सुरेश चंद्र गुप्ता: Difference between revisions

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'''सुरेश चंद्र गुप्ता''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Suresh Chandra Gupta'') भारतीय वैज्ञानिक हैं। वह स्वचालित नियंत्रण, उपकरण और अंतरिक्ष प्रणाली विश्लेषण में अग्रणी योगदान के साथ एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष इंजीनियर थे। डॉ. एस. सी. गुप्ता भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत से ही इसके साथ जुड़े रहे थे।  
'''सुरेश चंद्र गुप्ता''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Suresh Chandra Gupta'', जन्म- [[7 जनवरी]], [[1934]]) भारतीय वैज्ञानिक हैं। वह स्वचालित नियंत्रण, उपकरण और अंतरिक्ष प्रणाली विश्लेषण में अग्रणी योगदान के साथ एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष इंजीनियर थे। डॉ. एस. सी. गुप्ता भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत से ही इसके साथ जुड़े रहे थे।  
==परिचय==
==परिचय==
[[7 जनवरी]], [[1934]] को जन्मे सुरेश चंद्र गुप्ता ने [[बनारस हिंदू विश्वविद्यालय]] से बीएससी और भारतीय विज्ञान संस्थान, [[बैंगलोर]] से डीआईआईएससी की डिग्री ली। बाद में उन्होंने [[अमेरिका]] के पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। [[1965]] में घर वापस आने के बाद डॉ. गुप्ता ने [[तिरुवनंतपुरम]] में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास के लिए सुविधाओं की योजना बनाने और स्थापित करने में [[विक्रम साराभाई|डॉ. विक्रम साराभाई]] के तहत [[विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र]] (तब एसएसटीसी) में अपना कॅरियर शुरू किया।<ref name="pp">{{cite web |url= https://www.vssc.gov.in/HINDI/Gupta.html|title=सुरेश चंद्र गुप्ता|accessmonthday=21 दिसम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=vssc.gov.in |language=हिंदी}}</ref>
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सुरेश चंद्र गुप्ता (अंग्रेज़ी: Suresh Chandra Gupta, जन्म- 7 जनवरी, 1934) भारतीय वैज्ञानिक हैं। वह स्वचालित नियंत्रण, उपकरण और अंतरिक्ष प्रणाली विश्लेषण में अग्रणी योगदान के साथ एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष इंजीनियर थे। डॉ. एस. सी. गुप्ता भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत से ही इसके साथ जुड़े रहे थे।

परिचय

7 जनवरी, 1934 को जन्मे सुरेश चंद्र गुप्ता ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बीएससी और भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से डीआईआईएससी की डिग्री ली। बाद में उन्होंने अमेरिका के पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 1965 में घर वापस आने के बाद डॉ. गुप्ता ने तिरुवनंतपुरम में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास के लिए सुविधाओं की योजना बनाने और स्थापित करने में डॉ. विक्रम साराभाई के तहत विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (तब एसएसटीसी) में अपना कॅरियर शुरू किया।[1]

कॅरियर

सुरेश चंद्र गुप्ता अंतरिक्ष वाहनों के लिए नियंत्रण, मार्गदर्शन और इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम के विकास के लिए भी जिम्मेदार थे। उन्होंने उपग्रह प्रक्षेपण यान परियोजनाओं को बहु-विषयक नेतृत्व प्रदान किया, जिससे एएसएलवी और पीएसएलवी का सफल विकास हुआ। उन्होंने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए इलेक्ट्रॉनिक पैकेज के उत्पादन में भारतीय उद्योग के साथ सहयोग को सफलतापूर्वक बढ़ावा दिया।

सन 1985 में वीएसएससी के निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से पहले उन्होंने प्रमुख, नियंत्रण, मार्गदर्शन और इंस्ट्रुमेंटेशन डिवीजन, समूह निदेशक, एवियोनिक्स और एसोसिएट निदेशक, वीएसएससी के रूप में कार्य किया और 1994 तक उस पद पर बने रहे। वह 1993-1994 के दौरान अंतरिक्ष आयोग के सदस्य भी थे। डॉ. गुप्ता नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत के फेलो थे। आजीवन सदस्य होने के अलावा उन्होंने 12 वर्षों तक सिस्टम्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स के सदस्य भी थे। सुरेश चंद्र गुप्ता क्षेत्रीय कैंसर केंद्र, तिरुवनंतपुरम की गवर्निंग काउंसिल, केरल हाईटेक इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक मंडल और पर्यावरण और विकास केंद्र, तिरुवनंतपुरम के शासी निकाय के अध्यक्ष जैसे कई परिषदों और बोर्डों के सदस्य रहे।

सम्मान

सुरेश चंद्र गुप्ता के नाम कई सम्मान और पुरस्कार हैं। उनमें से प्रमुख हैं-

  • राष्ट्रीय प्रणाली पुरस्कार (1975)
  • श्री हरिओम आश्रम पेरिट डॉ. विक्रम साराभाई अनुसंधान पुरस्कार (1979)
  • राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी पुरस्कार (1989)
  • विद्युत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए वासविक अनुसंधान पुरस्कार (1990) का आर्यभट्ट पुरस्कार
  • द एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया फॉर लाइफ-टाइम कंट्रीब्यूशन (1996)
  • अमेरिका बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट इंक, रैले, एनसी, यूएसए द्वारा नामांकित मैन ऑफ द ईयर (1994,1995)


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सुरेश चंद्र गुप्ता (हिंदी) vssc.gov.in। अभिगमन तिथि: 21 दिसम्बर, 2021।

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