हस्तिवर्मा

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हस्तिवर्मा अथवा 'हस्तिवर्मन' समुद्रगुप्त (330-380 ई.) के समय वेंगी का राजा था, जो सम्भवतः शालंकायन वंश का था। समुद्रगुप्त ने जिन राजाओं को हराने के बाद उनका राज्य लौटा दिया था, उनमें से हस्तिवर्मा भी एक था।

  • विश्वास किया जाता है कि हस्तिवर्मा शालंकायन वंश का था।
  • शालंकायन साम्राज्य उस समय कृष्णा और गोदावरी नदियों के बीच एल्लोर पर्वत के सात मील उत्तर में वेंगी अथवा पेद्दा-वेंगी में था।
  • खोह नामक स्थान, जो कि मध्य प्रदेश में नागदा के निकट स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है, यहाँ से गुप्त कालीन ताम्रपत्रों और दानपत्रों पर लिखे अभिलेख प्राप्त हुए हैं। इन दानपत्र अभिलेखों में ब्राह्मणों एवं मन्दिरों के नाम दान आदि दिये जाने का उल्लेख है। इन अभिलेखों में महाराज हस्तिवर्मा द्वारा 'गोपस्वामिन' व अन्य ब्राह्मणों को ग्राम दान का उल्लेख है। इसकी तिथि 475 ई. है।


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