश्चिम कोने का एक राज्य है। इस राज्य को "गॅाड्स ओन कंट्री" भी कहा जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। हालांकि केरल का इतिहास ईसाई युग तक का है, जबकि आधुनिक केरल को 1 नवंबर, 1956 को बनाया गया था, जब सब राज्यों को भाषा के आधार पर पुनर्गठित किया गया। केरल कई मायनों में बाकी भारत से अलग है।

संक्षिप्त परिचय

केरल का क्षेत्रफल 38,863 वर्ग कि.मी. है। राज्य की सीमा एक ओर से समुद्र के साथ और इसके अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु से भी जुड़ी है। तिरुवनंतपुरम जिसे त्रिवेंद्रम भी कहते हैं, केरल की राजधानी है और इसका कोवलम समुद्र तट दुनिया भर में मशहूर है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। 1 जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोचीन रियासतों को जोडकर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मालाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। 1 नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मालाबार को भी जोडा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई।

इतिहास

आज के केरल की संस्कृति यहां दुनिया भर से आए राजवंशों और आकर बसे विभिन्न संस्कृति के लोगों के असर से बनी है। केरल के मुसलमान उन अरब व्यापारियों के वंशज हैं, जो यहां आए और विवाह करके यहीं बस गए। यहूदी लोगों के यहां आने के बाद आए अरब ही पहली मुस्लिम लहर यहां लेकर आए। अरब ही पहले थे, जिन्होनें इस उप-महाद्वीप में पहली मस्जिद बनवाई जो कोडुंगल्लुर में बनी। मालाबार क्षेत्र में यह लोग केन्द्रित होते गए और 18वीं सदी तक यह ज्यादातर खेतिहर मजदूर, छोटे व्यापारी और ज़मोरिन सेना में सैनिक थे।

दुनिया में पहली बार सन् 1957 में लोकतांत्रिक तरीके से एक मार्क्सवादी सरकार बनने से केरल का नाम इतिहास में दर्ज हो गया। राज्य में वामपंथी सोच का काफी असर है। केरल की साक्षरता दर भारत में सबसे अधिक है और शिशु मृत्यु दर देश में सबसे कम है और पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी अधिक है। यह सब तथ्य इस राज्य के बारे में काफी कुछ बयां करते हैं। इसकी तुलना अक्सर विकसित देशों के समाज से की जाती है।

समाज और संस्कृति

शिक्षा, साक्षरता और स्वास्थ्य के मामले में केरल का समाज भारत का सबसे उन्नत समाज है। यहां तक की केरल का फिसीकल क्वालिटी आॅफ लाइफ इंडेक्स भी सबसे उंचा है। केरल के लोगों का स्वभाव हमेशा से घुमंतु रहा है, इसलिए यहां के लोग इस धरती के लगभग सारे देश घूम चुके हैं। भारतीय और द्रविड़ संस्कृति का हिस्सा होकर भी मलयाली संस्कृति का अपना खुद का एक रंग है। इसकी वजह यहां की विशिष्ट भौगोलीय स्थिति है। पूर्व में पश्चिमी घाट से घिरा और पश्चिम में अरब सागर से घिरा केरल लंबे समय तक द्वीप की तरह एकांतमय रहा। इसका नतीजा इनकी अलग भाषा, कपड़े, संस्कृति और संस्थाओं में दिखता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 1.6 1.7 Home (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) केरल की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 20 जनवरी, 2014।

संबंधित लेख