स्वामी शिवानन्द: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व |चित्र=Swami-Shivananda.jpg |च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 24: | Line 24: | ||
|विशेष योगदान= | |विशेष योगदान= | ||
|नागरिकता=भारतीय | |नागरिकता=भारतीय | ||
|संबंधित लेख=[[ | |संबंधित लेख=[[रामकृष्ण मिशन]], [[रामकृष्ण परमहंस]], [[स्वामी विवेकानन्द]], [[स्वामी रंगनाथानन्द]] | ||
|शीर्षक 1= | |शीर्षक 1= | ||
|पाठ 1= | |पाठ 1= |
Latest revision as of 17:13, 25 April 2021
स्वामी शिवानन्द
| |
पूरा नाम | स्वामी शिवानन्द |
अन्य नाम | तारकनाथ घोषाल |
जन्म | 16 दिसंबर, 1854 |
जन्म भूमि | बरसात ग्राम, पश्चिम बंगाल |
मृत्यु | 20 फ़रवरी, 1934 |
कर्म भूमि | भारत |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | रामकृष्ण मिशन, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानन्द, स्वामी रंगनाथानन्द |
अन्य जानकारी | शिवानन्द जी को बेलूर मठ में श्री रामकृष्ण मंदिर की आधारशिला रखने के लिए जाना जाता था |
स्वामी शिवानन्द (अंग्रेज़ी: Shivananda, जन्म- 16 दिसंबर, 1854; मृत्यु- 20 फ़रवरी, 1934) रामकृष्ण मिशन के दूसरे संघाध्यक्ष थे। उनका पूर्व नाम 'तारकनाथ घोषाल' था। उनके शिष्य उन्हें 'महापुरुष महाराज' के नाम से पुकारते थे। स्वामी शिवानन्द हिन्दू आध्यात्मिक नेता और रामकृष्ण परमहंस के प्रत्यक्ष शिष्य थे।
- स्वामी शिवानन्द का जन्म पश्चिम बंगाल के बरसात नामक ग्राम में हुआ था।
- वह हिन्दू आध्यात्मिक नेता और रामकृष्ण के प्रत्यक्ष शिष्य थे, जो रामकृष्ण मिशन के दूसरे अध्यक्ष बने।
- उनके भक्त उन्हें महापुरुष महाराज (महान आत्मा) के रूप में संदर्भित करते हैं।
- स्वामी शिवानन्द और सुबोधानंद रामकृष्ण के एकमात्र प्रत्यक्ष शिष्य थे। वह एक ब्रह्मज्ञानी थे।
- शिवानन्द जी को बेलूर मठ में श्री रामकृष्ण मंदिर की आधारशिला रखने के लिए जाना जाता था, जिसे विजयानंद ने डिजाइन किया था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख