ककना

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ककना - (प्रान्तीय प्रयोग) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कङ्कण)[1]

कंगन।

उदाहरण-

नेह बिगरही दोहरी सजनी, ककना अकिल के ढार हो। - कबीर साहब की शब्दावली[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 733 |
  2. कबीर साहब की शब्दावली, भाग 4, पृष्ठ 134

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